ujjain-news:-बाबा-महाकाल-में-समाए-सारे-देवी-देवता,-इसलिए-अलग-अलग-स्वरूप-में-होता-है-श्रृंगार,-यह-बोले-पुजारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: उज्जैन ब्यूरो Updated Sat, 03 Aug 2024 07: 26 PM IST श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश गुरु ने बाबा महाकाल के प्रतिदिन होने वाले श्रृंगार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महाकालेश्वर भगवान अवंतिका में शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। सारे देवता जो सनातन धर्म में माने जाते हैं वे सभी शिवलिंग के रूप में यहां विराजमान हैं। बाबा महाकाल का अलग-अलग स्वरूपों में क्यों होता है श्रृंगार। विस्तार Follow Us  कालों के काल बाबा महाकाल का दरबार अत्यंत निराला है, जहां प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और भगवान के दिव्य दर्शन का लाभ उठाते हैं। देशभर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर शिवलिंग की अद्भुत चमत्कारी शक्तियां प्रसिद्ध हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं भी जल्द पूरी होती हैं। बाबा महाकाल के चमत्कारों और उनकी दिव्यता के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन आज हम बात करेंगे बाबा महाकाल के प्रतिदिन होने वाले विभिन्न स्वरूपों के श्रृंगार के बारे में। बाबा महाकाल के श्रृंगार में उन्हें कभी खाटू श्याम के रूप में देखा जा सकता है, तो कभी भगवान गणेश के। एकादशी पर बाबा महाकाल वैष्णव तिलक लगाए भक्तों को दर्शन देते हैं। साथ अर्धनारीश्वर और मां पार्वती के स्वरूप में भी बाबा महाकाल अपने भक्तों को आशीष प्रदान करते हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश गुरु ने बाबा महाकाल के प्रतिदिन होने वाले श्रृंगार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महाकालेश्वर भगवान अवंतिका में शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। सारे देवता जो सनातन धर्म में माने जाते हैं वे सभी शिवलिंग के रूप में यहां विराजमान हैं। महाकालेश्वर भगवान की शिवलिंग का श्रृंगार प्रतिदिन पुजारी वर्ग की भावना से होता है, लेकिन यह कैसा होगा, इसकी प्रेरणा पुजारी वर्ग को भगवान के माध्यम से ही मिलती है। पंडित महेश गुरु ने बताया कि हम सभी देवताओं का सम्मान करते हैं, क्योंकि सभी देवी-देवताओं ने समय-समय पर सनातन धर्म की रक्षा की है। इसलिए उन्हें सनातन धर्म का रक्षक भी कहा जाता है। कालों के काल बाबा महाकाल में सभी देवी-देवताओं के समाहित होने के कारण ही उन्हें कभी भगवान शिव के अंश हनुमान जी, श्रीनाथजी, खाटू श्याम जी, जगन्नाथ जी, श्री गणेश जी, अर्धनारीश्वर और मां पार्वती के स्वरूप में भी श्रृंगारित किया जाता है। पुजारी वर्ग बाबा महाकाल से अत्यधिक प्रेम करता है, उन्हें पूजन-अर्चन के साथ श्रृंगार के रूप में भी लाड़ लड़ाता है। इसीलिए बाबा महाकाल की अपने पुजारियों पर भी विशेष कृपा रहती है। 12 ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव का अनेक स्वरूपों में श्रृंगार किया जाता है, लेकिन विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां बाबा महाकाल देवी-देवताओं के अन्य स्वरूपों में भी भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यह शिवलिंग बड़ा होने के कारण इस पर किया गया श्रृंगार अत्यंत दिव्य और आकर्षक नजर आता है, जिससे इसकी दिव्यता सभी को मंत्रमुग्ध करती है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: उज्जैन ब्यूरो Updated Sat, 03 Aug 2024 07: 26 PM IST

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश गुरु ने बाबा महाकाल के प्रतिदिन होने वाले श्रृंगार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महाकालेश्वर भगवान अवंतिका में शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। सारे देवता जो सनातन धर्म में माने जाते हैं वे सभी शिवलिंग के रूप में यहां विराजमान हैं। बाबा महाकाल का अलग-अलग स्वरूपों में क्यों होता है श्रृंगार।

विस्तार Follow Us

 कालों के काल बाबा महाकाल का दरबार अत्यंत निराला है, जहां प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और भगवान के दिव्य दर्शन का लाभ उठाते हैं। देशभर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर शिवलिंग की अद्भुत चमत्कारी शक्तियां प्रसिद्ध हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं भी जल्द पूरी होती हैं। बाबा महाकाल के चमत्कारों और उनकी दिव्यता के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन आज हम बात करेंगे बाबा महाकाल के प्रतिदिन होने वाले विभिन्न स्वरूपों के श्रृंगार के बारे में।

बाबा महाकाल के श्रृंगार में उन्हें कभी खाटू श्याम के रूप में देखा जा सकता है, तो कभी भगवान गणेश के। एकादशी पर बाबा महाकाल वैष्णव तिलक लगाए भक्तों को दर्शन देते हैं। साथ अर्धनारीश्वर और मां पार्वती के स्वरूप में भी बाबा महाकाल अपने भक्तों को आशीष प्रदान करते हैं।

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश गुरु ने बाबा महाकाल के प्रतिदिन होने वाले श्रृंगार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महाकालेश्वर भगवान अवंतिका में शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। सारे देवता जो सनातन धर्म में माने जाते हैं वे सभी शिवलिंग के रूप में यहां विराजमान हैं। महाकालेश्वर भगवान की शिवलिंग का श्रृंगार प्रतिदिन पुजारी वर्ग की भावना से होता है, लेकिन यह कैसा होगा, इसकी प्रेरणा पुजारी वर्ग को भगवान के माध्यम से ही मिलती है।

पंडित महेश गुरु ने बताया कि हम सभी देवताओं का सम्मान करते हैं, क्योंकि सभी देवी-देवताओं ने समय-समय पर सनातन धर्म की रक्षा की है। इसलिए उन्हें सनातन धर्म का रक्षक भी कहा जाता है। कालों के काल बाबा महाकाल में सभी देवी-देवताओं के समाहित होने के कारण ही उन्हें कभी भगवान शिव के अंश हनुमान जी, श्रीनाथजी, खाटू श्याम जी, जगन्नाथ जी, श्री गणेश जी, अर्धनारीश्वर और मां पार्वती के स्वरूप में भी श्रृंगारित किया जाता है। पुजारी वर्ग बाबा महाकाल से अत्यधिक प्रेम करता है, उन्हें पूजन-अर्चन के साथ श्रृंगार के रूप में भी लाड़ लड़ाता है। इसीलिए बाबा महाकाल की अपने पुजारियों पर भी विशेष कृपा रहती है।

12 ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव का अनेक स्वरूपों में श्रृंगार किया जाता है, लेकिन विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां बाबा महाकाल देवी-देवताओं के अन्य स्वरूपों में भी भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यह शिवलिंग बड़ा होने के कारण इस पर किया गया श्रृंगार अत्यंत दिव्य और आकर्षक नजर आता है, जिससे इसकी दिव्यता सभी को मंत्रमुग्ध करती है।

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