मृतक युवक – फोटो : अमर उजाला
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उज्जैन के राघवी थाना क्षेत्र में मंगलवार शाम उस समय दहशत फैल गई, जब स्थानीय लोगों ने बोरे में बंद एक लाश देखी जो की पूरी तरह सड़ चुकी थी। सूचना मिलते ही पुलिस तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और और लाश को जिला अस्पताल भिजवाकर मृतक की शिनाख्त शुरू की गई, जिसकी शिनाख्त खेड़ाखजुरिया निवासी नरेंद्र पिता मुरलीसिंह के रूप मे हुई है।
मृतक के भाई महिपाल ने बताया कि 7 अगस्त 2023 की शाम से ही नरेंद्र लापता था जिसकी गुमशुदगी चिमनगंज थाने में दर्ज कराई गई थी। दरअसल नरेंद्र के पिता का आरडी गार्डी में बीमारी के चलते इलाज चल रहा है। जिनकी देखभाल के लिए नरेंद्र अस्पताल मे ही था। 7 अगस्त को उसे ग्राम ढाबली निवासी सुनील परमार और खेड़ाखजुरिया निवासी बलराम का फोन आया, जिन्होंने नरेंद्र को डेढ़ लाख रुपए वापस देने के लिए बुलाया था। जिनसे मिलने के लिए ही नरेंद्र गांव की ओर गया था। लेकिन इसके बाद पिछले 10 दिनों से वह वापस नहीं लौटा। परिजन नरेंद्र की तलाश कर ही रहे थे कि तभी उन्हें ग्राम महुड़ी में अंतर सिंह आंजना के खेत पर बोरे मे बंद लाश की जानकारी मिली। जब इस बोरे को खोला गया तो मृतक के कपड़े देखकर महिपाल ने उसकी पहचान भाई नरेंद्र के रूप में की।
डेढ़ लाख का था लेन-देन
महिपाल सिंह ने बताया कि उसके भाई मृतक नरेंद्र और ग्राम ढाबली में रहने वाले सुनील परमार खेड़ा खजुरिया में रहने वाले बलराम के बीच डेढ़ लाख रुपए का लेनदेन था। नरेंद्र इन्हीं रूपों को लेकर सुनील और बलराम को फोन लगाता था, हो सकता है इसी बात से नाराज होकर इन लोगों ने नरेंद्र को जान से मार दिया। महिपाल ने यह भी बताया कि नरेंद्र के गुमशुदा होने पर वह सुनील और बलराम से भी भाई के बारे में जानकारी लेने गए थे लेकिन दोनों ने उसे कोई जानकारी नहीं दी और गुमराह करते रहे।
मृतक के परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
मृतक नरेंद्र के परिवार ने आरोप लगाया है कि दोनों संदेहियों ने ही नरेंद्र की हत्या की है। फिलहाल राघवी थाना पुलिस ने सुनील और बलराम को हिरासत में ले लिया है, और उनसे पूछताछ की जा रही है। मृतक महिदपुर में ढाबे पर काम करता था। उसकी 3 साल और डेढ़ साल की दो बेटियां हैं।
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