ujjain-news:-बिना-सायरन-बजाए-छोड़-दिया-शिप्रा-में-पानी,-जलस्तर-बढ़ने-से-जलती-चिता-छोड़कर-भागे-लोग
शिप्रा तट पर फिर प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली। जब कुछ लोग चक्रतीर्थ पर दो शवों का अंतिम संस्कार कर रहे थे, तभी अचानक नदी में जलस्तर बढ़ गया। स्थिति कुछ ऐसी बनी कि पानी बढ़ने से लोगों को जलती चिता छोड़कर भागना पड़ा।  बिना सायरन के शिप्रा नदी मे छोड़ दिया पानी..... पिछली बार बह गई थी 4 कार...इस बार पानी बढ़ने से विस्तार Follow Us उज्जैन में एक बार फिर बिना पूर्व सूचना के पानी शिप्रा में छोड़ दिया गया। नतीजा यह हुआ कि अचानक जलस्तर बढ़ा और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। चक्रतीर्थ पर अंतिम संस्कार कर रहे लोग जलती चिता छोड़कर भागे। इस मामले में विभागीय लापरवाही उजागर हुई है। पिछले एक माह में शिप्रा नदी में दो बार बाढ़ आई, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।   बीते एक माह में बारिश के पानी के अचानक बढ़ने के कारण शिप्रा नदी में चार कारें बह गईं। इसके अलावा, घाट पर पूजा कर रहे लोगों को अपनी जान बचाने के लिए जल्दी से भागना पड़ा। हाल ही में, चक्रतीर्थ पर दो शवों का अंतिम संस्कार करते समय नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया, जिससे जलती चिता आधी डूब गई और लोग चिता छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए। यदि पानी और अधिक बढ़ जाता, तो जलती चिताएं बह सकती थीं। इंदौर में दो दिन की बारिश के कारण शिप्रा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार दोपहर को पानी चक्रतीर्थ श्मशान घाट तक पहुंच गया, जिससे जलती चिता आधी डूब गई और अंतिम संस्कार कर रहे लोगों को शव छोड़कर बाहर आना पड़ा। लोगों ने बताया कि जब वे अंतिम संस्कार करने आए, तो जलस्तर बहुत कम था, लेकिन जैसे ही क्रियाएं शुरू हुईं, नदी का पानी अचानक बढ़ गया। विभागीय लापरवाही   जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री मयंक सिंह ने कहा कि बाढ़ की स्थिति बारिश के पानी के कारण उत्पन्न हुई थी। उन्होंने यह भी माना कि सायरन के माध्यम से पूर्व सूचना देने की कोई व्यवस्था नहीं की गई, जिससे स्थानीय लोगों को समस्या का सामना करना पड़ा। इस पर कुछ ठोस प्रतिक्रिया देने की बजाय उन्होंने मामले से पल्ला झाड़ लिया। यह भी बताया गया कि इंदौर और उज्जैन के बीच आपसी कोऑर्डिनेशन की कमी के कारण ऐसी स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, जिससे भविष्य में बड़ी घटनाएं हो सकती हैं। नेता प्रतिपक्ष ने जताई आपत्ति नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने इस लापरवाही पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “पीएचई और जल संसाधन विभाग को इंदौर में हो रही बारिश की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने समय पर इंतजाम नहीं किए। रोजाना हजारों लोग शिप्रा में स्नान करते हैं। पानी बढ़ने से लोगों को परेशानी हुई, लेकिन किसी को खबर नहीं दी गई। इंदौर और उज्जैन के अधिकारियों में बेहतर कोऑर्डिनेशन की आवश्यकता है।” रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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शिप्रा तट पर फिर प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली। जब कुछ लोग चक्रतीर्थ पर दो शवों का अंतिम संस्कार कर रहे थे, तभी अचानक नदी में जलस्तर बढ़ गया। स्थिति कुछ ऐसी बनी कि पानी बढ़ने से लोगों को जलती चिता छोड़कर भागना पड़ा।  बिना सायरन के शिप्रा नदी मे छोड़ दिया पानी….. पिछली बार बह गई थी 4 कार…इस बार पानी बढ़ने से

विस्तार Follow Us

उज्जैन में एक बार फिर बिना पूर्व सूचना के पानी शिप्रा में छोड़ दिया गया। नतीजा यह हुआ कि अचानक जलस्तर बढ़ा और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। चक्रतीर्थ पर अंतिम संस्कार कर रहे लोग जलती चिता छोड़कर भागे। इस मामले में विभागीय लापरवाही उजागर हुई है। पिछले एक माह में शिप्रा नदी में दो बार बाढ़ आई, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।  

बीते एक माह में बारिश के पानी के अचानक बढ़ने के कारण शिप्रा नदी में चार कारें बह गईं। इसके अलावा, घाट पर पूजा कर रहे लोगों को अपनी जान बचाने के लिए जल्दी से भागना पड़ा। हाल ही में, चक्रतीर्थ पर दो शवों का अंतिम संस्कार करते समय नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया, जिससे जलती चिता आधी डूब गई और लोग चिता छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए। यदि पानी और अधिक बढ़ जाता, तो जलती चिताएं बह सकती थीं। इंदौर में दो दिन की बारिश के कारण शिप्रा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार दोपहर को पानी चक्रतीर्थ श्मशान घाट तक पहुंच गया, जिससे जलती चिता आधी डूब गई और अंतिम संस्कार कर रहे लोगों को शव छोड़कर बाहर आना पड़ा। लोगों ने बताया कि जब वे अंतिम संस्कार करने आए, तो जलस्तर बहुत कम था, लेकिन जैसे ही क्रियाएं शुरू हुईं, नदी का पानी अचानक बढ़ गया।

विभागीय लापरवाही  
जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री मयंक सिंह ने कहा कि बाढ़ की स्थिति बारिश के पानी के कारण उत्पन्न हुई थी। उन्होंने यह भी माना कि सायरन के माध्यम से पूर्व सूचना देने की कोई व्यवस्था नहीं की गई, जिससे स्थानीय लोगों को समस्या का सामना करना पड़ा। इस पर कुछ ठोस प्रतिक्रिया देने की बजाय उन्होंने मामले से पल्ला झाड़ लिया। यह भी बताया गया कि इंदौर और उज्जैन के बीच आपसी कोऑर्डिनेशन की कमी के कारण ऐसी स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, जिससे भविष्य में बड़ी घटनाएं हो सकती हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने जताई आपत्ति
नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने इस लापरवाही पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “पीएचई और जल संसाधन विभाग को इंदौर में हो रही बारिश की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने समय पर इंतजाम नहीं किए। रोजाना हजारों लोग शिप्रा में स्नान करते हैं। पानी बढ़ने से लोगों को परेशानी हुई, लेकिन किसी को खबर नहीं दी गई। इंदौर और उज्जैन के अधिकारियों में बेहतर कोऑर्डिनेशन की आवश्यकता है।”

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