umaria-news:-डॉक्टरों-की-हड़ताल-ने-ली-एक-मरीज-की-जान,-घर-ले-जाते-समय-हुई-मौत
उमरिया जिले के एक मरीज को न तो जिले में इलाज मिला और न ही जबलपुर में। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से इलाज न मिलने के बाद परिजन जब युवक को घर ले जा रहे थे, तब रास्ते में उसकी मौत हो गई।  Doctor Strike - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us उमरिया जिले के छपडौर निवासी बृजलाल पिता गिरधारी केवट (उम्र 28 वर्ष) की मौत डॉक्टरों की हड़ताल के कारण हो गई। बृजलाल को 14 अगस्त को परिजनों द्वारा गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। लेकिन उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, और उनकी हालत और बिगड़ती चली गई। 17 अगस्त को, जब डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान उनकी हालत गंभीर हो गई, तो परिजनों ने उन्हें जबलपुर ले जाने का फैसला किया। शाम 4 बजे के आसपास, उन्हें जबलपुर ले जाया गया, लेकिन वहां भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी होने के कारण उन्हें उचित इलाज नहीं मिल सका। आखिरकार, इलाज न मिलने के कारण परिजनों ने उन्हें वापस घर लाने का निर्णय लिया। घर लौटते समय रास्ते में ही बृजलाल की मौत हो गई। इस दुखद घटना से पूरे गांव और उनके परिवार में शोक का माहौल है। मृतक बृजलाल को प्रारंभिक दिनों में पीलिया की बीमारी थी, जिसके बाद उनकी किडनी में संक्रमण हो गया था। कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए अमानवीय कृत्य और हत्या के बाद, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 17 अगस्त को 24 घंटे की हड़ताल की घोषणा की थी, जिसके परिणामस्वरूप पूरे प्रदेश में डॉक्टर हड़ताल पर थे। हालाँकि, रविवार से सभी डॉक्टरों ने हड़ताल समाप्त कर दी है और मरीजों को चिकित्सकीय सुविधा देने लगे हैं। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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उमरिया जिले के एक मरीज को न तो जिले में इलाज मिला और न ही जबलपुर में। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से इलाज न मिलने के बाद परिजन जब युवक को घर ले जा रहे थे, तब रास्ते में उसकी मौत हो गई।  Doctor Strike – फोटो : अमर उजाला

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उमरिया जिले के छपडौर निवासी बृजलाल पिता गिरधारी केवट (उम्र 28 वर्ष) की मौत डॉक्टरों की हड़ताल के कारण हो गई। बृजलाल को 14 अगस्त को परिजनों द्वारा गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। लेकिन उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, और उनकी हालत और बिगड़ती चली गई।

17 अगस्त को, जब डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान उनकी हालत गंभीर हो गई, तो परिजनों ने उन्हें जबलपुर ले जाने का फैसला किया। शाम 4 बजे के आसपास, उन्हें जबलपुर ले जाया गया, लेकिन वहां भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी होने के कारण उन्हें उचित इलाज नहीं मिल सका। आखिरकार, इलाज न मिलने के कारण परिजनों ने उन्हें वापस घर लाने का निर्णय लिया। घर लौटते समय रास्ते में ही बृजलाल की मौत हो गई। इस दुखद घटना से पूरे गांव और उनके परिवार में शोक का माहौल है।

मृतक बृजलाल को प्रारंभिक दिनों में पीलिया की बीमारी थी, जिसके बाद उनकी किडनी में संक्रमण हो गया था। कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए अमानवीय कृत्य और हत्या के बाद, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 17 अगस्त को 24 घंटे की हड़ताल की घोषणा की थी, जिसके परिणामस्वरूप पूरे प्रदेश में डॉक्टर हड़ताल पर थे। हालाँकि, रविवार से सभी डॉक्टरों ने हड़ताल समाप्त कर दी है और मरीजों को चिकित्सकीय सुविधा देने लगे हैं।

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