ujjain-news:-24-साल-पुराने-मामले-में-मिली-सफलता,-100-करोड़-मूल्य-की-जमीन-अतिक्रमण-से-मुक्त
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: रवींद्र भजनी Updated Sat, 01 Jul 2023 06: 24 PM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में 24 साल पुराना मुकदमा जीतने के बाद उज्जैन विकास प्राधिकरण ने 100 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन पर अतिक्रमण हटाया है।   उज्जैन विकास प्राधिकरण भवन। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us उज्जैन विकास प्राधिकरण को 24 वर्ष बाद सौ करोड़ रुपये की जमीन पर कब्जे के मुकदमे में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से सफलता मिली है। इस आदेश का पालन करते हुए उज्जैन विकास प्राधिकरण ने शुक्रवार को बसंत विहार की जमीन पर जेसीबी चलाकर कब्जा लिया। हाईकोर्ट की इंदौर बैंच ने इसका फैसला सुनाया तो ज्यादातर अधिकारियों को भनक भी नहीं लगी। प्राधिकरण के अध्यक्ष श्याम बंसल ने आनन-फानन में कब्जे के आदेश दिए और जमीन पर प्राधिकरण का बोर्ड चस्पा किया गया। उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्याम बंसल ने बताया कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने उज्जैन विकास प्राधिकरण के लीलाबाई और अन्य के प्रकरण में सितंबर 2012 को सिंगल बेंच के फैसले को निरस्त कर दिया है। खंडपीठ ने उज्जैन विकास प्राधिकरण के पक्ष में फैसला सुनाया। इसमें गोयलखुर्द के सर्वे क्रमांक 1/2 रकबा 0.084 हैक्टेयर, सर्वे क्रमांक 15 रकबा 1.089 हैक्टेयर, सर्वे क्रमांक 16/2 रकबा 0.449 हैक्टेयर, सर्वे क्रमांक 17/ रकबा 0.021 हैक्टेयर, कुल रकबा 1.64 हैक्टेयर है। यह शासकीय अतिशेष घोषित भूमि है, जिसमें सर्वे क्रमांक 15,16/2,17/ कुल रकबा 1.559 हैक्टेयर भूमि मप्र सरकार के द्वारा केंद्रीय कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित उज्जैन को आवंटित की गई थी। इसका अनुबंध उज्जैन विकास प्राधिकरण के मध्य मई 1999 को हुआ था। संस्था द्वारा उज्जैन विकास प्राधिकरण को अनुबंध के मुताबिक जमीन दे दी गई थी। हाईकोर्ट के समय-समय पर दिए गए स्थगन के चलते अतिक्रमण नहीं हटा था। फैसले की जानकारी मिलते ही यूडीए के संपदा अधिकारी शरद बर्वे को निर्देश दिए कि जमीन पर कब्जा हासिल किया जाए। वहां बोर्ड लगाया जाए। साथ ही कहा गया कि जमीन पर से पक्का निर्माण को भी तत्काल ही हटाया जाए। अध्यक्ष के निर्देश पर सहायक यंत्री संजय साध, महेश गुप्ता, राजकरण त्रिपाठी, सुनील नागर, रमेश जाटवा मौके पर पहुंचे और जेसीबी से अतिक्रमण हटाया। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: रवींद्र भजनी Updated Sat, 01 Jul 2023 06: 24 PM IST

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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में 24 साल पुराना मुकदमा जीतने के बाद उज्जैन विकास प्राधिकरण ने 100 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन पर अतिक्रमण हटाया है।
  उज्जैन विकास प्राधिकरण भवन। – फोटो : अमर उजाला

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उज्जैन विकास प्राधिकरण को 24 वर्ष बाद सौ करोड़ रुपये की जमीन पर कब्जे के मुकदमे में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से सफलता मिली है। इस आदेश का पालन करते हुए उज्जैन विकास प्राधिकरण ने शुक्रवार को बसंत विहार की जमीन पर जेसीबी चलाकर कब्जा लिया। हाईकोर्ट की इंदौर बैंच ने इसका फैसला सुनाया तो ज्यादातर अधिकारियों को भनक भी नहीं लगी। प्राधिकरण के अध्यक्ष श्याम बंसल ने आनन-फानन में कब्जे के आदेश दिए और जमीन पर प्राधिकरण का बोर्ड चस्पा किया गया।

उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्याम बंसल ने बताया कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने उज्जैन विकास प्राधिकरण के लीलाबाई और अन्य के प्रकरण में सितंबर 2012 को सिंगल बेंच के फैसले को निरस्त कर दिया है। खंडपीठ ने उज्जैन विकास प्राधिकरण के पक्ष में फैसला सुनाया। इसमें गोयलखुर्द के सर्वे क्रमांक 1/2 रकबा 0.084 हैक्टेयर, सर्वे क्रमांक 15 रकबा 1.089 हैक्टेयर, सर्वे क्रमांक 16/2 रकबा 0.449 हैक्टेयर, सर्वे क्रमांक 17/ रकबा 0.021 हैक्टेयर, कुल रकबा 1.64 हैक्टेयर है। यह शासकीय अतिशेष घोषित भूमि है, जिसमें सर्वे क्रमांक 15,16/2,17/ कुल रकबा 1.559 हैक्टेयर भूमि मप्र सरकार के द्वारा केंद्रीय कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित उज्जैन को आवंटित की गई थी। इसका अनुबंध उज्जैन विकास प्राधिकरण के मध्य मई 1999 को हुआ था। संस्था द्वारा उज्जैन विकास प्राधिकरण को अनुबंध के मुताबिक जमीन दे दी गई थी। हाईकोर्ट के समय-समय पर दिए गए स्थगन के चलते अतिक्रमण नहीं हटा था। फैसले की जानकारी मिलते ही यूडीए के संपदा अधिकारी शरद बर्वे को निर्देश दिए कि जमीन पर कब्जा हासिल किया जाए। वहां बोर्ड लगाया जाए। साथ ही कहा गया कि जमीन पर से पक्का निर्माण को भी तत्काल ही हटाया जाए। अध्यक्ष के निर्देश पर सहायक यंत्री संजय साध, महेश गुप्ता, राजकरण त्रिपाठी, सुनील नागर, रमेश जाटवा मौके पर पहुंचे और जेसीबी से अतिक्रमण हटाया।

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