बाबा महाकाल को बंधेगी राखी – फोटो : अमर उजाला
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इन दिनों कालों के काल बाबा महाकाल के दरबार में रक्षाबंधन त्योहार की तैयारियां जोर-शोर से जारी है। जहां एक ओर रक्षाबंधन पर बाबा महाकाल को अर्पित किए जाने वाले सवा लाख लड्डू बनकर तैयार हो चुके हैं। वहीं दूसरी ओर बाबा महाकाल के हाथों में बंधने वाली राखी भी तैयार हो चुकी है, जिसे पुजारी परिवार की महिलाएं श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर भस्म आरती के पहले ब्रह्म मुहूर्त में राजाधिराज महाकाल को राखी बांधकर विश्व की रक्षा की कामना करेंगी।
जो पुजारी श्रावण के दिनों में बाबा की भस्म आरती करते हैं, उन्हीं के परिवार की महिलाएं व बहनें राखी बांधने बाबा के कक्ष में जाती हैं। यह महिलाएं बाबा का मंगलगान कर उन्हें राखी बांधती है और फिर बाबा के प्रसाद से ही यह व्रत खोलती हैं। यह परंपरा कई साल से चली आ रही है।
रात दो बजे ही पहुंच जाते हैं मंदिर
महाकाल को राखी बांधने के लिए पुजारी परिवार की महिलाएं देर रात दो बजे ही मंदिर पहुंच जाती हैं। वे राखी बांधने तक मंत्रोच्चार करती हैं। राखी बांधने के बाद महाकाल से मिले प्रसाद से ये महिलाएं व्रत खोलती हैं। इसके बाद परिवार के भाइयों को राखी बांधी जाती है।
सवा लाख लड्डूओं का लगेगा महाभोग
श्री महाकालेश्वर मंदिर मे 30 अगस्त 2023 को श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर बाबा महाकाल को सवा लाख लड्डूओं का महाभोग लगेगा। वहीं, सुबह होने वाली भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल को सबसे पहले राखी बंधेगी। भस्म आरती के बाद से ही श्रद्धालुओं को महाभोग दर्शन और प्रसाद का वितरण शुरू हो जाएगा। श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन पर विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में पुजारी परिवार द्वारा बाबा महाकाल को सवा लाख लड्डूओं का महाभोग लगाया जाता है। यह परंपरा सालों से चली आ रही है। इसी क्रम में इस बार भी भस्मआरती करने वाले पुजारी परिवार द्वारा राजाधिराज महाकाल को सवा लाख लड्डूओं का भोग अर्पण किया जाएगा।
पंडित महेश पुजारी ने बताया कि परंपरा से राजा महाकाल को श्रावण पूर्णिमा पर सबसे पहले राखी बांधी जाती है। भस्मारती के दौरान भगवान को राखी बांधने के पश्चात लड्डूओं का महाभोग लगेगा। लड्डू प्रसादी तैयार करने में पुजारी परिवार के साथ ही कई भक्तों द्वारा भी सामग्री दी जाती है, जिसे प्रसाद में शामिल किया जाता है। भस्म आरती के पश्चात सुबह दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया जाता है।
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