wether-:-एमपी-में-स्ट्रांग-सिस्टम-एक्टिव-भोपाल-समेत-कई-जिलों-में-हुई-बारिश,-रीवा-में-महज-8%-बारिश,-अलर्ट-जारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Wed, 31 Jul 2024 08: 57 PM IST मध्य प्रदेश में अगले तीन दिन के लिए स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव हो गया है। जिससे प्रदेश भर में तेज बारिश होने की संभावना है। बुधवार को राजधानी भोपाल में बारिश हुई। भोपाल की बारिश - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें मध्य प्रदेश में एक बार फिर से स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव हो गया है जिससे तेज बारिश का दौर शुरू हो गया है। बुधवार को राजधानी भोपाल, नर्मदा पुरम समेत कई जिलों में तेज बारिश हुई। विंध्य के रीवा में अभी तक महज 8% बारिश होने से किसानों की परेशानी बढ़ी हुई। हालांकि बुधवार से रीवा क्षेत्र में भी बारिश शुरू हो गई है जिससे किसानों की उम्मीद बढ़ गई हैं। मौसम विभाग की माने तो रीवा में इस स्ट्रांग सिस्टम से तेज बारिश होने की संभावना है। इधर भोपाल में भी दिन भर बादल छाए रहने के बाद कई इलाकों में बारिश हुई। रायसेन में सुबह पानी गिरा।मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए अलर्ट किया है। जिसके अनुसार पूर्वी हिस्से जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग के 22 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। पश्चिमी हिस्से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग का तेज बारिश का अलर्ट मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार श्योपुर कलां, मुरैना, दतिया रतनगढ़, ग्वालियर में बिजली के साथ बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं भिंड, शिवपुरी, निवाड़ी ओरछा, रीवा, मऊगंज, सीधी में बिजली के साथ भारी बारिश  के साथ मध्यम गरज के साथ बारिश होने की संभावना है।   यहां आकाशीय बिजली का अलर्ट रायसेन भीमबेटिका सांची, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर भेड़ाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनुपपुर अमरकंटक, बालाघाट, गुना, अशोकनगर, खंडवा ओंकारेश्वर, हरदा, बड़वानी, नीमच, देवास, नर्मदापुरम पचमढ़ी, सागर, दमोह, नरसिंगपुर, छतरपुर खजुराहो, पन्ना टीआर, टीकमगढ़, देवास, सतना चित्रकूट, मैहर और भोपाल बैरागढ़, छिंदवाड़ा में बिजली के साथ हल्की आंधी रात में पांढुर्णा पेंच, सिवनी, बैतूल, बुरहानपुर, सीहोर, विदिशा, राजगढ़, शाजापुर, रतलाम, मंदसौर, आगर, उज्जैन महाकालेश्वर, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, इंदौर, खरगोन में भी बिजली गिरने का अलर्ट है। विंध्य क्षेत्र में कम बारिश से किसानों की फजीहत मध्य प्रदेश में जहां पश्चिमी क्षेत्र में जोरदार बारिश से नदी, नाले उफान पर हैं। वहीं पूर्वी क्षेत्र की बात करें तो विंध्य के रीवा में इस बार अभी तक महज 8% बारिश हुई है जिससे किसान बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। भीषण गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है। हालांकि बुधवार को रीवा के कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश हुई जिससे थोड़ी राहत मिली है। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिन में विंध्य क्षेत्र में तेज बारिश का अनुमान है। पूरे प्रदेश की बात करें तो सबसे ज्यादा पानी सिवनी में 31.29 इंच गिरा है। बुधवार से स्ट्रॉन्ग सिस्टम बनने से रीवा, सागर, शहडोल संभाग में तेज बारिश होगी। इससे आंकड़े में बढ़ोतरी हो सकती है। बता दें कि अब तक प्रदेश में ओवरऑल 9 प्रतिशत बारिश ज्यादा हो चुकी है। पूर्वी हिस्से में 9 प्रतिशत और पश्चिमी हिस्से में 16 प्रतिशत ज्यादा पानी गिरा है।   ऐसे चल रहीं है मौसमी गतिविधियां                                               प्रदेश में अभी तक 18.8 इंच गिर चुका है, यानी 50.40 प्रतिशत बारिश हो चुकी है। आईएमडी भोपाल की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अभी दो ट्रफ और दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव हैं। 1 अगस्त से सिस्टम और स्ट्रॉन्ग होगा। पूर्वी हिस्से में असर ज्यादा रहेगा। 2 और 3 अगस्त को भी तेज बारिश वाला सिस्टम रहेगा। मौसम विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार मानसून द्रोणिका औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैली हुई है और जैसलमेर, जयपुर, ग्वालियर, सतना, जमशेदपुर से होकर पूर्व-दक्षिणपूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। हिमाचल प्रदेश और आसपास के इलाकों में औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। झारखंड और आसपास के इलाकों में औसत समुद्र तल से 3.1 और 7.6 किमी ऊपर दक्षिण की ओर झुका हुआ चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। पूर्वोत्तर असम और आसपास के इलाकों में औसत समुद्र तल से 1.5 और 3.1 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। बांग्लादेश और आसपास के इलाकों में औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। पूर्वोत्तर अरब सागर और उससे सटे सौराष्ट्र में दक्षिण की ओर झुकाव के साथ चक्रवाती परिसंचरण मौजूद है। वहीं दक्षिण गुजरात से केरल तक एक अपतटीय द्रोणिका भी बनी हुई है। मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश ने बताया कि बताया कि मानसून द्रोणिका प्रदेश के ग्वालियर, सतना होकर गुजर रही है। इसके अलावा हिमाचल और झारखंड भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवाती परिसंचरण बने हुए हैं। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Wed, 31 Jul 2024 08: 57 PM IST

