चोर आए रेकी की और चुरा ले गए बाइक – फोटो : अमर उजाला
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दावे किए जाते हैं कि अगर किसी को अपने वाहन सुरक्षा के साथ पार्क करना है तो उन्हें स्मार्ट पार्किंग का उपयोग करना चाहिए। जहां पर वह पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं और वहां को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचता है। लेकिन उज्जैन के महाकाल मंदिर के पास बनी स्मार्ट पार्किंग में यह दावे गलत साबित हो चुके हैं। क्योंकि यहां किसी गाड़ी को नुकसान पहुंचाने की बजाय चोर यहां से गाड़ी ही चुरा ले गए हैं।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्मार्ट पार्किंग बनाई गई है। इस स्मार्ट पार्किंग का उपयोग मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही मंदिर के अधिकारी और कर्मचारी भी करते हैं। लेकिन स्मार्ट पार्किंग की व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान उस समय खड़े हुए, जब इस पार्किंग से एक बाइक चोरी हो गई। बाइक चोरी होने के बाद जब इस पार्किंग के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो चोर आसानी से इस वारदात को अंजाम देते हुए भी दिखाई दिए। श्री महाकालेश्वर मंदिर के प्रोटोकॉल विभाग मे कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ गोपाल सिंह परिहार पिता जगत सिंह परिहार निवासी नलिया बाखल उज्जैन रोजाना की तरह सुबह 5.15 पर ड्यूटी करने के लिए मंदिर पहुंचे थे। उन्होंने अपनी मोटर साइकिल क्रमांक एमपी-13 ईएन-6342 नीलकंठ द्वार पर स्थित स्मार्ट पार्किंग में खड़ी की थी।
मोटर साइकिल को पार्किंग में लगाने के बाद गोपाल अपने काम पर चले गए। लेकिन जब वह दोपहर को घर जाने के लिए बाइक लेने पहुंचे तो अचानक चौंक गए। क्योंकि पार्किंग में उनकी बाइक गायब थी। उन्होंने तुरंत स्मार्ट पार्किंग के जिम्मेदारों को बाइक गायब होने की जानकारी दी, जिसके बाद सीसीटीवी फुटेज देखे गए तो तीन युवक गोपाल की बाइक चुराते हुए दिखाई दिए। जो कि लगभग 15 से 20 मिनट तक स्मार्ट पार्किंग में हर आने जाने वाले व्यक्ति की रेकी रखने के साथ ही लगभग चार अन्य बाइक पर भी अपना हाथ साफ कर चुके थे। लेकिन जब गोपाल की बाइक का लॉक आसानी से खुल गया तो वह इसे स्टार्ट कर रफू चक्कर हो गए।
वीडियो के माध्यम से हो रही चोरों की तलाश
गोपाल परिहार ने बताया कि बाइक चोरी होने के बाद वह इसकी शिकायत लेकर थाना महाकाल पहुंचे थे। जहां पुलिस ने बाइक चोरी के सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद उन्हें वीडियो के माध्यम से बाइक चोरों को खोजने की बात कही। इस मामले में अभी कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
इस व्यवस्था पर उठे सवाल
महाकाल मंदिर के प्रोटोकॉल ऑफिस में काम करने वाले गोपाल की बाइक स्मार्ट पार्किंग से चोरी होने के बाद स्मार्ट पार्किंग की स्मार्ट व्यवस्था पर सवाल उठने लगे है। सीधी सी बात है की बाइक चोर जो की सीसीटीवी फुटेज में नजर आ रहे हैं, वह लगभग 3 से 4 बाइक चुराने का प्रयास कर चुके थे। तब तक स्मार्ट पार्किंग के जिम्मेदार आखिर क्या कर रहे थे। इन चोरों ने बाइक को चुराने के बाद इसे आसानी से पार्किंग के गेट से भी निकाल लिया।
बाइक पार्किंग से बाहर निकालने के बाद क्या चोरो ने स्मार्ट पार्किंग द्वारा दी गई पर्ची दिखाई या फिर कर बिना रुपये दिए ही बाइक ले गए। सवाल यह भी है कि अगर चोर रुपये देने पार्किंग के मुख्य गेट पर रुकते तो गाड़ी के नंबर के आधार पर ही यह पता चल जाता कि यह बाइक रोजाना स्मार्ट पार्किंग में खड़ी होती है और इसका प्रतिदिन कोई शुल्क नहीं दिया जाता, जिससे चोरों को पार्किंग के मुख्य गेट पर ही पकड़ा जा सकता था।
महाकालेश्वर प्रबंध समिति नहीं, नगर निगम संचालित करता है स्मार्ट पार्किंग : जूनवाल
श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल से जब स्मार्ट पार्किंग के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के द्वारा किसी भी स्मार्ट पार्किंग का संचालन नहीं किया जाता है। इन पार्किंग का संचालन नगर निगम और स्मार्ट सिटी के द्वारा किया जा रहा है।
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