vip-के-महाकाल:-मुख्यमंत्री-से-कैबिनेट-मंत्री-तक…कोई-न-जा-पाया-गर्भगृह-में,-लेकिन-इंदौर-के-नेताओं-की-बात-अलग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: शबाहत हुसैन Updated Sat, 20 Jul 2024 01: 27 PM IST MP News: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश को लेकर एक साल से पाबंदी लगी हुई है। इसके बाद भी भाजपा के कुछ चुनिंदा नेता महाकाल के गर्भगृह तक सीधी पहुंच रखते हैं। वहीं, एक मुख्यमंत्री समेत केंद्रीय और राज्य के मंत्रियों को चांदी द्वार या नंदी हॉल से दर्शन कराए जा रहे हैं।  महाकाल मंदिर - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भक्तों के साथ ही नहीं बल्कि वीआईपी के साथ भेदभाव हो रहा है। गोवा के मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्रियों तक को गर्भगृह में पूजा-अर्चना की इजाजत नहीं मिली। यह बात अलग है कि इंदौर के एक मंत्री और विधायक जब मर्जी तब गर्भगृह में जाकर पूजा कर लेते हैं।  पिछले साल सावन माह से पहले तक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना संभव थी। 750 रुपये की रसीद कटवानी पड़ती थी। तब भीड़ को देखते हुए गर्भगृह में पूजा-अर्चना की इजाजत बंद कर दी गई। एक साल से अधिक समय से यह व्यवस्था लागू है। इसके बाद भी सिर्फ चुनिंदा वीआईपी को ही गर्भगृह में पूजा करने कीइजाजत मिल रही है। इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक मृणाल मीणा का कहना है कि महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना कौन कर सकता है और किसे चांदी द्वार से दर्शन करवाने हैं, इसका फैसला जिला प्रोटोकॉल समिति लेती है। हमारे पास सिर्फ यह जानकारी आती है, जिन्हें हम जिला प्रोटोकॉल को पहुंचाते हैं। उसके आदेशों के तहत ही प्रोटोकॉल के तहत दर्शन कराए जाते हैं।   मुख्यमंत्री हो या कैबिनेट मंत्री, नहीं दिया गर्भगृह में प्रवेश   गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत 11 सितंबर 2023 को चांदी द्वार से दर्शन कराए थे। उन्हें भी गर्भगृह में जाने की इजाजत नहीं दी गई थी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे भी पत्नी के साथ 26 सितंबर 2023 को महाकाल मंदिर आए तो नंदी हॉल से ही दर्शन करवाए गए। फिर सांसद रवि किशन, कुलदीप इंदौरा, गजेंद्र सिंह शेखावत, हेमा मालिनी, शांभवी चौधरी तक को गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी गई। उन्हें चांदी द्वार से दर्शन कराए गए। मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर तो पिछले महीने 24 जून को महाकाल मंदिर गए थे। उन्हें भी चांदी द्वार से दर्शन कराए गए थे। फिर मध्य प्रदेश के मंत्रियों की बात करें तो प्रहलाद पटेल, राकेश शुक्ला, नागर सिंह चौहान, राकेश सिंह, प्रद्युमन सिंह तोमर, करण सिंह वर्मा, गोविंद सिंह राजपूत, विजय शाह तक को चांदी द्वार या नंदी हॉल से ही दर्शन कराए गए।  इंदौर के नेताओं पर विशेष मेहरबानी  भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश शासन में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने साल भर में कम से कम चार बार गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना की है। इंदौर के ही एक भाजपा नेता राकेश शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष तक को गर्भगृह में जाने की इजाजत मिल गई थी। इसे लेकर कांग्रेस ने सवाल भी उठाए थे। मामला तब और गरमा गया जब भाजपा नेता महेंद्र सिंह को कुछ दिन पहले गर्भगृह में पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी गई थी। श्री क्षेत्र पंडा समिति के अध्यक्ष पंडित राजेश त्रिवेदी ने तो कह दिया था कि प्रोटोकॉल के तहत दर्शन अलग बात है और भाजपा नेताओं के लिए अलग। सिर्फ भाजपा नेता ही गर्भगृह में महाकाल के करीब पहुंच पा रहे हैं। अधिकारियों पर मंदिर की व्यवस्था का जिम्मा है, लेकिन वह भी भाजपा और आरएसएस की गुलामी कर रहे हैं। सनातन धर्म संस्कृति में इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: शबाहत हुसैन Updated Sat, 20 Jul 2024 01: 27 PM IST

