विश्व प्रसिद्ध महाकाल की सवारी का इंतजार लाखों भक्तों को रहता है। आज श्रावण का सातवां सोमवार है, और उज्जैन में महाकाल बाबा की सातवी सवारी भी ठाट-बाट से निकाली गई। लाखों भक्त इस पवित्र आयोजन के साक्षी बने। भक्तों का सैलाब देखकर लग रहा था कि मानो ये शाही सवारी हो। रात करीब 7.30 बजे महाकाल की सवारी सभा मंडप पहुंची। नगर भ्रमण करने के बाद बाबा महाकाल पुनः चंद्रमौलेश्वर ओर मनमहेश स्वरूप में महाकाल मंदिर पहुंचे। यहां सभा मंडप में पंडितों द्वारा भगवान मनमहेश को स्थापित किए जाने के बाद परंपरागत पूजन किया गया। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश गुरु ने बताया कि सभा मंडप में हुए भगवान चंद्रमौलेश्वर ओर मनमहेश के पूजन के बाद मंदिर में बाबा महाकाल की सांध्य आरती शुरू हुई। पूजन-अर्चन के बाद सवारी संपन्न हुई। अब अगली सवारी 28 अगस्त 2023 को निकलेगी। यहां से करें सवारी के सीधे दर्शन
इससे पहले श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। उसके पश्चात भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी गई।
शिप्रा तट रामघाट पर जैसे ही बाबा महाकाल की सवारी पहुंची, वैसे ही दत्त अखाड़ा क्षेत्र और रामघाट क्षेत्र पर बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए उमड़े लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा की एक झलक देखने के साथ ही जय श्री महाकाल का उद्घोष किया। यहां पर बाबा महाकाल का मां शिप्रा के जल से पूजन अर्चन और आरती की गई और फिर सवारी यहीं से महाकाल मंदिर जाने के लिए फिर से शुरू हुई। महाकाल की सातवी सवारी में लाखों भक्त उमड़े हैं। जिन्होने भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर के पालकी मे दर्शन किए। सवारी मार्ग में स्थान-स्थान पर खडे श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान श्री महाकालेश्वर पर पुष्पवर्षा की।
नगर भ्रमण के दौरान जैसे ही बाबा महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर पहुंची वैसे ही गोपाल मंदिर क्षेत्र हरि और हर के नारों से गुंजायमान हो गया। यहां लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन तो किए ही इसके साथ ही वे हरिहर मिलन के साक्षी भी बने। गोपाल मंदिर के पुजारी बाबा महाकाल का पूजन अर्चन करने के लिए मुख्य मार्ग पर आए। जहां उन्होंने पालकी में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन अर्चन कर आरती की। इस दौरान पूरा गोपाल मंदिर क्षेत्र जय शिव ओंकारा की गूंज से गुंजायमान हो गया। याद रहे कि गोपाल मंदिर से बाबा महाकाल की सवारी पटनी बाजार, गुदरी चौराहा 24 खंभा मार्ग से होते हुए पुनः मंदिर पहुंचेगी।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि श्री महाकालेश्वर भगवान की सप्तम सवारी परंपरा अनुसार आज नगर में धूमधाम से निकली। इस बार पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद ,श्री घटाटोप मुखोटा व श्री जटाशंकर मुखारविंद सम्मिलित हो रहे हैं।
सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।
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