vidisha:-सरपंच-को-नहीं-फहराने-दिया-तिरंगा;-नाराज-होकर-बोले-मेरे-पद-का-स्कूल-ने-किया-अपमान
मामले की जानकारी देते सरपंच बारेलाल। - फोटो : Amar Ujala Digital विस्तार Follow Us मध्य्प्र देश के विदिशा जिले के सिरोंज में स्वतंत्रता दिवस पर एक सरपंच को तिरंगा न फहराने देने का मामला सामने आया है। भगवन्तपुर ग्राम पंचायत के सरपंच बारेलाल अहिरवार का कहना है कि स्कूल की मैडम मुझसे चिढ़ती हैं, वो कहती हैं कि तुम क्या जानो। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं निचली जाति से हूं। यही कारण है कि स्वतंत्रता दिवस पर मुझे स्कूल में नहीं बुलाया गया और किसी और से तिरंगा ध्वजारोहण कराया गया। उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सरपंच को ही झंडा फहराने का अधिकार है। उक्त मामले में सिरोंज एसडीएम हर्षल चौधरी ने संज्ञान लिया है और जांच करवाकर कार्रवाई करने की बात कही है। मौके पर मौजूद पंचायत सचिव अमीर हमजा ने कहा कि अभी तक ऐसा होता रहा है कि पंचायत भवन में सरपंच झंडा फहराते हैं, फिर उसके बाद स्कूल में जाकर झंडा फहराते हैं। इसके लिए सरपंच को विधिवत सूचना दी जाती हैं, मगर सरपंच का कहना है कि उन्हें इस बार सूचना नहीं दी गई और स्कूल प्रिंसिपल ने किसी और से ध्वजारोहरण करा दिया। इस घटना से आहत बारेलाल ने कहा कि ये मेरे पद और जाति का अपमान है। 

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मामले की जानकारी देते सरपंच बारेलाल। – फोटो : Amar Ujala Digital

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मध्य्प्र देश के विदिशा जिले के सिरोंज में स्वतंत्रता दिवस पर एक सरपंच को तिरंगा न फहराने देने का मामला सामने आया है। भगवन्तपुर ग्राम पंचायत के सरपंच बारेलाल अहिरवार का कहना है कि स्कूल की मैडम मुझसे चिढ़ती हैं, वो कहती हैं कि तुम क्या जानो। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं निचली जाति से हूं। यही कारण है कि स्वतंत्रता दिवस पर मुझे स्कूल में नहीं बुलाया गया और किसी और से तिरंगा ध्वजारोहण कराया गया।

उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सरपंच को ही झंडा फहराने का अधिकार है। उक्त मामले में सिरोंज एसडीएम हर्षल चौधरी ने संज्ञान लिया है और जांच करवाकर कार्रवाई करने की बात कही है। मौके पर मौजूद पंचायत सचिव अमीर हमजा ने कहा कि अभी तक ऐसा होता रहा है कि पंचायत भवन में सरपंच झंडा फहराते हैं, फिर उसके बाद स्कूल में जाकर झंडा फहराते हैं। इसके लिए सरपंच को विधिवत सूचना दी जाती हैं, मगर सरपंच का कहना है कि उन्हें इस बार सूचना नहीं दी गई और स्कूल प्रिंसिपल ने किसी और से ध्वजारोहरण करा दिया। इस घटना से आहत बारेलाल ने कहा कि ये मेरे पद और जाति का अपमान है। 

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