ujjain:-यशवंत-सागर-का-गेट-खुलते-ही-उज्जैनवासी-हुए-खुश,-रामघाट-के-मंदिर-और-छोटा-पुल-डूबा,-भरने-लगा-गंभीर-डैम
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: उज्जैन ब्यूरो Updated Sat, 24 Aug 2024 06: 39 PM IST यशवंत सागर के गेट खुलने से उज्जैनवासियों के चेहरे खिल गए हैं। क्योंकि बिना बारिश हुए ही मां शिप्रा उफान पर है। रामघाट पर स्थित मंदिर और पुल डूबे हुए हैं। साथ ही गंभीर डैम भी लगातार भरता जा रहा है। शिप्रा नदी के बड़े पुल के नीचे से होकर गुजरता पानी - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us उज्जैन शहर में भले ही अब तक इतनी तेजी से बारिश न हुई हो कि उज्जैन की प्यास बुझाने वाला गंभीर डैम भर जाए। लेकिन यशवंत सागर के गेट खुलने से उज्जैनवासियों के चेहरे खिल गए हैं। क्योंकि बिना बारिश हुए ही मां शिप्रा उफान पर है। रामघाट पर स्थित मंदिर और पुल डूबे हुए हैं। साथ ही गंभीर डैम भी लगातार भरता जा रहा है। इंदौर और देवास में लगातार हो रही बारिश के कारण मां शिप्रा उफान पर है। रामघाट के मंदिर जहां जलमग्न हैं। वहीं, उज्जैन और बड़नगर को जोड़ने वाला छोटा पुल भी डूब चुका है। तेजी से आ रहे बारिश के कारण स्थितियां कुछ ऐसी हो चुकी है कि जहां घाट पर पूजन अर्चन नहीं हो पा रहा है। वहीं, चक्रतीर्थ पर अंतिम संस्कार करने में भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इन सभी दिक्कतों के बावजूद भी उज्जैनवासी काफी खुश नजर आ रहे हैं। क्योंकि गंभीर डैम जो की उज्जैन की प्यास को बुझाता है, उसमें लगातार इंदौर के यशवंत सागर से आने वाला बाढ़ का यह पानी पहुंचता जा रहा है, जिसके भर जाने से वर्ष भर उज्जैनवासियों को पेयजल के संकट से जूझना नहीं पड़ेगा। शाम 4 बजे तक पहुंचा 1208 एमसीएफटी पानी गंभीर डैम उपखंड के सहायक यंत्री राजीव शुक्ला ने बताया कि इंदौर और आसपास के कैचमेंट एरिया से आ रहे बारिश के पानी के कारण शाम चार बजे तक 1208 एमसीएफटी पानी डैम में आ चुका है। राजीव शुक्ला ने बताया कि डैम की क्षमता 2250 एमसीएफटी है, जिसमें से अब तक 1208 एमसीएफटी पानी भर चुका है। इसी तरह बारिश का पानी आता रहा और कैचमेंट एरिया में भी बारिश होती रही तो जल्दी ही गंभीर डैम भर जाएगा। चौबीस घंटे के दौरान जिले में औसत 14.1 मिमी वर्षा हुई इस वर्ष मानसून सत्र में जिले में अभी तक औसत 550.9 मिमी वर्षा हुई है। गत वर्ष इसी अवधि में जिले में औसत 567 मिमी वर्षा हुई थी। पिछले चौबीस घंटे के दौरान 24 अगस्त की प्रात: तक जिले में औसत 14.1 मिमी वर्षा हुई है। इस दौरान घट्टिया तहसील में 5, खाचरौद में 45, नागदा में 23.1, बड़नगर में 8, महिदपुर में 30, झारड़ा में 8, तराना में 5 और माकड़ोन तहसील में 3 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है। कार्यालय भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष अभी तक उज्जैन तहसील में 562 मिमी, घट्टिया में 426, खाचरौद में 467, नागदा में 763.9, बड़नगर में 449, महिदपुर में 556, झारड़ा में 602.2, तराना में 591.1 और माकड़ोन तहसील में 541 मिमी वर्षा हुई है। शिप्रा नदी के बड़े पुल के नीचे से होकर गुजरता पानी गंभीर डैम जलमग्न मां शिप्रा के घाट रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: उज्जैन ब्यूरो Updated Sat, 24 Aug 2024 06: 39 PM IST

