न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: अरविंद कुमार Updated Sat, 29 Jul 2023 10: 37 PM IST
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World Day Against Trafficking In Person: मध्यप्रदेश में साल 2022 में हर दिन 32 बच्चे लापता हुए। इनमें 75 प्रतिशत लड़कियां थी, जबकि 25 प्रतिशत लड़के। यह खुलासा एक नए एनालिसिस में हुआ है। सांकेतिक तस्वीर – फोटो : अमर उजाला
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सरकार और सिविल सोसायटी संगठनों के लगातार प्रयासों के बाद मध्यप्रदेश में गुम हो रहे बच्चों की संख्या में महत्वपूर्ण सुधार आया है। नया एनालिसिस बताता है कि साल 2022 में हर दिन 32 बच्चे गुम हुए, जिनमें करीब 75 प्रतिशत लड़कियां और 25 प्रतिशत लड़के थे। राहत की बात यह है कि एक साल पहले के मुकाबले इस संख्या में छह प्रतिशत की कमी आई है।
वर्ल्ड डे अगेन्स्ट ट्रैफिकिंग इन पर्सन के अवसर चाइल्ड राइट्स एंड यू (CRY) ने वर्ल्ड डे अगेंस्ट ट्रैफिकिंग इन पर्सन्स के अवसर पर मध्यप्रदेश और राजस्थान में गुमशुदा बच्चों की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट राज्य पुलिस, महिला एवं बाल विकास मंत्रालयों से सूचना के अधिकार कानून के तहत प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार की गई है। एनालिसिस कहता है कि मध्यप्रदेश में 2022 में 11,717 बच्चों के गुम होने की रिपोर्ट लिखाई गई। इनमें 8,844 लड़कियां और 2,873 लड़के शामिल हैं।
गुम बच्चों में 75 प्रतिशत लड़िकयां
डेटा बताता है कि मध्यप्रदेश में गुम हुई लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक थी। क्राई की रीजनल डायरेक्टर सोहा मोइत्रा का कहना है कि गुम हुए बच्चे मानव तस्करी करने वालों के आसान टारगेट होते हैं। फेक्टशीट का यह आंकड़ा चिंतित करता है कि गुम होने वाले बच्चों में 75 प्रतिशत लड़कियां हैं। जो लड़कियां गुम हुई हैं, उनमें से कई घरेलू कामों और यौन गतिविधियों में लगा दी जाती हैं। इसके अलावा जो लड़कियां खुद घर छोड़कर गई हैं, वह घरेलू हिंसा, अत्याचार और अनदेखी का शिकार होती हैं। लड़कों की तस्करी बाल श्रम के इरादे से होती है।
मध्यप्रदेश में पिछले पांच साल में गुम हुए बच्चे
साल 2018, लड़किया 7564, लड़के 2464, कुल 10038 साल 2019, लड़कियां 8572, लड़के 2450, कुल 11022 साल 2020, लड़कियां 7230, लड़के 1521, कुल 8751 साल 2021, लड़कियां 9407, लड़के 2200, कुल 11607 साल 2022, लड़कियां 8844, लड़के 2873, कुल 11717 स्रोतः एनसीआरबी (2018-2021) और आरटीआई (2022)
इंदौर और भोपाल में सबसे अधिक मिसिंग केस
फेक्टशीट के मुताबिक, मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल में सबसे ज्यादा बच्चे गुम हुए। इंदौर में 2022 में बच्चों के गुम होने के 977 प्रकरण दर्ज हुए, वहीं भोपाल में 661 केस। इंदौर से 245 लड़के और 732 लड़कियां गुम हुई, जबकि भोपाल से 225 लड़के और 436 लड़कियां। इसी तरह धार से 84 लड़के और 470 लड़कियां, जबलपुर से 177 लड़के और 427 लड़कियां और सागर से 115 लड़के और 346 लड़कियां गुम हुए। डेटा बताता है कि शहरी इलाकों में बच्चों के गुम होने का खतरा ग्रामीण इलाकों से अधिक है।
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