ujjain-news:-फर्जी-रजिस्ट्री-मामले-में-एफआईआर,-झूठे-दस्तावेज-से-कैसे-हुई-रजिस्ट्री-और-कैसे-सामने-आया-मामला…
उज्जैन जिले के खाचरौद के बहुचर्चित फर्जी रजिस्ट्री मामले में 15 दिन की जांच के बाद पुलिस ने दो लोगों को आरोपी बनाया है। उनके खिलाफ अलग-अलग धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।  फर्जी रजिस्ट्री मामले मे थाना खाचरोद में दर्ज हुई FIR.... विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें उज्जैन जिले के खाचरौद के बहुचर्चित फर्जी रजिस्ट्री मामले में 15 दिन की जांच के बाद पुलिस ने राम नरसिंह उर्फ नरसिंह निवासी चापाखेड़ा और लोकेंद्र पिता विक्रम सिंह निवासी बटलावदी के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। थाना प्रभारी धनसिंह नलवाया ने बताया कि आठ जुलाई 2024 को नरसिंह पिता गोरधनलाल ढोढरिया ने जमीन के फर्जी विक्रय की शिकायत की थी।  Trending Videos जांच में पाया गया कि नरसिंह पिता गोरधनलाल ढोढरिया और राम नरसिंह पिता गोरधनलाल सगित्रा एक ही गांव के निवासी हैं। दोनों की कृषि भूमि भी गांव में है। राम नरसिंह और उसके साथी लोकेंद्र सिंह ने राम नरसिंह के स्थान पर नरसिंह पिता गोरधनलाल के दस्तावेज तैयार करवाए। उन्होंने पेन, आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेजों में परिवर्तन कर मूल आवेदक नरसिंहलाल की जमीन के दस्तावेज तैयार किए और रतलाम निवासी रशीद को दिखाए।  सौदा पक्का होने पर पहले तीन बीघा जमीन फर्जीवाड़े से बेची और फिर दूसरे सर्वे नंबर की जमीन को भी नाम का दुरुपयोग कर विक्रय कर दिया। रजिस्ट्री होते ही नामांतरण प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई। पटवारी ने मूल कृषक को जमीन बिकने की सूचना दी तो असल जमीन मालिक के होश उड़ गए और उसने खुद के साथ हुई धोखाधड़ी के संबंध में पुलिस को आवेदन दिया। साक्ष्यों के आधार पर दो आरोपियों पर धारा 420, 467, 468, और 471 में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है और अन्य आरोपियों, जो प्रकरण में संलिप्त हैं, जिनमें क्रेता, दस्तावेज लेखक और अन्य संलिप्त व्यक्तियों के संबंध में विवेचना कर आरोपी बढ़ाए जाएंगे। इस मामले में सोचने वाली बात यह है कि पहले फर्जी रजिस्ट्री हुई, फिर कैंसिल हुई। पुलिस को सूचना भी नहीं दी गई। इस मामले में बड़ा घोटाला होने का संदेह है। पुलिस की सूक्ष्म जांच और आरोपियों को रिमांड पर लेकर कड़ी पूछताछ करने पर कई सफेदपोशों के इस मामले से जुड़े होने के खुलासे हो सकते हैं। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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उज्जैन जिले के खाचरौद के बहुचर्चित फर्जी रजिस्ट्री मामले में 15 दिन की जांच के बाद पुलिस ने दो लोगों को आरोपी बनाया है। उनके खिलाफ अलग-अलग धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।  फर्जी रजिस्ट्री मामले मे थाना खाचरोद में दर्ज हुई FIR….

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उज्जैन जिले के खाचरौद के बहुचर्चित फर्जी रजिस्ट्री मामले में 15 दिन की जांच के बाद पुलिस ने राम नरसिंह उर्फ नरसिंह निवासी चापाखेड़ा और लोकेंद्र पिता विक्रम सिंह निवासी बटलावदी के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। थाना प्रभारी धनसिंह नलवाया ने बताया कि आठ जुलाई 2024 को नरसिंह पिता गोरधनलाल ढोढरिया ने जमीन के फर्जी विक्रय की शिकायत की थी। 

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जांच में पाया गया कि नरसिंह पिता गोरधनलाल ढोढरिया और राम नरसिंह पिता गोरधनलाल सगित्रा एक ही गांव के निवासी हैं। दोनों की कृषि भूमि भी गांव में है। राम नरसिंह और उसके साथी लोकेंद्र सिंह ने राम नरसिंह के स्थान पर नरसिंह पिता गोरधनलाल के दस्तावेज तैयार करवाए। उन्होंने पेन, आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेजों में परिवर्तन कर मूल आवेदक नरसिंहलाल की जमीन के दस्तावेज तैयार किए और रतलाम निवासी रशीद को दिखाए। 

सौदा पक्का होने पर पहले तीन बीघा जमीन फर्जीवाड़े से बेची और फिर दूसरे सर्वे नंबर की जमीन को भी नाम का दुरुपयोग कर विक्रय कर दिया। रजिस्ट्री होते ही नामांतरण प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई। पटवारी ने मूल कृषक को जमीन बिकने की सूचना दी तो असल जमीन मालिक के होश उड़ गए और उसने खुद के साथ हुई धोखाधड़ी के संबंध में पुलिस को आवेदन दिया। साक्ष्यों के आधार पर दो आरोपियों पर धारा 420, 467, 468, और 471 में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है और अन्य आरोपियों, जो प्रकरण में संलिप्त हैं, जिनमें क्रेता, दस्तावेज लेखक और अन्य संलिप्त व्यक्तियों के संबंध में विवेचना कर आरोपी बढ़ाए जाएंगे। इस मामले में सोचने वाली बात यह है कि पहले फर्जी रजिस्ट्री हुई, फिर कैंसिल हुई। पुलिस को सूचना भी नहीं दी गई। इस मामले में बड़ा घोटाला होने का संदेह है। पुलिस की सूक्ष्म जांच और आरोपियों को रिमांड पर लेकर कड़ी पूछताछ करने पर कई सफेदपोशों के इस मामले से जुड़े होने के खुलासे हो सकते हैं।

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