मध्य प्रदेश में बदल गए स्कूल में प्रवेश के नियम – फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने प्री प्राइमरी और प्राइमरी स्कूलों में एडमिशन को लेकर बड़ी राहत दी है। कक्षा एक में एडमिशन की न्यूनतम आयु छह वर्ष निर्धारित है। इसमें राहत देते हुए निर्देश दिया गया है कि पांच साल छह महीने का बच्चा भी अब कक्षा एक में प्रवेश में प्रवेश ले सकता है।
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दरअसल, अब तक मध्य प्रदेश में नर्सरी, केजी-1 और केजी-2 के साथ ही कक्षा एक में प्रवेश के लिए बेसलाइन एक अप्रैल को बनाया गया था। इस वजह से एलकेजी और यूकेजी एवं कक्षा-1 में एडमिशन को लेकर अभिभावकों को दिक्कतें हो रही थी। कक्षा-एक में प्रवेश के लिए न्यूनतम छह वर्ष का होना आवश्यक है। यदि बच्चा एलकेजी और यूकेजी पास करने के बाद एक अप्रैल को पांच साल आठ महीने का भी है तो उसे कक्षा-एक में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। उन्हें एक वर्ष रिपीट करवाया जा रहा था। इसमें ही संशोधन करते हुए नर्सरी, केजी-1 और केजी-2 में प्रवेश के लिए आयु की बेसलाइन को एक अप्रैल 2024 से बढ़ाकर 31 जुलाई 2024 तय किया है। इसी तरह कक्षा-एक में प्रवेश के लिए बेसलाइन को एक अप्रैल 2024 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2024 तय किया गया है।
क्या थी परेशानी
उज्जैन में अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रचार प्रमुख डॉ. दिलीप मांदलिया ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान खींचा था। उनका कहना था कि नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा एक में प्रवेश की न्यूनतम आयु छह वर्ष निर्धारित है। अभिभावकों की समस्या यह है कि ढाई साल में प्री-स्कूल में डालने पर बच्चा अक्सर एक अप्रैल 2024 को पांच साल आठ महीने का होता है। नियमों की वजह से उसे कक्षा-एक में एडमिशन नहीं दिया जा रहा है। उन्हें एक साल रिपीट करना पड़ रहा है।
ऐसे दूर होगी समस्या
स्कूल शिक्षा विभाग ने 23 जुलाई को एक पत्र जारी कर एडमिशन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। इसमें नर्सरी, केजी-1 और केजी-2 में एडमिशन के लिए उम्र निर्धारित करने के लिए बेसलाइन के तौर पर एक अप्रैल के बजाय 31 जुलाई किया गया है। इसी तरह कक्षा-एक में प्रवेश उन छात्रों को मिलेगा जो 30 सितंबर 2024 तक छह साल के हो जाएंगे। पहले यह बेसलाइन एक अप्रैल 2024 तय की गई थी।
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