दंपति ने नीलगंगा थाना प्रभारी पर लगाया मारपीट का आरोप।
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उज्जैन जिले के नीलगंगा थाना क्षेत्र में रहने वाले एक दंपति शुक्रवार रात जिला अस्पताल उपचार के लिए पहुंचे। उन्होंने नीलगंगा थाना प्रभारी पर मारपीट करने के आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि उन्हें लॉकअप में बंद किया गया। साथ ही उनके बेटे के साथ भी मारपीट की गई है।
जानकारी के अनुसार कवेलू कारखाना चौराहा पर रहने वाले धर्मेन्द्र प्रजापति ईंट सप्लायर का काम करते हैं। कुछ दिन पहले धर्मेन्द्र ने अपने मुनीम विक्की प्रजापति द्वारा बिल्डरों से हजारों रुपये लेकर लापता होने की शिकायत नीलगंगा थाना पुलिस से की थी। इस बीच मुनीम थाने पहुंचा और उसने धर्मेन्द्र के खिलाफ चाकू और पिस्टल दिखाकर धमकाने के साथ ही कार में बैठाकर मारपीट करने का आरोप लगाया।
पुलिस ने शुक्रवार दोपहर धर्मेन्द्र को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया। कुछ देर बाद धर्मेन्द्र की पत्नी हंसा प्रजापति और पुत्र गौरव भी थाने पहुंच गए। रात को अस्पताल पहुंचने पर प्रजापति दंपति ने आरोप लगाया कि उनके साथ थाने में थाना प्रभारी विवेक कनोड़िया और स्टाफ ने मारपीट की। वहीं, उल्टा उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की धमकी दी गई। डॉक्टरों ने दंपति और उनके पुत्र का मेडिकल परीक्षण किया है।
नीलगंगा थाना प्रभारी का कहना है कि धर्मेन्द्र पर उसके मुनीम ने धमकाने का आरोप लगाया था, इसी कारण उसे बुलाया गया था। धर्मेन्द्र पूरे परिवार के साथ थाने आया और अभद्रता की। थाने में काफी भीड़ जमा हो गई थी। बाहर जाने के लिए कहा गया तो वे हंगामा करने लगे। उन्हें बलपूर्वक बाहर निकाला गया, थाने में अभद्रता और हंगामे की शिकायत दर्ज की गई। दंपति ने बाद में माफीनामा भी लिखकर दिया है। वहीं, प्रजापति दंपति का कहना है कि उनसे जबरदस्ती माफी लिखवाई गई है। उनके वकील के आने पर उन्हें रिहा किया गया है। बताया जा रहा है कि मुनीम दो साल से धर्मेन्द्र प्रजापति के यहां काम कर रहा है और उनके बीच लेन-देन का विवाद चला आ रहा है।
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