मध्य प्रदेश में अगले तीन दिन के लिए स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव हो गया है। जिससे प्रदेश भर में तेज बारिश होने की संभावना है। बुधवार को राजधानी भोपाल में बारिश हुई। भोपाल की बारिश – फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश में एक बार फिर से स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव हो गया है जिससे तेज बारिश का दौर शुरू हो गया है। बुधवार को राजधानी भोपाल, नर्मदा पुरम समेत कई जिलों में तेज बारिश हुई। विंध्य के रीवा में अभी तक महज 8% बारिश होने से किसानों की परेशानी बढ़ी हुई। हालांकि बुधवार से रीवा क्षेत्र में भी बारिश शुरू हो गई है जिससे किसानों की उम्मीद बढ़ गई हैं। मौसम विभाग की माने तो रीवा में इस स्ट्रांग सिस्टम से तेज बारिश होने की संभावना है। इधर भोपाल में भी दिन भर बादल छाए रहने के बाद कई इलाकों में बारिश हुई। रायसेन में सुबह पानी गिरा।मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए अलर्ट किया है। जिसके अनुसार पूर्वी हिस्से जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग के 22 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। पश्चिमी हिस्से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश का अनुमान है।

मौसम विभाग का तेज बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार श्योपुर कलां, मुरैना, दतिया रतनगढ़, ग्वालियर में बिजली के साथ बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं भिंड, शिवपुरी, निवाड़ी ओरछा, रीवा, मऊगंज, सीधी में बिजली के साथ भारी बारिश  के साथ मध्यम गरज के साथ बारिश होने की संभावना है।  

यहां आकाशीय बिजली का अलर्ट
रायसेन भीमबेटिका सांची, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर भेड़ाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनुपपुर अमरकंटक, बालाघाट, गुना, अशोकनगर, खंडवा ओंकारेश्वर, हरदा, बड़वानी, नीमच, देवास, नर्मदापुरम पचमढ़ी, सागर, दमोह, नरसिंगपुर, छतरपुर खजुराहो, पन्ना टीआर, टीकमगढ़, देवास, सतना चित्रकूट, मैहर और भोपाल बैरागढ़, छिंदवाड़ा में बिजली के साथ हल्की आंधी रात में पांढुर्णा पेंच, सिवनी, बैतूल, बुरहानपुर, सीहोर, विदिशा, राजगढ़, शाजापुर, रतलाम, मंदसौर, आगर, उज्जैन महाकालेश्वर, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, इंदौर, खरगोन में भी बिजली गिरने का अलर्ट है।

विंध्य क्षेत्र में कम बारिश से किसानों की फजीहत
मध्य प्रदेश में जहां पश्चिमी क्षेत्र में जोरदार बारिश से नदी, नाले उफान पर हैं। वहीं पूर्वी क्षेत्र की बात करें तो विंध्य के रीवा में इस बार अभी तक महज 8% बारिश हुई है जिससे किसान बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। भीषण गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है। हालांकि बुधवार को रीवा के कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश हुई जिससे थोड़ी राहत मिली है। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिन में विंध्य क्षेत्र में तेज बारिश का अनुमान है। पूरे प्रदेश की बात करें तो सबसे ज्यादा पानी सिवनी में 31.29 इंच गिरा है। बुधवार से स्ट्रॉन्ग सिस्टम बनने से रीवा, सागर, शहडोल संभाग में तेज बारिश होगी। इससे आंकड़े में बढ़ोतरी हो सकती है। बता दें कि अब तक प्रदेश में ओवरऑल 9 प्रतिशत बारिश ज्यादा हो चुकी है। पूर्वी हिस्से में 9 प्रतिशत और पश्चिमी हिस्से में 16 प्रतिशत ज्यादा पानी गिरा है।

 
ऐसे चल रहीं है मौसमी गतिविधियां                                              
प्रदेश में अभी तक 18.8 इंच गिर चुका है, यानी 50.40 प्रतिशत बारिश हो चुकी है। आईएमडी भोपाल की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अभी दो ट्रफ और दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव हैं। 1 अगस्त से सिस्टम और स्ट्रॉन्ग होगा। पूर्वी हिस्से में असर ज्यादा रहेगा। 2 और 3 अगस्त को भी तेज बारिश वाला सिस्टम रहेगा। मौसम विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार मानसून द्रोणिका औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैली हुई है और जैसलमेर, जयपुर, ग्वालियर, सतना, जमशेदपुर से होकर पूर्व-दक्षिणपूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। हिमाचल प्रदेश और आसपास के इलाकों में औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। झारखंड और आसपास के इलाकों में औसत समुद्र तल से 3.1 और 7.6 किमी ऊपर दक्षिण की ओर झुका हुआ चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। पूर्वोत्तर असम और आसपास के इलाकों में औसत समुद्र तल से 1.5 और 3.1 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। बांग्लादेश और आसपास के इलाकों में औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। पूर्वोत्तर अरब सागर और उससे सटे सौराष्ट्र में दक्षिण की ओर झुकाव के साथ चक्रवाती परिसंचरण मौजूद है। वहीं दक्षिण गुजरात से केरल तक एक अपतटीय द्रोणिका भी बनी हुई है। मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश ने बताया कि बताया कि मानसून द्रोणिका प्रदेश के ग्वालियर, सतना होकर गुजर रही है। इसके अलावा हिमाचल और झारखंड भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवाती परिसंचरण बने हुए हैं।

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