ujjain-news:-किसान-के-आधार-कार्ड-से-छेड़छाड़-कर-बेच-दी-8-बीघा-जमीन,-कलेक्टर-एसपी-तक-पहुंची-शिकायत
कलेक्टर और एसपी तक पहुंची शिकायत विस्तार Follow Us उज्जैन जिले में इन दिनों जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री का खेल चल रहा है। भूमि मालिक को पता भी नहीं चलता और उसकी जमीन कि रजिस्ट्री दूसरे को कर दी जाती है। इसी तरह का एक मामला उज्जैन जिले की खाचरौद तहसील के ग्राम चांपाखेड़ा में हुआ है। यहां के किसान की लगभग आठ बीघा जमीन एक व्यक्ति ने आधार कार्ड से छेड़छाड़ कर बेच दी। 16 दिन बाद इसका नामांतरण भी हो गया। किसान को जानकारी लगी तो आरोपी समझौता करने उसके घर पहुंच गए। फिर कानूनी डर से एक माह बाद दोनों रजिस्ट्री निरस्त करा दी। जमीन मालिक ने इसकी शिकायत पुलिस थाने व वरिष्ठ अधिकारियों को की है। उज्जैन जिले के ग्राम चांपाखेड़ा निवासी नरसिंहलाल पिता गोरधनलाल धाकड़ की गांव में करीब आठ बीघा जमीन है। इसी गांव के रहवासी राम नरसिंह लाल पुत्र गोवर्धन ने अपने आधार कार्ड के आगे से राम हटवा दिया। दोनों का नाम व पिता का नाम एक ही हो गया।इसके बाद उसने तीन बीघा भूमि रतलाम जिले के गांव बंजली निवासी रशीद पुत्र सलीम को 4 जून 2024 को बेच दी। 16 दिन बाद नामांतरण भी हो गया, जबकि नामांतरण डेढ़ माह पूर्व नहीं होता है। इसकी जानकारी जमीन मालिक को नहीं लगी। 25 जून को फिर शेष जमीन इसी ने रशीद को ही बेच दी। नामांतरण के लिए आवेदन भी लगा दिया। पटवारी ने असली जमीन मालिक नरसिंह को मामले की जानकारी दी। इसके बाद किसान ने पूरे मामले में आपत्ति दर्ज कराई। अपनी जमीन बिकने की जानकारी लगने पर नरसिंह फर्जीवाड़ा करने वाले राम नरसिंह के पास गया तो नया मामला सामने आया। उसने बताया कि लोकेंद्रसिंह निवासी गांव बटलावदी ने उसे लोन दिलाने की बात कहकर बैंक में खाता भी खुलवाया। खाता खुलवाते ही चेक बुक पर हस्ताक्षर करवा लिए। रजिस्ट्री होने के बाद उस खाते में 32 लाख रुपये भी आए थे। वह भी लोकेंद्र ने निकाल लिए। इसको लेकर नरसिंह ने खाचरौद पुलिस थाने व एसडीएम को शिकायत की। इस पर जमीन बेचने वाला राम नरसिंह व खरीदने वाला रशीद ने राजीनामे के लिए दबाव बनाया। फरियादी ने राजीनामा नहीं किया तो 8 जुलाई को दोनों रजिस्ट्रियां रशीद ने निरस्त करा दीं। फरियादी ने उज्जैन एसपी-कलेक्टर को धोखाधड़ी की शिकायत की है। पूरे मामले की जांच कर रहे चापाखेड़ा चौकी प्रभारी एसआई संतोष यादव ने बताया कि जांच में अभी तहसीलदार और रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है। जांच पूरी होते ही दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई होगी। इस मामले में कई अनियमितताएं हुई हैं। आधार कार्ड से नाम हटाने के पूर्व इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। रजिस्ट्री में दूसरे गांव की जमीन का फोटो लगाया गया। नियमानुसार रजिस्ट्रार भूमि निरीक्षण करने के बाद ही रजिस्ट्री करता है। रजिस्ट्रार द्वारा भूमि का निरीक्षण नहीं किया गया। ऐसे में मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग फरियादी नरसिंह लाल ने की है। मामले में शिकायत के बाद जब जांच की गई तो पता चला है कि किसान के आधार कार्ड के नाम में छेड़छाड़ कर फर्जी रजिस्ट्री करने वाले राम नरसिंह ने नरसिंहलाल बनकर कई लोगों की जमीन की रजिस्ट्री कर ली है। फर्जी रजिस्ट्री के शिकार हुए कई लोगों के नाम अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। राम नरसिंह ने खाचरौद के अधिकांश सर्विस प्रोवाइडरों से रजिस्ट्री या बंधक या अन्य दस्तावेज फर्जी दस्तावेज तैयार करके करवाए हैं। सर्विस प्रोवाइडर भी उक्त व्यक्ति के खिलाफ एसडीएम एवं थाना प्रभारी को सामूहिक ज्ञापन सौंपेंगे।

