मंगलनाथ मंदिर उज्जैन – फोटो : सोशल मीडिया
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मंगलनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ ठगी तथा भ्रष्टाचार कर शासकीय धन को हड़पने का मामला सामने आया है। मंदिर प्रबंध समिति कार्यालय ने मामले में एक कर्मचारी को नोटिस जारी कर जांच प्रारंभ कर दी है।
जानकारी के अनुसार मंगलनाथ मंदिर में चार दिन पहले समिति के कर्मचारी दिलीप गुप्ता की रसीद काउंटर पर डयूटी थी। इस दौरान दो श्रद्धालु भगवान मंगलनाथ का जलाभिषेक करने आए। श्रद्धालुओं ने रसीद काउंटर पर कर्मचारी गुप्ता को पांच सौ रुपये का नोट दिया तथा दो रसीद मांगी। गुप्ता ने उन्हें सौ रुपये लौटाए और कहा कि आप जलाभिषेक करके आएं तब तक रसीद बनाकर रखता हूं। जैसे ही दर्शनार्थी भगवान का जलाभिषेक करने गए, कर्मचारी काउंटर छोड़कर नदारद हो गया। दर्शनार्थी लौटे और कुछ देर इंतजार के बाद बिना रसीद लिए चले गए। यह घटना सीसीटीवी में कैद है। मंगलनाथ मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक ने समिति कार्यालय के कर्मचारी दिलीप गुप्ता को शासकीय रसीद पर की गई कांट-छांट और ओवर राइटिंग के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
पहले भी हुआ था घोटाला उजागर
मंगलनाथ मंदिर में दान और पूजन शुल्क की मैन्युअल रसीद में हेरफेर का एक बड़ा मामला कुछ समय पहले सामने आया था। वर्ष 2018 में तत्कालीन कलेक्टर मनीषसिंह ने भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था। इस मामले में कुछ कर्मचारियों को जेल भी हुई थी। इसके बाद कुछ समय तक व्यवस्था ठीक रही, लेकिन बाद में फिर से यह गड़बड़ी शुरू हो गई। मंदिर में कई महीनों से ऑनलाइन रसीद व्यवस्था बंद है।
मंगलनाथ मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक केके पाठक ने कहा है कि कर्मचारी ने दर्शनार्थियों से रुपये लेकर उन्हें रसीद नहीं दी। मामला सीसीटीवी में कैद है। कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जवाब प्राप्त होने के पश्चात नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
एसडीएम और मंगलनाथ मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कल्याणी पांडे का कहना है कि मंदिर प्रबंधक द्वारा घटना की जानकारी दी गई है। ओवरराइटिंग रसीद के फोटो भी प्रस्तुत किए हैं। मामले की गंभीरता जांच हो रही है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
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