न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: दिनेश शर्मा Updated Wed, 28 Jun 2023 08: 59 PM IST
इस बार श्रावण भादो मास में बाबा महाकाल के मंदिर की व्यवस्था भगवान भरोसे ही रहेगी। प्रशासन समय रहते सभी व्यवस्थाएं पूर्ण करने की बात तो कह रहा है, लेकिन स्थितियां यह हैं कि शहर में हो रही रिमझिम बारिश ने ही मंदिर में की जाने वाली सभी व्यवस्थाओं को जैसे चौपट कर दिया है। वर्तमान में महाकाल मंदिर के जिम्मेदार भले ही श्रद्धालुओं को कितनी ही बढ़िया व्यवस्था होने के दावे कर ले, लेकिन एक ओर महाकाल मंदिर के कोटितीर्थ का पानी सड़ांध मार रहा है, वहीं दूसरी ओर महाकाल मंदिर पहुंच मार्ग कीचड़ से भरे हुए हैं।
बता दें कि महाकाल मंदिर के सामने का मार्ग हो या फिर भारत माता और चारधाम मंदिर क्षेत्र महाकाल मंदिर विस्तारीकरण के तहत धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्यों के चलते चारों ओर अव्यवस्थाएं साफतौर पर नजर आ रही हैं। ये अव्यवस्थाएं जिम्मेदारों को तो नजर नहीं आ रहीं, लेकिन इसके कारण श्रद्धालुओं को मंदिर पहुंचने में जरूर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। याद रहे कि श्रावण मास शुरू होने में अब महज एक सप्ताह का समय शेष है। 4 जुलाई 2023 से उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचेंगे। यदि इसी प्रकार के हालात रहे तो श्रद्धालुओं को कितनी अव्यवस्थाएं होंगी इसका अंदाजा साफतौर पर लगाया जा सकता है।
कुछ कीचड़ मे फंसे तो कुछ हुए चोटिल
बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए उज्जैन पहुंच रहे श्रद्धालु मंदिर के आसपास हो रहे कीचड़ के कारण सबसे अधिक परेशान हैं। सुबह भी कई यात्रियों की चप्पल कीचड़ में सन गई और कुछ फिसलकर चोटिल भी हुए। मंदिर के आसपास के क्षेत्र में न तो पानी की निकासी हो रही है और न ही कीचड़ साफ किया जा रहा है। लाइन में खड़े लोगों के बारिश से बचाव की भी अभी कोई व्यवस्था नहीं है।
बदबू मार रहा कोटितीर्थ का पानी
भगवान श्री महाकालेश्वर के दरबार में स्थित कोटि तीर्थ के जल की स्थिति बद से बदतर हो गई है। कोटितीर्थ का जल काला और बदबूदार हो गया है। लेकिन इस ओर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान नहीं है। आपको बता दें कि बाबा महाकाल को कोटितीर्थ के जल से ही अभिषेक कराया जाता है जिसका पानी आरओ प्लांट से फ़िल्टर होकर आता है, लेकिन कोटितीर्थ के आसपास चल रहे कार्य के चलते फ़िल्टर प्लांट भी कई दिनों से बंद है। ऐसे में अगर इस जल का उपयोग बाबा महाकाल के अभिषेक करने को होता है तो यह आस्था से खिलवाड़ है। बताया जाता है कि गर्भगृह के बाहर दो नल हैं जिसमें से एक नल से कोटि तीर्थ का जल फ़िल्टर होकर आता है जिससे भगवान का अभिषेक किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार आरओ के फ़िल्टर जल से ही भगवान का अभिषेक किया जाना चाहिए लेकिन कोटितीर्थ में स्थित आरओ प्लांट बंद बताया जा रहा है।
यह कहना है जिम्मेदारों का
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने कहा कि मंदिर के आसपास और कोटितीर्थ पर इन दिनों स्मार्ट सिटी द्वारा काम किया जा रहा है। श्रावण के पहले सभी कार्य करने की गाइडलाइन तय कर दी गई है। जल्द ही इन कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा।
स्मार्ट सिटी सीईओ आशीष पाठक ने बताया कि हेरिटेज के रूप मे कोटितीर्थ को सवारना स्मार्ट सिटी का काम है और यह हम अच्छी तरीके से कर रहे हैं। कोटितीर्थ का पानी सड़ांध क्यों मार रहा है इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। महाकाल मंदिर पहुंच मार्ग पर चारधाम मंदिर के समीप कुछ समय पहले ही खुदाई कार्य हुआ है इसी कारण रिमझिम बारिश से ही यहां कीचड़ जैसे हालात बन गए हैं। श्रावण मास शुरू होने के पहले यह कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
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