सोशल मीडिया में एक वीडियो इस समय तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें एक सीढ़ी को आप अपने आप चलते देख सकते हैं. वहीं एक और वीडियो को भी वायरल किया जा रहा है, जिसमें एक व्हीलचेयर भी अपने आप चलती दिख रही है. इन दोनों वीडियो को लेकर अलग-अलग दावे किये जा रहे हैं. इसको लेकर लोगों में दहशत का भी माहौल है. लोग इन दोनों वीडियो को भूत-प्रेत से भी जोड़कर देख रहे हैं. तो आखिरी इस वायरल वीडियो का सच क्या है. वायरल वीडियो में क्या है खास सोशल मीडिया में जो पहला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. उसमें एक सीढ़ी अपने आप चलती नजर आ रही है. सीढ़ी इंसानों की तरह आगे बढ़ रही है. जबकि दूसरे वीडियो में एक व्हीलचेयर अपने आप पीछे की ओर चल रही है. सीढ़ी चलने वाले वीडियो को उत्तराखंड के एक अस्पताल का बताया जा रहा इंसानों की तरह चलती सीढ़ी के वायरल वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह उत्तराखंड के एक अस्पताल का है. इसे उत्तराखंड के बेस अस्पताल का बताया जा रहा है. हालांकि अस्पताल ने इस वीडियो के बेस अस्पताल का होने का खंडन किया है. बेस अस्पताल के प्रभारी डॉ अमित सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया, सीढ़ी चलने वाला वीडियो फेक है. उन्होंने बताया, टेक्नो वर्ल्ड में इस तरह के वीडियो एडिटिंग करना बहुत आसान हैं. जबकि दूसरा वीडियो जिसमें एक व्हीलचेयर अपने आप चल रहा है, वह बेस अस्पताल उत्तराखंड का ही है. इसकी पुष्टि खुद बेस अस्पताल के प्रभारी डॉ अमित सिंह ने की है. लेकिन उन्होंने इसे भी फेक वीडियो बताया. उन्होंने कहा, किसी ने ढलान पर चेयर को छोड़कर वीडियो बनाया होगा और इसे वायरल कर दिया होगा. झारखंड हाई कोर्ट से जोड़कर वीडियो किये जा रहे वायरल सीढ़ी चलने वाले वीडियो को झारखंड से भी जोड़ा जा रहा है. जिसमें इसे हाई कोर्ट का बताया जा रहा है. वीडियो शेयर करने के साथ दावा किया जा रहा है कि कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है. यहां हम आपको बता देना चाहते हैं कि यह वीडियो फेक है और झारखंड हाई कोर्ट का नहीं है. मालूम हो इसी साल झारखंड के हाई कोर्ट को नये भवन में शिफ्ट किया गया है. साइंस की भाषा में इसे पैसिव डायनेमिक वॉक कहते हैं सीढ़ी के खुद चलने वाले वीडियो के पीछे कोई भूत-प्रेत नहीं है. बल्कि इसके पीछे साइंस है. इसे साइंस की भाषा में पैसिव डायनेमिक वॉक कहा जाता है. जिसमें किसी भी ऑब्जेक्ट को अगर एक बार धक्का दे दिया जाए तो वह अपने आप चलने लगता है. बीच में कहीं भी दोबारा उसे धक्का देने की जरूरत नहीं है. इसके लिए ढलान वाली जमीन की जरुरत होती है. दरअसल ये न्यूटन के इनर्शिया लॉ पर काम करता है. जिसमें बताया गया है कि यदि कोई वस्तु स्थिर हैं तो वह स्थिर ही रहेगी तथा गतिशील है तो नियत वेग से गतिशील ही रहेगी जब तक उस पर कोई बाह्य बल कार्य नहीं करता है. इसे जड़त्व का नियम भी कहते हैं. वीडियो बनाते पकड़े जाने पर होगी सख्त कार्रवाई बेस अस्पताल के प्रभारी डॉ अमित सिंह ने वीडियो को लेकर कहा, इस बारे में जांच की जा रही है और अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे की पड़ताल की जा रही है. अब तक वीडियो बनाते हुए कोई पकड़ में नहीं आया है. उन्होंने सख्त चेतावनी देते हुए कहा, अगर भविष्य में अस्पताल या अस्पताल परिसर में ऐसे वीडियो बनाता हुए कोई पाया गया, तो उसके खिलाड़ी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. Viral VideoPIB Fact CheckPublished Date Sun, Aug 27, 2023, 1: 21 PM IST

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सोशल मीडिया में एक वीडियो इस समय तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें एक सीढ़ी को आप अपने आप चलते देख सकते हैं. वहीं एक और वीडियो को भी वायरल किया जा रहा है, जिसमें एक व्हीलचेयर भी अपने आप चलती दिख रही है. इन दोनों वीडियो को लेकर अलग-अलग दावे किये जा रहे हैं. इसको लेकर लोगों में दहशत का भी माहौल है. लोग इन दोनों वीडियो को भूत-प्रेत से भी जोड़कर देख रहे हैं. तो आखिरी इस वायरल वीडियो का सच क्या है.

