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कलेक्ट्रेट पहुंचे आदिवासी - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us आदिवासी बाहुल्य जिले उमरिया में वनाधिकार पट्टा योजना प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई हैl जनपद पंचायत करकेली ग्राम बोदली से सैकड़ों आदिवासी किसान कलेक्टर से वनाधिकार का पट्टा लेने पंहुच गए। ग्रामीणों ने बताया, वे जिस जमीन पर साल 2002 से काबिज हैं और खेती किसानी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं, उससे वन विभाग के रेंजर उन्हें बेदखल करने का दबाब बना रहे हैं। जबकि उन्होंने साल 2016 में वनाधिकार के तहत पट्टे का आवेदन किया था और तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें पट्टा दिए जाने का भरोसा दिया था। ग्राम बोदली के आदिवासी किसानों को उनकी काबिज जमीन पर अब वन विभाग उन्हें खेती भी करने दे रहा है, जिससे किसान अपने परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे हैं। वहीं,  शिकायत प्राप्त होने के बाद अपर कलेक्टर शिव गोविंद सिंह मरकाम ने इस मामले में जांच उपरांत उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। वन विभाग की तानाशाही के खिलाफ प्रदर्शन अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पंहुचे किसानों ने परिसर के बाहर वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और वनाधिकार के तहत पट्टा दिलाए जाने की मांग की है। आदिवासियों ने आरोप लगाया कि वन महकमा उनके साथ ज्यादती कर रहा है, जिससे उनके बच्चे भूखों मरने की कगार पर आ गए हैं।

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कलेक्ट्रेट पहुंचे आदिवासी – फोटो : अमर उजाला

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आदिवासी बाहुल्य जिले उमरिया में वनाधिकार पट्टा योजना प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई हैl जनपद पंचायत करकेली ग्राम बोदली से सैकड़ों आदिवासी किसान कलेक्टर से वनाधिकार का पट्टा लेने पंहुच गए। ग्रामीणों ने बताया, वे जिस जमीन पर साल 2002 से काबिज हैं और खेती किसानी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं, उससे वन विभाग के रेंजर उन्हें बेदखल करने का दबाब बना रहे हैं। जबकि उन्होंने साल 2016 में वनाधिकार के तहत पट्टे का आवेदन किया था और तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें पट्टा दिए जाने का भरोसा दिया था।

ग्राम बोदली के आदिवासी किसानों को उनकी काबिज जमीन पर अब वन विभाग उन्हें खेती भी करने दे रहा है, जिससे किसान अपने परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे हैं। वहीं,  शिकायत प्राप्त होने के बाद अपर कलेक्टर शिव गोविंद सिंह मरकाम ने इस मामले में जांच उपरांत उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।

वन विभाग की तानाशाही के खिलाफ प्रदर्शन
अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पंहुचे किसानों ने परिसर के बाहर वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और वनाधिकार के तहत पट्टा दिलाए जाने की मांग की है। आदिवासियों ने आरोप लगाया कि वन महकमा उनके साथ ज्यादती कर रहा है, जिससे उनके बच्चे भूखों मरने की कगार पर आ गए हैं।

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