न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: दिनेश शर्मा Updated Mon, 12 Aug 2024 07: 37 PM IST
धार्मिक नगरी उज्जैन आज धन्य हो गई, जब अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकले। श्रावण-भादो माह मे निकलने वाली यह बाबा महाकाल की चौथी सवारी थी। इसमें बाबा महाकाल ने अपने भक्तों को 4 स्वरूपों में दर्शन दिए। इससे पूरी नगरी में जय श्री महाकाल का उद्घोष हुआ और हर कोई बाबा महाकाल के दर्शन कर भावविभोर हो गया।
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श्री महाकालेश्वर भगवान की श्रावण-भादो माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में श्रावण माह के चतुर्थ सोमवार पर आज शाम 4 बजे नगर भ्रमण पर निकली। भगवान श्री महाकालेश्वर बैलगाड़ी पर नंदी पर विराजमान होकर श्री उमा-महेश स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने निकले। पालकी में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर स्वरूप में विराजित रहे और हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड रथ पर शिव तांडव प्रतिमा, नंदी रथ पर उमा महेश के मुखारविंद विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले।
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में विधिवत भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत, महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री लखन पटेल, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंदिर दिलीप जैसवाल, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधिवत पूजन किया। पूजना शासकीय पुजारी घनश्याम शर्मा ने सम्पन्न करवाया। इसके बाद बाबा महाकाल प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर को सलामी दी। उसके पश्चात परंपरागत मार्ग से होते हुए सवारी क्षिप्रा तट रामघाट पहुची। जहां पर भगवान महाकाल का क्षिप्रा के जल से अभिषेक एवं पूजा-अर्चन किया गया। पूजन-अर्चन के बाद सवारी निर्धारित मार्गों से होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।
घसिया बाजा नृत्य दल ने दी प्रस्तुति
श्री महाकालेश्वर भगवान की चौथे सोमवार की सवारी में घासी जनजातीय घसिया बाजा नृत्य सीधी के उपेन्द्र सिंह के नेतृत्व में इनका दल श्री महाकालेश्वर भगवान की चौथी सवारी में पालकी के आगे भजन मंडलियों के साथ अपनी प्रस्तुति देता नजर आया। इस नृत्य मे शिव की बारात में दानव, मानव, भूत-प्रेत, भिन्न भिन्न तरह के जानवर आदि शामिल हुए थे। कुछ उसी तरह इस नृत्य में भी कलाकारों द्वारा अनुकरण किया गया।
वेद मंत्र के पारायण ने किया भावविभोर
सवारी के दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के साथ तीन वैदिक विद्यालय महर्षि कण्व वेद विद्यालय, महामृत्युंजय वेद विद्यालय ऋषि गुरुकुल के वैदिक वटुकों ने दत्त अखाड़ा क्षेत्र से भगवान महाकाल के सवारी अवसर पर वेद मंत्र के पारायण से जन समुदाय को भाव विभोर कर दिया।
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