वायरल वीडियो में क्या है खास

सोशल मीडिया में जो पहला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. उसमें एक सीढ़ी अपने आप चलती नजर आ रही है. सीढ़ी इंसानों की तरह आगे बढ़ रही है. जबकि दूसरे वीडियो में एक व्हीलचेयर अपने आप पीछे की ओर चल रही है.

सीढ़ी चलने वाले वीडियो को उत्तराखंड के एक अस्पताल का बताया जा रहा

इंसानों की तरह चलती सीढ़ी के वायरल वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह उत्तराखंड के एक अस्पताल का है. इसे उत्तराखंड के बेस अस्पताल का बताया जा रहा है. हालांकि अस्पताल ने इस वीडियो के बेस अस्पताल का होने का खंडन किया है. बेस अस्पताल के प्रभारी डॉ अमित सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया, सीढ़ी चलने वाला वीडियो फेक है. उन्होंने बताया, टेक्नो वर्ल्ड में इस तरह के वीडियो एडिटिंग करना बहुत आसान हैं. जबकि दूसरा वीडियो जिसमें एक व्हीलचेयर अपने आप चल रहा है, वह बेस अस्पताल उत्तराखंड का ही है. इसकी पुष्टि खुद बेस अस्पताल के प्रभारी डॉ अमित सिंह ने की है. लेकिन उन्होंने इसे भी फेक वीडियो बताया. उन्होंने कहा, किसी ने ढलान पर चेयर को छोड़कर वीडियो बनाया होगा और इसे वायरल कर दिया होगा.

झारखंड हाई कोर्ट से जोड़कर वीडियो किये जा रहे वायरल

सीढ़ी चलने वाले वीडियो को झारखंड से भी जोड़ा जा रहा है. जिसमें इसे हाई कोर्ट का बताया जा रहा है. वीडियो शेयर करने के साथ दावा किया जा रहा है कि कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है. यहां हम आपको बता देना चाहते हैं कि यह वीडियो फेक है और झारखंड हाई कोर्ट का नहीं है. मालूम हो इसी साल झारखंड के हाई कोर्ट को नये भवन में शिफ्ट किया गया है.

साइंस की भाषा में इसे पैसिव डायनेमिक वॉक कहते हैं

सीढ़ी के खुद चलने वाले वीडियो के पीछे कोई भूत-प्रेत नहीं है. बल्कि इसके पीछे साइंस है. इसे साइंस की भाषा में पैसिव डायनेमिक वॉक कहा जाता है. जिसमें किसी भी ऑब्जेक्ट को अगर एक बार धक्का दे दिया जाए तो वह अपने आप चलने लगता है. बीच में कहीं भी दोबारा उसे धक्का देने की जरूरत नहीं है. इसके लिए ढलान वाली जमीन की जरुरत होती है. दरअसल ये न्यूटन के इनर्शिया लॉ पर काम करता है. जिसमें बताया गया है कि यदि कोई वस्तु स्थिर हैं तो वह स्थिर ही रहेगी तथा गतिशील है तो नियत वेग से गतिशील ही रहेगी जब तक उस पर कोई बाह्य बल कार्य नहीं करता है. इसे जड़त्व का नियम भी कहते हैं.

वीडियो बनाते पकड़े जाने पर होगी सख्त कार्रवाई

बेस अस्पताल के प्रभारी डॉ अमित सिंह ने वीडियो को लेकर कहा, इस बारे में जांच की जा रही है और अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे की पड़ताल की जा रही है. अब तक वीडियो बनाते हुए कोई पकड़ में नहीं आया है. उन्होंने सख्त चेतावनी देते हुए कहा, अगर भविष्य में अस्पताल या अस्पताल परिसर में ऐसे वीडियो बनाता हुए कोई पाया गया, तो उसके खिलाड़ी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Viral VideoPIB Fact CheckPublished Date

Sun, Aug 27, 2023, 1: 21 PM IST