उमरिया में प्रसव पीड़ा से गुजर रही महिला को पैदल चलवाया गया। – फोटो : अमर उजाला
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प्रदेश में भले ही राज्य भर में स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर होने का ढिंढोरा पीटा जा रहा हो, सच्चाई ठीक इसके उलट है। ताजा मामला आदिवासी बाहुल्य उमरिया का है। जहां कई कॉल करने के बाद भी जब एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हुई तो प्रसव पीड़ा से गुजर रही गर्भवती महिला को मीलों पैदल सफर करना पड़ा।
मामला उमरिया का है। ग्राम बड़ागांव से नौरोजाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक आठ से दस किमी की दूरी है। कॉल करने पर एंबुलेंस गांव के बाहर तक पहुंच गई थी। इसके बाद उसने गांव की सड़क खराब होने का बहाना बनाकर महिला के घर तक जाने से इनकार कर दिया। कहा कि सड़क खराब है और एंबुलेंस में कीचड़ लग जाएगा। इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर भी सामने आया है। चालक की मनमानी की वजह से घर से प्रसव पीड़ा के दौरान ही गर्भवती महिला को गांव के बाहर तक करीब दो किमी पैदल चलकर जाना पड़ा। मामला सामने आने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरके मेहरा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। एंबुलेंस चालक और ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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