MP News: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश को लेकर एक साल से पाबंदी लगी हुई है। इसके बाद भी भाजपा के कुछ चुनिंदा नेता महाकाल के गर्भगृह तक सीधी पहुंच रखते हैं। वहीं, एक मुख्यमंत्री समेत केंद्रीय और राज्य के मंत्रियों को चांदी द्वार या नंदी हॉल से दर्शन कराए जा रहे हैं।  महाकाल मंदिर – फोटो : अमर उजाला

विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भक्तों के साथ ही नहीं बल्कि वीआईपी के साथ भेदभाव हो रहा है। गोवा के मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्रियों तक को गर्भगृह में पूजा-अर्चना की इजाजत नहीं मिली। यह बात अलग है कि इंदौर के एक मंत्री और विधायक जब मर्जी तब गर्भगृह में जाकर पूजा कर लेते हैं। 

पिछले साल सावन माह से पहले तक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना संभव थी। 750 रुपये की रसीद कटवानी पड़ती थी। तब भीड़ को देखते हुए गर्भगृह में पूजा-अर्चना की इजाजत बंद कर दी गई। एक साल से अधिक समय से यह व्यवस्था लागू है। इसके बाद भी सिर्फ चुनिंदा वीआईपी को ही गर्भगृह में पूजा करने कीइजाजत मिल रही है। इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं।

श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक मृणाल मीणा का कहना है कि महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना कौन कर सकता है और किसे चांदी द्वार से दर्शन करवाने हैं, इसका फैसला जिला प्रोटोकॉल समिति लेती है। हमारे पास सिर्फ यह जानकारी आती है, जिन्हें हम जिला प्रोटोकॉल को पहुंचाते हैं। उसके आदेशों के तहत ही प्रोटोकॉल के तहत दर्शन कराए जाते हैं।  

मुख्यमंत्री हो या कैबिनेट मंत्री, नहीं दिया गर्भगृह में प्रवेश  
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत 11 सितंबर 2023 को चांदी द्वार से दर्शन कराए थे। उन्हें भी गर्भगृह में जाने की इजाजत नहीं दी गई थी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे भी पत्नी के साथ 26 सितंबर 2023 को महाकाल मंदिर आए तो नंदी हॉल से ही दर्शन करवाए गए। फिर सांसद रवि किशन, कुलदीप इंदौरा, गजेंद्र सिंह शेखावत, हेमा मालिनी, शांभवी चौधरी तक को गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी गई। उन्हें चांदी द्वार से दर्शन कराए गए। मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर तो पिछले महीने 24 जून को महाकाल मंदिर गए थे। उन्हें भी चांदी द्वार से दर्शन कराए गए थे। फिर मध्य प्रदेश के मंत्रियों की बात करें तो प्रहलाद पटेल, राकेश शुक्ला, नागर सिंह चौहान, राकेश सिंह, प्रद्युमन सिंह तोमर, करण सिंह वर्मा, गोविंद सिंह राजपूत, विजय शाह तक को चांदी द्वार या नंदी हॉल से ही दर्शन कराए गए। 

इंदौर के नेताओं पर विशेष मेहरबानी 
भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश शासन में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने साल भर में कम से कम चार बार गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना की है। इंदौर के ही एक भाजपा नेता राकेश शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष तक को गर्भगृह में जाने की इजाजत मिल गई थी। इसे लेकर कांग्रेस ने सवाल भी उठाए थे।

मामला तब और गरमा गया जब भाजपा नेता महेंद्र सिंह को कुछ दिन पहले गर्भगृह में पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी गई थी। श्री क्षेत्र पंडा समिति के अध्यक्ष पंडित राजेश त्रिवेदी ने तो कह दिया था कि प्रोटोकॉल के तहत दर्शन अलग बात है और भाजपा नेताओं के लिए अलग। सिर्फ भाजपा नेता ही गर्भगृह में महाकाल के करीब पहुंच पा रहे हैं। अधिकारियों पर मंदिर की व्यवस्था का जिम्मा है, लेकिन वह भी भाजपा और आरएसएस की गुलामी कर रहे हैं। सनातन धर्म संस्कृति में इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए।

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