umaria-news:-पीएम-ग्रामीण-सड़क-पर-हुआ-भूस्खलन,-कंधे-पर-ले-जाना-पड़ा-प्रसूता-का-शव
विस्तार Follow Us अतिवृष्टि के बाद राहत कार्य में देरी ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। पीएम ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी सड़क पर लैंडस्लाइड हुई थी। इस वजह से वाहन नहीं चल रहे हैं। ऐसे में लोगों को प्रसूता का शव कंधे पर बल्ली के सहारे ले जाना पड़ा।  दरअसल, रविवार को बड़ी तुम्मी गांव की गर्भवती गायत्री (28) पत्नी रोहित सिंह को उल्टी-दस्त और बुखार की शिकायत के साथ प्रसव पीड़ा भी शुरू हो गई। आठ माह की गर्भवती गायत्री को 60 किमी का सफर बाइक से तय कर अस्पताल पहुंचाया गया। भारी बारिश के कारण शहडोल और बिरसिंहपुर के रास्ते क्षतिग्रस्त हो चुके थे। जांच में पता चला कि गर्भस्थ शिशु का आधा शरीर बाहर आ चुका था। उसकी मौत हो गई। खून की कमी के कारण प्रसूता को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। सोमवार को जिला अस्पताल से शव गांव के लिए भेज दिया गया। गायत्री के परिजन गणेश सिंह ने बताया कि मूसलधार बारिश के कारण तुम्मी से घुनघुटी जाने वाले मार्ग पर भू-स्खलन हो गया है। पत्थरों और मलबे ने पूरे मार्ग को अवरुद्ध कर दिया है। एंबुलेंस और चार पहिया वाहनों की आवाजाही बंद है। प्रसूता को बाइक पर ले जाना पड़ा। 60 किमी का सफर के दौरान शिशु की स्थिति बिगड़ गई। बीएमओ निशांत सिंह परिहार ने बताया, "प्रसूता को मानपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शिशु 31 सप्ताह का था और प्रसव पीड़ा के कारण शिशु की मृत्यु हो गई थी। महिला को गंभीर एनीमिया था, इसलिए उसे ब्लड सप्लाई के लिए जिला अस्पताल भेजा गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।" शव को ले जाने में भी हुई कठिनाई  परिजनों की कठिनाइयां यहीं खत्म नहीं हुईं। दो दिन तक इलाज और प्रसव के बाद, उन्हें शव को गांव तक ले जाने में भी परेशानी उठानी पड़ी। सोमवार को गायत्री का शव निजी वाहन से उमरिया से घुनघुटी लाया गया, लेकिन पहाड़ से मलबा नहीं हटने के कारण शव को करीब तीन किमी तक कपड़े में बांधकर बल्ली के सहारे कंधे पर ले जाना पड़ा।

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अतिवृष्टि के बाद राहत कार्य में देरी ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। पीएम ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी सड़क पर लैंडस्लाइड हुई थी। इस वजह से वाहन नहीं चल रहे हैं। ऐसे में लोगों को प्रसूता का शव कंधे पर बल्ली के सहारे ले जाना पड़ा। 

दरअसल, रविवार को बड़ी तुम्मी गांव की गर्भवती गायत्री (28) पत्नी रोहित सिंह को उल्टी-दस्त और बुखार की शिकायत के साथ प्रसव पीड़ा भी शुरू हो गई। आठ माह की गर्भवती गायत्री को 60 किमी का सफर बाइक से तय कर अस्पताल पहुंचाया गया। भारी बारिश के कारण शहडोल और बिरसिंहपुर के रास्ते क्षतिग्रस्त हो चुके थे। जांच में पता चला कि गर्भस्थ शिशु का आधा शरीर बाहर आ चुका था। उसकी मौत हो गई। खून की कमी के कारण प्रसूता को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। सोमवार को जिला अस्पताल से शव गांव के लिए भेज दिया गया।

गायत्री के परिजन गणेश सिंह ने बताया कि मूसलधार बारिश के कारण तुम्मी से घुनघुटी जाने वाले मार्ग पर भू-स्खलन हो गया है। पत्थरों और मलबे ने पूरे मार्ग को अवरुद्ध कर दिया है। एंबुलेंस और चार पहिया वाहनों की आवाजाही बंद है। प्रसूता को बाइक पर ले जाना पड़ा। 60 किमी का सफर के दौरान शिशु की स्थिति बिगड़ गई। बीएमओ निशांत सिंह परिहार ने बताया, “प्रसूता को मानपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शिशु 31 सप्ताह का था और प्रसव पीड़ा के कारण शिशु की मृत्यु हो गई थी। महिला को गंभीर एनीमिया था, इसलिए उसे ब्लड सप्लाई के लिए जिला अस्पताल भेजा गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।”

शव को ले जाने में भी हुई कठिनाई 
परिजनों की कठिनाइयां यहीं खत्म नहीं हुईं। दो दिन तक इलाज और प्रसव के बाद, उन्हें शव को गांव तक ले जाने में भी परेशानी उठानी पड़ी। सोमवार को गायत्री का शव निजी वाहन से उमरिया से घुनघुटी लाया गया, लेकिन पहाड़ से मलबा नहीं हटने के कारण शव को करीब तीन किमी तक कपड़े में बांधकर बल्ली के सहारे कंधे पर ले जाना पड़ा।

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