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कलेक्टर और एसपी तक पहुंची शिकायत

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उज्जैन जिले में इन दिनों जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री का खेल चल रहा है। भूमि मालिक को पता भी नहीं चलता और उसकी जमीन कि रजिस्ट्री दूसरे को कर दी जाती है। इसी तरह का एक मामला उज्जैन जिले की खाचरौद तहसील के ग्राम चांपाखेड़ा में हुआ है। यहां के किसान की लगभग आठ बीघा जमीन एक व्यक्ति ने आधार कार्ड से छेड़छाड़ कर बेच दी। 16 दिन बाद इसका नामांतरण भी हो गया। किसान को जानकारी लगी तो आरोपी समझौता करने उसके घर पहुंच गए। फिर कानूनी डर से एक माह बाद दोनों रजिस्ट्री निरस्त करा दी। जमीन मालिक ने इसकी शिकायत पुलिस थाने व वरिष्ठ अधिकारियों को की है।

उज्जैन जिले के ग्राम चांपाखेड़ा निवासी नरसिंहलाल पिता गोरधनलाल धाकड़ की गांव में करीब आठ बीघा जमीन है। इसी गांव के रहवासी राम नरसिंह लाल पुत्र गोवर्धन ने अपने आधार कार्ड के आगे से राम हटवा दिया। दोनों का नाम व पिता का नाम एक ही हो गया।इसके बाद उसने तीन बीघा भूमि रतलाम जिले के गांव बंजली निवासी रशीद पुत्र सलीम को 4 जून 2024 को बेच दी। 16 दिन बाद नामांतरण भी हो गया, जबकि नामांतरण डेढ़ माह पूर्व नहीं होता है। इसकी जानकारी जमीन मालिक को नहीं लगी। 25 जून को फिर शेष जमीन इसी ने रशीद को ही बेच दी। नामांतरण के लिए आवेदन भी लगा दिया। पटवारी ने असली जमीन मालिक नरसिंह को मामले की जानकारी दी। इसके बाद किसान ने पूरे मामले में आपत्ति दर्ज कराई।

अपनी जमीन बिकने की जानकारी लगने पर नरसिंह फर्जीवाड़ा करने वाले राम नरसिंह के पास गया तो नया मामला सामने आया। उसने बताया कि लोकेंद्रसिंह निवासी गांव बटलावदी ने उसे लोन दिलाने की बात कहकर बैंक में खाता भी खुलवाया। खाता खुलवाते ही चेक बुक पर हस्ताक्षर करवा लिए। रजिस्ट्री होने के बाद उस खाते में 32 लाख रुपये भी आए थे। वह भी लोकेंद्र ने निकाल लिए। इसको लेकर नरसिंह ने खाचरौद पुलिस थाने व एसडीएम को शिकायत की। इस पर जमीन बेचने वाला राम नरसिंह व खरीदने वाला रशीद ने राजीनामे के लिए दबाव बनाया। फरियादी ने राजीनामा नहीं किया तो 8 जुलाई को दोनों रजिस्ट्रियां रशीद ने निरस्त करा दीं। फरियादी ने उज्जैन एसपी-कलेक्टर को धोखाधड़ी की शिकायत की है।

पूरे मामले की जांच कर रहे चापाखेड़ा चौकी प्रभारी एसआई संतोष यादव ने बताया कि जांच में अभी तहसीलदार और रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है। जांच पूरी होते ही दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई होगी। इस मामले में कई अनियमितताएं हुई हैं। आधार कार्ड से नाम हटाने के पूर्व इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। रजिस्ट्री में दूसरे गांव की जमीन का फोटो लगाया गया। नियमानुसार रजिस्ट्रार भूमि निरीक्षण करने के बाद ही रजिस्ट्री करता है। रजिस्ट्रार द्वारा भूमि का निरीक्षण नहीं किया गया। ऐसे में मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग फरियादी नरसिंह लाल ने की है। मामले में शिकायत के बाद जब जांच की गई तो पता चला है कि किसान के आधार कार्ड के नाम में छेड़छाड़ कर फर्जी रजिस्ट्री करने वाले राम नरसिंह ने नरसिंहलाल बनकर कई लोगों की जमीन की रजिस्ट्री कर ली है। फर्जी रजिस्ट्री के शिकार हुए कई लोगों के नाम अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। राम नरसिंह ने खाचरौद के अधिकांश सर्विस प्रोवाइडरों से रजिस्ट्री या बंधक या अन्य दस्तावेज फर्जी दस्तावेज तैयार करके करवाए हैं। सर्विस प्रोवाइडर भी उक्त व्यक्ति के खिलाफ एसडीएम एवं थाना प्रभारी को सामूहिक ज्ञापन सौंपेंगे।

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