women's-day:-मां-को-कैंसर-हुआ-तो-विदेश-की-नौकरी-छोड़ी,-मध्यप्रदेश-की-खेती-में-जैविक-को-बढ़ाने-के-लिए-कमर-कसी
वैशाली मालवीया। - फोटो : अमर उजाला, इंदौर विस्तार महिलाएं आज किस किस तरह से हमारे देश और समाज को मजबूत कर रही हैं इसका नया उदाहरण है वैशाली मालवीया। वैशाली इथोपिया में एचआर प्रोफेशनल थीं। उनकी मां को कैंसर हुआ तो वे सेवा के लिए खंडवा लौटीं। मां ने कहा कैंसर का सबसे बड़ा कारण खानपान में रसायनों का प्रयोग है। जो दर्द मैंने झेला वह दूसरों को न हो इसके लिए कुछ करो। इसके बाद मां दुनिया से चली गई। मां के इन शब्दों ने वैशाली के जीवन की दिशा बदल दी। उन्होंने विदेश की बड़े पैकेज वाली नौकरी छोड़ दी और खंडवा से ही किसानों को जोडऩा शुरू कर दिया। आज वे तीन साल के अंदर प्रदेश और देश के 500 से अधिक जैविक किसानों को एक मंच पर ला चुकी हैं। वे तकनीक के उपयोग से उनके बिजनेस को बढ़ाना सिखा रही हैं ताकि वे पैसे के लिए रसायनों का उपयोन न करें।  खंडवा के पास वैशाली की पुश्तैनी जमीन है जहां पर वह खेती करती हैं जिसमें उनका भाई राहुल मालवीया पूरा काम बराबरी से संभालता है। राहुल भी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की नौकरी छोडक़र इस काम से जुड़े हैं। वैशाली ने बताया कि मां के जाने के बाद उन्होंने मां रेणुका फूड्स प्रा. लि. की स्थापना की और किसानों को भी खुद के काम से जोडऩा शुरू किया।  जैविक महोत्सव से दिया किसानों को मंच राहुल और वैशाली पिछले तीन साल से इंदौर में जैविक महोत्सव आयोजित कर रहे हैं जिसमें किसानों को सीधे ग्राहकों से जोडऩे के लिए प्लेटफॉर्म दिया जा रहा है। वैशाली ने बताया कि किसान यदि सीधे बाजार में प्रोडक्ट बेचने लगे तो उसका लाभ तीन गुना से अधिक हो जाता है। हम किसानों को जैविक खेती करने और उससे अधिक से अधिक लाभ कमाने के गुर भी सिखाते हैं।  हर काम पैसे के लिए नहीं किया जाता खेती के विषय में वैशाली कहती हैं कि हर काम पैसे के लिए नहीं किया जाता। यदि आप खेती सही तरीके से करें तो उससे भी अच्छा फायदा कमा सकते हैं। बस आपको तकनीक की नॉलेज होना जरूरी है। आपको आपके जैविक प्रोडक्ट की सही मार्केटिंग करना आना चाहिए। 

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वैशाली मालवीया। – फोटो : अमर उजाला, इंदौर

विस्तार महिलाएं आज किस किस तरह से हमारे देश और समाज को मजबूत कर रही हैं इसका नया उदाहरण है वैशाली मालवीया। वैशाली इथोपिया में एचआर प्रोफेशनल थीं। उनकी मां को कैंसर हुआ तो वे सेवा के लिए खंडवा लौटीं। मां ने कहा कैंसर का सबसे बड़ा कारण खानपान में रसायनों का प्रयोग है। जो दर्द मैंने झेला वह दूसरों को न हो इसके लिए कुछ करो। इसके बाद मां दुनिया से चली गई। मां के इन शब्दों ने वैशाली के जीवन की दिशा बदल दी। उन्होंने विदेश की बड़े पैकेज वाली नौकरी छोड़ दी और खंडवा से ही किसानों को जोडऩा शुरू कर दिया। आज वे तीन साल के अंदर प्रदेश और देश के 500 से अधिक जैविक किसानों को एक मंच पर ला चुकी हैं। वे तकनीक के उपयोग से उनके बिजनेस को बढ़ाना सिखा रही हैं ताकि वे पैसे के लिए रसायनों का उपयोन न करें। 

खंडवा के पास वैशाली की पुश्तैनी जमीन है जहां पर वह खेती करती हैं जिसमें उनका भाई राहुल मालवीया पूरा काम बराबरी से संभालता है। राहुल भी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की नौकरी छोडक़र इस काम से जुड़े हैं। वैशाली ने बताया कि मां के जाने के बाद उन्होंने मां रेणुका फूड्स प्रा. लि. की स्थापना की और किसानों को भी खुद के काम से जोडऩा शुरू किया। 

जैविक महोत्सव से दिया किसानों को मंच
राहुल और वैशाली पिछले तीन साल से इंदौर में जैविक महोत्सव आयोजित कर रहे हैं जिसमें किसानों को सीधे ग्राहकों से जोडऩे के लिए प्लेटफॉर्म दिया जा रहा है। वैशाली ने बताया कि किसान यदि सीधे बाजार में प्रोडक्ट बेचने लगे तो उसका लाभ तीन गुना से अधिक हो जाता है। हम किसानों को जैविक खेती करने और उससे अधिक से अधिक लाभ कमाने के गुर भी सिखाते हैं। 

हर काम पैसे के लिए नहीं किया जाता
खेती के विषय में वैशाली कहती हैं कि हर काम पैसे के लिए नहीं किया जाता। यदि आप खेती सही तरीके से करें तो उससे भी अच्छा फायदा कमा सकते हैं। बस आपको तकनीक की नॉलेज होना जरूरी है। आपको आपके जैविक प्रोडक्ट की सही मार्केटिंग करना आना चाहिए। 

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