video-:-मेरी-माटी-मेरा-देश-:-आंदोलनकारियों-का-ऐसे-हौसला-बढ़ाती-थीं-बिश्नी-देवी-साह
मेरी माटी-मेरा देश : जब लड़ी गई थी जंग आजादी की, तो भारत के कई वीर नायकों और वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी, लेकिन हम याद उन्हें भी कर रहे हैं, जिनकी वीरता को शायद वह पहचान पूरी तरह नहीं मिली, जिसके वह हकदार थे. मेरी माटी, मेरा देश’ शृंखला में आज हम भारत मां की एक ऐसी बेटी से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं, जो फूलों की बरसात कर और तिलक लगाकर स्वाधीनता संग्राम के सिपाहियों का हौसला बढ़ाती थीं. सत्याग्रहियों के जेल जाने पर उनके घर-परिवार की देखभाल करती थीं. इस वीरांगना का नाम है- बिश्नी देवी साह, जो जेल जाने वाली उत्तराखंड की पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी मानी जाती हैं. पेश है अल्मोड़ा की इस बहादुर बेटी की कहानी......

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मेरी माटी-मेरा देश : जब लड़ी गई थी जंग आजादी की, तो भारत के कई वीर नायकों और वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी, लेकिन हम याद उन्हें भी कर रहे हैं, जिनकी वीरता को शायद वह पहचान पूरी तरह नहीं मिली, जिसके वह हकदार थे. मेरी माटी, मेरा देश’ शृंखला में आज हम भारत मां की एक ऐसी बेटी से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं, जो फूलों की बरसात कर और तिलक लगाकर स्वाधीनता संग्राम के सिपाहियों का हौसला बढ़ाती थीं. सत्याग्रहियों के जेल जाने पर उनके घर-परिवार की देखभाल करती थीं. इस वीरांगना का नाम है- बिश्नी देवी साह, जो जेल जाने वाली उत्तराखंड की पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी मानी जाती हैं. पेश है अल्मोड़ा की इस बहादुर बेटी की कहानी……