यशवंत सागर के गेट खुलने से उज्जैनवासियों के चेहरे खिल गए हैं। क्योंकि बिना बारिश हुए ही मां शिप्रा उफान पर है। रामघाट पर स्थित मंदिर और पुल डूबे हुए हैं। साथ ही गंभीर डैम भी लगातार भरता जा रहा है। शिप्रा नदी के बड़े पुल के नीचे से होकर गुजरता पानी – फोटो : अमर उजाला

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उज्जैन शहर में भले ही अब तक इतनी तेजी से बारिश न हुई हो कि उज्जैन की प्यास बुझाने वाला गंभीर डैम भर जाए। लेकिन यशवंत सागर के गेट खुलने से उज्जैनवासियों के चेहरे खिल गए हैं। क्योंकि बिना बारिश हुए ही मां शिप्रा उफान पर है। रामघाट पर स्थित मंदिर और पुल डूबे हुए हैं। साथ ही गंभीर डैम भी लगातार भरता जा रहा है।

इंदौर और देवास में लगातार हो रही बारिश के कारण मां शिप्रा उफान पर है। रामघाट के मंदिर जहां जलमग्न हैं। वहीं, उज्जैन और बड़नगर को जोड़ने वाला छोटा पुल भी डूब चुका है। तेजी से आ रहे बारिश के कारण स्थितियां कुछ ऐसी हो चुकी है कि जहां घाट पर पूजन अर्चन नहीं हो पा रहा है। वहीं, चक्रतीर्थ पर अंतिम संस्कार करने में भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इन सभी दिक्कतों के बावजूद भी उज्जैनवासी काफी खुश नजर आ रहे हैं। क्योंकि गंभीर डैम जो की उज्जैन की प्यास को बुझाता है, उसमें लगातार इंदौर के यशवंत सागर से आने वाला बाढ़ का यह पानी पहुंचता जा रहा है, जिसके भर जाने से वर्ष भर उज्जैनवासियों को पेयजल के संकट से जूझना नहीं पड़ेगा।

शाम 4 बजे तक पहुंचा 1208 एमसीएफटी पानी
गंभीर डैम उपखंड के सहायक यंत्री राजीव शुक्ला ने बताया कि इंदौर और आसपास के कैचमेंट एरिया से आ रहे बारिश के पानी के कारण शाम चार बजे तक 1208 एमसीएफटी पानी डैम में आ चुका है। राजीव शुक्ला ने बताया कि डैम की क्षमता 2250 एमसीएफटी है, जिसमें से अब तक 1208 एमसीएफटी पानी भर चुका है। इसी तरह बारिश का पानी आता रहा और कैचमेंट एरिया में भी बारिश होती रही तो जल्दी ही गंभीर डैम भर जाएगा।

चौबीस घंटे के दौरान जिले में औसत 14.1 मिमी वर्षा हुई
इस वर्ष मानसून सत्र में जिले में अभी तक औसत 550.9 मिमी वर्षा हुई है। गत वर्ष इसी अवधि में जिले में औसत 567 मिमी वर्षा हुई थी। पिछले चौबीस घंटे के दौरान 24 अगस्त की प्रात: तक जिले में औसत 14.1 मिमी वर्षा हुई है। इस दौरान घट्टिया तहसील में 5, खाचरौद में 45, नागदा में 23.1, बड़नगर में 8, महिदपुर में 30, झारड़ा में 8, तराना में 5 और माकड़ोन तहसील में 3 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है। कार्यालय भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष अभी तक उज्जैन तहसील में 562 मिमी, घट्टिया में 426, खाचरौद में 467, नागदा में 763.9, बड़नगर में 449, महिदपुर में 556, झारड़ा में 602.2, तराना में 591.1 और माकड़ोन तहसील में 541 मिमी वर्षा हुई है।

शिप्रा नदी के बड़े पुल के नीचे से होकर गुजरता पानी

गंभीर डैम

जलमग्न मां शिप्रा के घाट

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