ujjain-news:-रामघाट-पर-नदी-में-डूब-रही-महिला-को-एसडीईआरएफ-के-जवान-ने-बचाया,-अचानक-गहरे-पानी-में-चली-गई-थी
विस्तार Follow Us संभाग में लगातार हो रही बारिश के कारण शिप्रा नदी का जलस्तर दो दिन से लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार सुबह शिप्रा नदी के रामघाट पर पुलिस चौकी के सामने स्नान कर रही छतरपुर निवासी महिला संगीता पति कृष्ण कुमार सेन एकाएक गहरे पानी में डूबने लगी। उसे डूबता देख घाट पर तैनात एसडीईआरएफ जवान महेश सोलंकी द्वारा तत्काल नदी में उतरकर उसे बचाया गया। Trending Videos जिला सेनानी संतोष कुमार जाट ने बताया कि रामघाट पर यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एसडीईआरएफ और होमगार्ड के 30 जवानों को शिफ्टवार तैनात किया गया है। एक दिन पहले देवास डेम से शिप्रा में पानी छोड़े जाने पर रामघाट पर एकाएक जलस्तर बढ़ा है, जिससे सिद्धाश्रम और आनृसिंह घाट पर स्नान कर रहे लगभग 40 श्रद्धालुओं का जिंदगी जोखिम में आ गई। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए एसडीईआरएफ की क्यूआरटी और रामघाट पर तैनात जवानों ने तत्काल घाट खाली कराकर सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर भेजा और स्नान को पूर्णतः प्रतिबंधित कर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की। रामघाट के दूसरे किनारे दानीगेट रपट पर खड़े चारपहिया और दोपहिया वाहन भी पानी में डूबने लगे, जिन्हें रामघाट डीआरसी ने रस्सों की मदद से डूब प्रभावित क्षेत्र से निकालकर ऊंचाई वाले स्थान पर भेजा।

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संभाग में लगातार हो रही बारिश के कारण शिप्रा नदी का जलस्तर दो दिन से लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार सुबह शिप्रा नदी के रामघाट पर पुलिस चौकी के सामने स्नान कर रही छतरपुर निवासी महिला संगीता पति कृष्ण कुमार सेन एकाएक गहरे पानी में डूबने लगी। उसे डूबता देख घाट पर तैनात एसडीईआरएफ जवान महेश सोलंकी द्वारा तत्काल नदी में उतरकर उसे बचाया गया।

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जिला सेनानी संतोष कुमार जाट ने बताया कि रामघाट पर यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एसडीईआरएफ और होमगार्ड के 30 जवानों को शिफ्टवार तैनात किया गया है। एक दिन पहले देवास डेम से शिप्रा में पानी छोड़े जाने पर रामघाट पर एकाएक जलस्तर बढ़ा है, जिससे सिद्धाश्रम और आनृसिंह घाट पर स्नान कर रहे लगभग 40 श्रद्धालुओं का जिंदगी जोखिम में आ गई। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए एसडीईआरएफ की क्यूआरटी और रामघाट पर तैनात जवानों ने तत्काल घाट खाली कराकर सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर भेजा और स्नान को पूर्णतः प्रतिबंधित कर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की। रामघाट के दूसरे किनारे दानीगेट रपट पर खड़े चारपहिया और दोपहिया वाहन भी पानी में डूबने लगे, जिन्हें रामघाट डीआरसी ने रस्सों की मदद से डूब प्रभावित क्षेत्र से निकालकर ऊंचाई वाले स्थान पर भेजा।

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