waqf-board:-संशोधन-कानून-पर-बनी-संयुक्त-संसदीय-समिति
Waqf Board: संशोधन विधेयक 2024 को व्यापक चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया. लोकसभा अध्यक्ष ने विधेयक पर विचार के लिए 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति गठित कर दी है, जिसमें लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सांसदों को रखा गया है. इस संयुक्त संसदीय समिति का अध्यक्ष भाजपा सांसद जगदंबिका पाल को नियुक्त किया गया है. वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति को अगले सत्र के पहले हफ्ते तक वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर रिपोर्ट सौंपनी होगी. वक्फ संशोधन विधेयक 2024 में वक्फ कानून में कई तरह के संशोधन का प्रस्ताव है. इसमें पूर्व के कानून में 40 संशोधन किए गए हैं. केंद्रीय अल्पसंख्यक एवं संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा में इस विधेयक को पेश किया, जिसका अधिकांश विपक्षी दलों ने विरोध किया. विरोध को देखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का फैसला लिया गया. लोकसभा और राज्यसभा ने 9 अगस्त को संसदीय कार्य मंत्री के संयुक्त संसदीय समिति के लिए सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को स्वीकार किया. समिति में सरकार के और विपक्ष के सदस्य हैं शामिल वक्फ बोर्ड को लेकर संयुक्त संसदीय समिति में लोकसभा के 21 सदस्यों में 12 एनडीए के है, जिसमें 8 भाजपा के और 9 विपक्षी दलों के सांसद है. जबकि राज्यसभा के 10 सदस्यों में चार भाजपा, चार विपक्षी, एक वाईएसआर कांग्रेस और एक नॉमिनेटेड सदस्य है. वाईएसआर कांग्रेस वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ है. समिति वक्फ संशोधन विधेयक के हर प्रस्ताव पर विचार कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी और इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार विधेयक को सदन में पेश करेगी. संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट बहुमत के आधार पर स्वीकार होती है. ऐसे में सरकार का पलड़ा भारी होता है. हालांकि विपक्ष डिसेंट नोट के जरिए नाराजगी को जाहिर कर सकता है.

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Waqf Board: संशोधन विधेयक 2024 को व्यापक चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया. लोकसभा अध्यक्ष ने विधेयक पर विचार के लिए 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति गठित कर दी है, जिसमें लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सांसदों को रखा गया है. इस संयुक्त संसदीय समिति का अध्यक्ष भाजपा सांसद जगदंबिका पाल को नियुक्त किया गया है. वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति को अगले सत्र के पहले हफ्ते तक वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर रिपोर्ट सौंपनी होगी. वक्फ संशोधन विधेयक 2024 में वक्फ कानून में कई तरह के संशोधन का प्रस्ताव है. इसमें पूर्व के कानून में 40 संशोधन किए गए हैं. केंद्रीय अल्पसंख्यक एवं संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा में इस विधेयक को पेश किया, जिसका अधिकांश विपक्षी दलों ने विरोध किया. विरोध को देखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का फैसला लिया गया. लोकसभा और राज्यसभा ने 9 अगस्त को संसदीय कार्य मंत्री के संयुक्त संसदीय समिति के लिए सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को स्वीकार किया.

समिति में सरकार के और विपक्ष के सदस्य हैं शामिल
वक्फ बोर्ड को लेकर संयुक्त संसदीय समिति में लोकसभा के 21 सदस्यों में 12 एनडीए के है, जिसमें 8 भाजपा के और 9 विपक्षी दलों के सांसद है. जबकि राज्यसभा के 10 सदस्यों में चार भाजपा, चार विपक्षी, एक वाईएसआर कांग्रेस और एक नॉमिनेटेड सदस्य है. वाईएसआर कांग्रेस वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ है. समिति वक्फ संशोधन विधेयक के हर प्रस्ताव पर विचार कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी और इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार विधेयक को सदन में पेश करेगी. संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट बहुमत के आधार पर स्वीकार होती है. ऐसे में सरकार का पलड़ा भारी होता है. हालांकि विपक्ष डिसेंट नोट के जरिए नाराजगी को जाहिर कर सकता है.