वक्फ बोर्ड संशोधन कानून को लेकर संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया है. कानून में कमियों को लेकर मुस्लिम संगठन के सदस्यों ने संसदीय समिति में शामिल सदस्यों से मुलाकात कर अपनी चिंता जाहिर की है. आने वाले समय में कई दल के नेताओं से साथ मुलाकात का सिलसिला जारी रहने की संभावना है. | August 19, 2024 5: 36 PM Waqf Board: बजट सत्र के दौरान सरकार की ओर से वक्फ बोर्ड संशोधन कानून लोकसभा में पेश किया गया और व्यापक विचार-विमर्श के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया है. लोकसभा अध्यक्ष ने भाजपा नेता जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में समिति का गठन कर दिया है और 22 अगस्त को इसकी पहली बैठक होने की संभावना है. मुस्लिम संगठन वक्फ संशोधन कानून के लिए आवाज उठा रहे हैं. विपक्षी दल भी इस कानून के खिलाफ हैं. ऐसे में संयुक्त संसदीय समिति की बैठक से पहले मुस्लिम संगठन वक्फ संशोधन कानून को लेकर अपनी नाराजगी से सदस्यों को अवगत कराने का प्रयास किया है. सोमवार को आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा ए हिंद संयुक्त संसदीय समिति में शामिल सदस्यों से मुलाकात का सिलसिला शुरू किया है. मुलाकात का मकसद मुस्लिम समाज की इस कानून में कमियों से सदस्यों को अवगत कराना है. मुस्लिम संगठन चाहते हैं कि संशोधित कानून लागू होने से पहले व्यापक विचार-विमर्श जरूरी है ताकि समुदाय की आशंकाओं को दूर किया जा सके. ये संगठन के सदस्य मंगलवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से भी मुलाकात करेंगे. इससे पहले मुस्लिम संगठन के प्रतिनिधि शरद पवार और उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं. आने वाले समय में अन्य पार्टियों के नेताओं से भी मुलाकात किए जाने की संभावना है.  शीत सत्र के दौरान समिति सौंपेगी रिपोर्ट वक्फ संशोधन कानून को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट शीत सत्र से पहले आने की संभावना है. इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार शीत सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश कर सकती है. संसदीय समिति की पहली बैठक 22 अगस्त को होने वाली है. ऐसे में मुस्लिम संगठनों की कोशिश विभिन्न राजनीतिक दलों और संयुक्त संसदीय समिति के सदस्यों से मुलाकात कर कानून में कमी और मुस्लिम समाज की चिंताओं को सामने लाने का है. संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में कानून मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. सरकार का कहना है कि मौजूदा वक्फ कानून में कई तरह की विसंगतियां है और वक्फ बोर्ड के कामकाज को पारदर्शी बनाने के लिए संशोधित कानून लाया गया है.  ReplyForward

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वक्फ बोर्ड संशोधन कानून को लेकर संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया है. कानून में कमियों को लेकर मुस्लिम संगठन के सदस्यों ने संसदीय समिति में शामिल सदस्यों से मुलाकात कर अपनी चिंता जाहिर की है. आने वाले समय में कई दल के नेताओं से साथ मुलाकात का सिलसिला जारी रहने की संभावना है.

| August 19, 2024 5: 36 PM

Waqf Board: बजट सत्र के दौरान सरकार की ओर से वक्फ बोर्ड संशोधन कानून लोकसभा में पेश किया गया और व्यापक विचार-विमर्श के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया है. लोकसभा अध्यक्ष ने भाजपा नेता जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में समिति का गठन कर दिया है और 22 अगस्त को इसकी पहली बैठक होने की संभावना है. मुस्लिम संगठन वक्फ संशोधन कानून के लिए आवाज उठा रहे हैं. विपक्षी दल भी इस कानून के खिलाफ हैं. ऐसे में संयुक्त संसदीय समिति की बैठक से पहले मुस्लिम संगठन वक्फ संशोधन कानून को लेकर अपनी नाराजगी से सदस्यों को अवगत कराने का प्रयास किया है. सोमवार को आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा ए हिंद संयुक्त संसदीय समिति में शामिल सदस्यों से मुलाकात का सिलसिला शुरू किया है. मुलाकात का मकसद मुस्लिम समाज की इस कानून में कमियों से सदस्यों को अवगत कराना है. मुस्लिम संगठन चाहते हैं कि संशोधित कानून लागू होने से पहले व्यापक विचार-विमर्श जरूरी है ताकि समुदाय की आशंकाओं को दूर किया जा सके. ये संगठन के सदस्य मंगलवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से भी मुलाकात करेंगे. इससे पहले मुस्लिम संगठन के प्रतिनिधि शरद पवार और उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं. आने वाले समय में अन्य पार्टियों के नेताओं से भी मुलाकात किए जाने की संभावना है. 

शीत सत्र के दौरान समिति सौंपेगी रिपोर्ट वक्फ संशोधन कानून को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट शीत सत्र से पहले आने की संभावना है. इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार शीत सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश कर सकती है. संसदीय समिति की पहली बैठक 22 अगस्त को होने वाली है. ऐसे में मुस्लिम संगठनों की कोशिश विभिन्न राजनीतिक दलों और संयुक्त संसदीय समिति के सदस्यों से मुलाकात कर कानून में कमी और मुस्लिम समाज की चिंताओं को सामने लाने का है. संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में कानून मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. सरकार का कहना है कि मौजूदा वक्फ कानून में कई तरह की विसंगतियां है और वक्फ बोर्ड के कामकाज को पारदर्शी बनाने के लिए संशोधित कानून लाया गया है. 

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