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उज्जैन में चिकित्सा विभाग ने सील किया अस्पताल। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us उज्जैन में चार साल की मासूम बच्ची को गलत इंजेक्शन लगाने वाले झोलाछाप डॉक्टर की शिकायत कलेक्टर तक पहुंचने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वर्धमान क्लिनिक को सील कर दिया और दो अन्य क्लीनिकों को दस्तावेज प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य अधीक्षक डॉ. विकास राजपूत ने बताया कि कुछ दिन पहले घटिया तहसील की पूनम भंडारी अपनी चार साल की बेटी को उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायत के चलते भेरूगढ़ थाना क्षेत्र के वर्धमान क्लिनिक लेकर आई थीं। वहां डॉक्टर शुभम जैन और वर्धमान जैन ने बच्ची का इलाज किया और इंजेक्शन लगाया। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। उसे तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पूनम भंडारी ने इस मामले की कलेक्टर कार्यालय में शिकायत की, जिसके बाद जांच का आदेश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिया गया। जांच के दौरान यह सामने आया कि वर्धमान क्लिनिक के डॉक्टरों के पास केवल आयुर्वेदिक डिग्री थी, लेकिन वे एलोपैथिक पद्धति से इलाज कर रहे थे। इसके चलते माधव नगर अस्पताल के प्रभारी डॉ. विक्रम रघुवंशी और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप सोमेश के साथ मिलकर वर्धमान दवाखाना को सील कर दिया गया। इस दौरान भारी मात्रा में दवाइयाँ भी बरामद की गईं। डॉ. राजपूत ने बताया कि क्षेत्र में दो अन्य दवाखाने भी नियमों के विरुद्ध संचालित हो रहे थे, जिन्हें बंद कराया गया है और उन्हें 7 दिनों में दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। डेढ़ माह से जारी है कार्रवाई का अभियान  स्वास्थ्य विभाग पिछले डेढ़ माह से शहर में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। सबसे पहले मक्सीरोड पंवासा क्षेत्र में एक क्लीनिक को सील किया गया, जहां एक बालक का गलत इलाज किया गया था। इसके बाद नवजीवन अस्पताल पर भी कार्रवाई की गई, जहां दस्तावेजों की कमी के कारण 7 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया था। इसके अलावा, 6 अगस्त को ग्राम ढाबला फंटा में महाकाल कायरो केयर नाम से संचालित तीन मंजिला अस्पताल को भी सील कर दिया गया था।

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उज्जैन में चिकित्सा विभाग ने सील किया अस्पताल। – फोटो : अमर उजाला

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उज्जैन में चार साल की मासूम बच्ची को गलत इंजेक्शन लगाने वाले झोलाछाप डॉक्टर की शिकायत कलेक्टर तक पहुंचने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वर्धमान क्लिनिक को सील कर दिया और दो अन्य क्लीनिकों को दस्तावेज प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।

स्वास्थ्य अधीक्षक डॉ. विकास राजपूत ने बताया कि कुछ दिन पहले घटिया तहसील की पूनम भंडारी अपनी चार साल की बेटी को उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायत के चलते भेरूगढ़ थाना क्षेत्र के वर्धमान क्लिनिक लेकर आई थीं। वहां डॉक्टर शुभम जैन और वर्धमान जैन ने बच्ची का इलाज किया और इंजेक्शन लगाया। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। उसे तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पूनम भंडारी ने इस मामले की कलेक्टर कार्यालय में शिकायत की, जिसके बाद जांच का आदेश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिया गया।

जांच के दौरान यह सामने आया कि वर्धमान क्लिनिक के डॉक्टरों के पास केवल आयुर्वेदिक डिग्री थी, लेकिन वे एलोपैथिक पद्धति से इलाज कर रहे थे। इसके चलते माधव नगर अस्पताल के प्रभारी डॉ. विक्रम रघुवंशी और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप सोमेश के साथ मिलकर वर्धमान दवाखाना को सील कर दिया गया। इस दौरान भारी मात्रा में दवाइयाँ भी बरामद की गईं। डॉ. राजपूत ने बताया कि क्षेत्र में दो अन्य दवाखाने भी नियमों के विरुद्ध संचालित हो रहे थे, जिन्हें बंद कराया गया है और उन्हें 7 दिनों में दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

डेढ़ माह से जारी है कार्रवाई का अभियान 
स्वास्थ्य विभाग पिछले डेढ़ माह से शहर में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। सबसे पहले मक्सीरोड पंवासा क्षेत्र में एक क्लीनिक को सील किया गया, जहां एक बालक का गलत इलाज किया गया था। इसके बाद नवजीवन अस्पताल पर भी कार्रवाई की गई, जहां दस्तावेजों की कमी के कारण 7 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया था। इसके अलावा, 6 अगस्त को ग्राम ढाबला फंटा में महाकाल कायरो केयर नाम से संचालित तीन मंजिला अस्पताल को भी सील कर दिया गया था।

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