wayanad-landslide:-वायनाड-में-प्रकृति-ढा-रही-कहर,-एक-बार-फिर-हुआ-भूस्खलन
Wayanad Landslide: लगभग एक महीने पहले वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में भयंकर भूस्खलन की घटना हुई थी. इस प्राकृतिक आपदा ने हजारों लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया था. इस आपदा में करीब 200 लोगों की जान गई थी और 78 लोग लापता हुए थे. बीते शनिवार को एक बार फिर से वायनाड के पुंचरीमट्टम के पास भूस्खलन हुआ है. इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने कहा कि उन्होंने उस क्षेत्र में खोज अभियान और अन्य कार्य में लगे लोगों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी है. Also Read: Kolkata Doctor Murder : अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी पर किया पलटवार कहा, केंद्रीय कानून को सख्ती से करें पालन कुछ क्षेत्रों को घोषित किया जा सकता है ‘निवास निषिद्ध’ वायनाड में जुलाई माह में हुई भूस्खलन की घटना के बाद एक बार फिर से यहां इस आपदा का लघु रूप देखने को मिला है. इससे पहले जूलाई में हुई घटना से प्राभावित हुए बहुत से लोग यहां वापस आने को तैयार नहीं हैं. अब इस मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार केरल सरकार के अधिकारियों को डर है कि वायनाड जिले के कुछ भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों को उनकी स्थलाकृति में हुई भारी तबाही के बाद स्थायी रूप से “निवास निषिद्ध” क्षेत्र घोषित किया जा सकता है. Also Read: Kolkata Doctor Murder : आरोपियों को मृत्युदंड देने की मांग को लेकर सड़क पर उतरी तृणमूल

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Wayanad Landslide: लगभग एक महीने पहले वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में भयंकर भूस्खलन की घटना हुई थी. इस प्राकृतिक आपदा ने हजारों लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया था. इस आपदा में करीब 200 लोगों की जान गई थी और 78 लोग लापता हुए थे. बीते शनिवार को एक बार फिर से वायनाड के पुंचरीमट्टम के पास भूस्खलन हुआ है. इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने कहा कि उन्होंने उस क्षेत्र में खोज अभियान और अन्य कार्य में लगे लोगों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी है.

Also Read: Kolkata Doctor Murder : अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी पर किया पलटवार कहा, केंद्रीय कानून को सख्ती से करें पालन

कुछ क्षेत्रों को घोषित किया जा सकता है ‘निवास निषिद्ध’ वायनाड में जुलाई माह में हुई भूस्खलन की घटना के बाद एक बार फिर से यहां इस आपदा का लघु रूप देखने को मिला है. इससे पहले जूलाई में हुई घटना से प्राभावित हुए बहुत से लोग यहां वापस आने को तैयार नहीं हैं. अब इस मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार केरल सरकार के अधिकारियों को डर है कि वायनाड जिले के कुछ भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों को उनकी स्थलाकृति में हुई भारी तबाही के बाद स्थायी रूप से “निवास निषिद्ध” क्षेत्र घोषित किया जा सकता है.

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