ujjain:-विधायक-और-अधिकारी-के-रवैये-से-मीसाबंदी-नाराज,-कहा-स्वतंत्रता-दिवस-पर-उनके-सम्मान-की-जरूरत-नहीं
लोकतंत्र सेनानी ने नहीं कराया सम्मान - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us राज्य शासन के आदेशानुसार स्वतंत्रता दिवस गणतंत्र दिवस व अन्य महत्वपूर्ण दिवस पर लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियो) को सम्मानित किया जाता है। लेकिन उज्जैन जिले के महिदपुर में विधायक बहादुर सिंह चौहान के द्वारा नगर पालिका में किए गए गलत व्यवहार और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों द्वारा लोकतंत्र सेनानी नरेन्द्र चौधरी के साथ पुलिस थाना महिदपुर में दुर्व्यवहार किया गया था। जिसकी लिखित शिकायत नरेंद्र चौधरी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक की थी, जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय से सीएम हेल्पलाइन के डायरेक्टर को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन स्थानीय एवं जिला स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच कर कार्रवाई करने के बजाय प्रदेश स्तर पर निरन्तर झूठे प्रतिवेदन भेजकर मुख्यालय को गुमराह किया। सीएम हेल्पलाइन से जब समस्या के निराकरण एवं शिकायतकर्ता से संतुष्टिकरण के लिए पूछा गया। तब शिकायतकर्ता लोकतंत्र सेनानी नरेंद्र चौधरी ने बताया कि मेरी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर महिदपुर में पदस्थ तत्कालीन एसडीओपी आरके राय व थाना प्रभारी दिनेश भोजक ने झूठा प्रतिवेदन सीएम हेल्पलाइन पर भेजा। पुलिस विभाग ने लोकतंत्र सेनानी नरेंद्र चौधरी के बारे में अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए लिखा कि यह राजनीति कर रहा है। साथ पीएमओ से भेजे गए निर्देश व सीएम हेल्पलाइन की शिकायत को समाप्त कर दिया गया और लोकतंत्र सेनानी के मोबाइल नंबर को भी ब्लॉक कर दिया। वही, लोकतंत्र सेनानी ने बताया कि इस मामले में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भी उज्जैन कलेक्टर को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी स्वतंत्रता सेनानी को नीचा दिखाते रहे। इसी से क्षुब्ध होकर लोकतंत्र सेनानी ने स्वतंत्रता दिवस पर विधायक एवं प्रशासन से सम्मान नहीं करवाया।

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लोकतंत्र सेनानी ने नहीं कराया सम्मान – फोटो : अमर उजाला

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राज्य शासन के आदेशानुसार स्वतंत्रता दिवस गणतंत्र दिवस व अन्य महत्वपूर्ण दिवस पर लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियो) को सम्मानित किया जाता है। लेकिन उज्जैन जिले के महिदपुर में विधायक बहादुर सिंह चौहान के द्वारा नगर पालिका में किए गए गलत व्यवहार और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों द्वारा लोकतंत्र सेनानी नरेन्द्र चौधरी के साथ पुलिस थाना महिदपुर में दुर्व्यवहार किया गया था। जिसकी लिखित शिकायत नरेंद्र चौधरी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक की थी, जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय से सीएम हेल्पलाइन के डायरेक्टर को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन स्थानीय एवं जिला स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच कर कार्रवाई करने के बजाय प्रदेश स्तर पर निरन्तर झूठे प्रतिवेदन भेजकर मुख्यालय को गुमराह किया।

सीएम हेल्पलाइन से जब समस्या के निराकरण एवं शिकायतकर्ता से संतुष्टिकरण के लिए पूछा गया। तब शिकायतकर्ता लोकतंत्र सेनानी नरेंद्र चौधरी ने बताया कि मेरी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर महिदपुर में पदस्थ तत्कालीन एसडीओपी आरके राय व थाना प्रभारी दिनेश भोजक ने झूठा प्रतिवेदन सीएम हेल्पलाइन पर भेजा। पुलिस विभाग ने लोकतंत्र सेनानी नरेंद्र चौधरी के बारे में अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए लिखा कि यह राजनीति कर रहा है। साथ पीएमओ से भेजे गए निर्देश व सीएम हेल्पलाइन की शिकायत को समाप्त कर दिया गया और लोकतंत्र सेनानी के मोबाइल नंबर को भी ब्लॉक कर दिया।

वही, लोकतंत्र सेनानी ने बताया कि इस मामले में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भी उज्जैन कलेक्टर को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी स्वतंत्रता सेनानी को नीचा दिखाते रहे। इसी से क्षुब्ध होकर लोकतंत्र सेनानी ने स्वतंत्रता दिवस पर विधायक एवं प्रशासन से सम्मान नहीं करवाया।

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