न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: रवींद्र भजनी Updated Tue, 29 Aug 2023 03: 29 PM IST उज्जैन शहर में मंगलवार सुबह एक ऐसी यात्रा निकली, जिसमें वेदपाठी ब्राह्मण मंत्रों का उच्चारण करते हुए और अपने हाथों मे तख्तियां लेकर चल रहे थे। तख्तियों पर वेद के जनउपयोगी संदेश लिखे थे। इस यात्रा का उद्देश्य वेदों के प्रति आमजन को जागरुक करना था।  इस यात्रा की जानकारी देते हुए महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन के सहायक निदेशक संजय श्रीवास्तव ने बताया कि इन दिनों महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन अपना 37वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस दौरान तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्थापना दिवस के इस आयोजन में देशभर से आए बटुक विभिन्न स्पर्धा में भाग ले रहे हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार सुबह टॉवर चौक से वेद संदेश यात्रा की शुरुआत हुई। इसमें सबसे आगे चल रहे बेंड पर भजन या कोई गाने नहीं बल्कि वेद मंत्र कहे जा रहे थे।   देशभर के बटुक शामिल हुए इस अनोखी यात्रा में देशभर के वैदिक बटुक परंपरागत वेशभूषा में शामिल हुए। उनके हाथों में तख्तियां भी थी। उन पर वेद मन्त्रों के जनउपयोगी संदेश लिखे थे। यह यात्रा टॉवर चौक से शुरू होकर तीन बत्ती चौराहा, सिंधी कॉलोनी, सुभाष नगर चौराहा, नानाखेड़ा होते हुए भारतपुरी स्थित कार्यालय पर पहुंची।    वेद शलाका और वेद अंताक्षरी भी   महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान वेदों के संरक्षण अध्ययन व प्रचार-प्रसार के लिए देशभर में कार्य करता है। वैसे, देशभर मे कई वेद पाठशाला है लेकिन इनके द्वारा गुरु-शिष्य परंपरा इकाइयों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के सचिव प्रोफेसर विरुपाक्ष जगडीपाल ने बताया कि 28 अगस्त को स्थापना दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत हुई है। इसमें वेद संदेश यात्रा के साथ ही वैदिक प्रश्नोत्तरी, वेदांत्याक्षरी स्पर्धा के साथ ही वेद शलाका स्पर्धा का आयोजन भी किया जा रहा है।

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: रवींद्र भजनी Updated Tue, 29 Aug 2023 03: 29 PM IST

उज्जैन शहर में मंगलवार सुबह एक ऐसी यात्रा निकली, जिसमें वेदपाठी ब्राह्मण मंत्रों का उच्चारण करते हुए और अपने हाथों मे तख्तियां लेकर चल रहे थे। तख्तियों पर वेद के जनउपयोगी संदेश लिखे थे। इस यात्रा का उद्देश्य वेदों के प्रति आमजन को जागरुक करना था। 

इस यात्रा की जानकारी देते हुए महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन के सहायक निदेशक संजय श्रीवास्तव ने बताया कि इन दिनों महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन अपना 37वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस दौरान तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्थापना दिवस के इस आयोजन में देशभर से आए बटुक विभिन्न स्पर्धा में भाग ले रहे हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार सुबह टॉवर चौक से वेद संदेश यात्रा की शुरुआत हुई। इसमें सबसे आगे चल रहे बेंड पर भजन या कोई गाने नहीं बल्कि वेद मंत्र कहे जा रहे थे।
 

देशभर के बटुक शामिल हुए
इस अनोखी यात्रा में देशभर के वैदिक बटुक परंपरागत वेशभूषा में शामिल हुए। उनके हाथों में तख्तियां भी थी। उन पर वेद मन्त्रों के जनउपयोगी संदेश लिखे थे। यह यात्रा टॉवर चौक से शुरू होकर तीन बत्ती चौराहा, सिंधी कॉलोनी, सुभाष नगर चौराहा, नानाखेड़ा होते हुए भारतपुरी स्थित कार्यालय पर पहुंची। 
 

वेद शलाका और वेद अंताक्षरी भी  
महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान वेदों के संरक्षण अध्ययन व प्रचार-प्रसार के लिए देशभर में कार्य करता है। वैसे, देशभर मे कई वेद पाठशाला है लेकिन इनके द्वारा गुरु-शिष्य परंपरा इकाइयों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के सचिव प्रोफेसर विरुपाक्ष जगडीपाल ने बताया कि 28 अगस्त को स्थापना दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत हुई है। इसमें वेद संदेश यात्रा के साथ ही वैदिक प्रश्नोत्तरी, वेदांत्याक्षरी स्पर्धा के साथ ही वेद शलाका स्पर्धा का आयोजन भी किया जा रहा है।

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