ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Mon, 09 Sep 2024 07: 43 PM IST
दुनिया 9 सितंबर को विश्व ईवी दिवस मना रही है। विभिन्न श्रेणियों में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में भारत ने भी महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। हालांकि अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है।
भारत सरकार का वाहन डैशबोर्ड डेटा ग्रीन मोबिलिटी सॉल्यूशंस (हरित गतिशीलता समाधानों) की ओर बढ़ने की बढ़ती ट्रेंड को दर्शाता है।
Trending Videos
ईवी को अपनाने में सबसे अहम ट्रेंड तीन-पहिया श्रेणी में देखी गई है, जहां ईवी ने समग्र बिक्री में तेजी से बढ़ोतरी की है। डेटा के अनुसार, इस वर्ष (2024) खरीदे गए सभी नए तीन-पहिया वाहनों में से 53.61 प्रतिशत इलेक्ट्रिक थे, जिससे यह सेगमेंट ईवी अपनाने में अव्वल रहा।
ईवी दो-पहिया सेगमेंट
दो-पहिया सेगमेंट ने भी ईवी अपनाने के उत्साहजनक संकेत दिखाए हैं। जिसमें इस वर्ष 2024 में अब तक की सभी दो-पहिया बिक्री में से 4.97 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों का योगदान है।
हालांकि, तीन-पहिया वाहनों की तुलना दोपहिया श्रेणी में बढ़ोतरी का प्रतिशत कम है। लेकिन भारत के समग्र वाहन बिक्री बाजार में इसके दबदबे को देखते हुए, दो-पहिया श्रेणी में बढ़ोतरी की महत्वपूर्ण क्षमता है। ज्यादातर उपभोक्ता लागत-प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों की तलाश करते हैं। ऐसे में इस सेगमेंट में ईवी की एंट्री आने वाले वर्षों में और बढ़ने की उम्मीद है।
इलेक्ट्रिक चार-पहिया सेगमेंट
हालांकि, चार-पहिया सेगमेंट में, ईवी का अपनाना तुलनात्मक रूप से कम है। जिसमें इस वर्ष कुल कार बिक्री का सिर्फ 2.14 प्रतिशत इलेक्ट्रिक कारें हैं। इसके बावजूद, ईवी मॉडल और सरकारी प्रोत्साहनों की बढ़ती उपलब्धता से इस सेगमेंट में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
इलेक्ट्रिक बस
दिलचस्प बात यह है कि इलेक्ट्रिक बसों को अपनाने की दर इलेक्ट्रिक कारों की तुलना में ज्यादा है। जिसमें 2024 में बेची गई सभी नई बसों में से 3.20 प्रतिशत इलेक्ट्रिक हैं। यह ट्रेंड टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन समाधानों के बढ़ते महत्व को उजागर करती है। क्योंकि शहरों का लक्ष्य उत्सर्जन को कम करना और सार्वजनिक परिवहन में स्वच्छ विकल्पों को बढ़ावा देना है।
Comments