न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: उज्जैन ब्यूरो Updated Sat, 03 Aug 2024 03: 17 PM IST
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीना ने बताया कि आज 19वें अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव “शिवसंभवम” 2024 का द्वितीय आयोजन श्री महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्वव संग्रहालय सभागृह में किया जाएगा। आज सजेगी श्रावण महोत्सव की दूसरी शाम
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श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 19 वां अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव “शिवसंभवम” 2024 का आयोजन किया जा रहा है। श्रावण महोत्सव 2024 में नियोजित शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य से नटराज श्री महाकालेश्वर की स्तुति में देश भर से प्रख्यात कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देकर शिव आराधना करेंगे |
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीना ने बताया कि 3 अगस्त को 19वें अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव “शिवसंभवम” 2024 का द्वितीय आयोजन श्री महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्वव संग्रहालय सभागृह, जयसिंहपुरा उज्जैन में शाम 7 बजे किया जाएगा। कला साधकों के इस प्रस्तुति समागम के द्वितीय शनिवार को उज्जैन के शर्मा बंधुओं का गायन, पुणे की नम्रता गायकवाड प्रमोद गायकवाड का शहनाई वादन और मुंबई की निकिता बणावलिकर की प्रस्तुतियां होगी।
जानिए कौन है शर्मा बंधु
भक्ति संगीत में राजीव शर्मा, मुकेश शर्मा , शैलेष शर्मा, मिथिलेश शर्मा “शर्मा बंधु” का नाम सुविख्यात है। आपने देश-विदेश में भक्ति संगीत के अनेक प्रतिष्ठित मंचों पर अनेकों पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हो चुके हैं, जिसमें जलोटा फाउंडेशन मुंबई द्वारा पं.हरिओम शरण भक्ति संगीत ग्लोरी अवार्ड (2017), लता मंगेशकर अवार्ड, सुर सिंगार संसद मुम्बई 1986, महाकाल सम्मान उत्सव महाकालेश्वर उज्जैन 1992, संगीतायन नई दिल्ली द्वारा संगीत सौरभ सम्मान 1998, मीरा संगीत शिरोमणि अलंकरण 2005 मीरा कला मंदिर उदयपुर द्वारा, विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि, संगीत में की गई सेवाओं के लिए, विक्रम शिला हिन्दी विद्यापीठ द्वारा 2013 में, सम्राट विक्रमादित्य पुरस्कार 2016, गीत श्री सम्मान, युवा जागृति मंच उज्जैन द्वारा 2021 प्राप्त किया है।
शहनाई वादन प्रस्तुत करने वाली प्रथम युवा महिला नम्रता गायकवाड़
नम्रता गायकवाड़ ने अपनी संगीत की प्रारंभिक शिक्षा मां सीमा और नानी चंदरदेवी से प्राप्त की I तत्पश्चात पिता डॉ. पं. प्रमोद गायकवाड़, बनारस घराने के विख्यात शहनाई वादक और आपके नाना एवं गुरु पं. अनंतलाल और उनके सुपुत्र और आपके मामाजी गुरु पं.दयाशंकर, पं. अशोककुमार और पं.विजयकुमार से प्राप्त की। भारती विद्यापीठ, पुणे से शहनाई विषय के अंतर्गत एम.ए. संगीत की उपाधि प्राप्त की है I देश विदेशों मे अनेक प्रतिष्ठित संगीत समारोह में आपने एकल, वाद्यवृंद मे शहनाई और सुंद्री वादन की प्रस्तुती दी है। नम्रता गायकवाड़ के नाम देश-विदेशों में सुपरिचित पुणे के अति प्रतिष्ठित सवाई गन्धर्व भीमसेन संगीत महोत्सव 2015 में शहनाई वादन प्रस्तुत करने वाली प्रथम युवा महिला कलाकार का रिकॉर्ड दर्ज है |
बणावलिक ने कथक से भारत ही नहीं विदेश में भी बनाई अलग पहचान
निकिता बणावलिक ने कथक में अपनी असाधारण प्रतिभा के लिए भारत और विदेश दोनों में पहचान अर्जित की है। उन्हें भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद (ICCR) द्वारा सूचीबद्ध किया गया है और वर्तमान में वे कथक में पीएचडी कर रही हैं। उन्होंने अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण डॉ. मंजीरी देव से प्राप्त किया और उनके मार्गदर्शन में गंधर्व महाविद्यालय से विशारद की डिग्री पूरी की। बाद में उन्होंने पुणे में गुरु शमा भाटे के तहत उन्नत प्रशिक्षण लेने से पहले चार साल तक अहमदाबाद में पद्म भूषण कुमुदिनी लाखिया के कदम्ब सेंटर फॉर डांस में प्रशिक्षण लिया। राष्ट्रीय युवा कलाकार छात्रवृत्ति और लगातार दो वर्षों तक मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा मेनका पुरस्कार, अखिल भारतीय प्रतिभा पुरस्कार, गोपी कृष्ण पुरस्कार, पं.विष्णु दिगंबर पलुस्कर पुरस्कार आदि शामिल हैं।
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