न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: अर्पित याज्ञनिक Updated Thu, 10 Aug 2023 10: 19 PM IST
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नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने खामियां गिनाते हुए का कि न सड़क से मवेशी हटे, न यातायात सुधरा, खुद का दो करोड़ का बजट भी नहीं संभाल पाए मेयर तो एक साल का कार्यकाल सफल कैसे हुआ? सड़क पर कीचड़ से बचकर निकतीं महिलाएं। – फोटो : Amar Ujala Digital
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महापौर मुकेश टटवाल का एक वर्ष का कार्यालय असफलता भरा रहा। वे अपने चुनावी वादे को ही पूरा नहीं कर पाए। न शहर आवारा मवेशियों से मुक्त हो पाया, न यातायात में सुगमता आई। आज भी सड़कों पर आवारा मवेशी विचरण करते दिख रहे हैं। वहीं वाहन चालक हर दिन जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। हद तो यह है कि महापौर का स्वयं का 2022-23 में दो करोड़ से अधिक का बजट पूरा लैप्स हो गया। जब खुद का बजट लैप्स हो गया तो सफल कार्यकाल कैसे।
नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने खामियां गिनाते हुए बताया कि पार्षदों को 16-16 लाख रुपये विकास कार्य के लिए दिये थे उनमें भी अधिकांश टेंडर खाली गए हैं। बढ़ते श्रद्धालुओं को देखते हुए संसाधन अपर्याप्त हैं। इस वर्ष का भले ही 800 करोड़ का पास किया हो, लेकिन हद ये है कि पिछले वर्ष का 450 करोड़ बजट का कोई उपयोग नहीं हुआ केवल वेतन, बिजली के बिल और कचरा गाड़ियों का ही भुगतान हो पाया। अब 800 करोड़ के बजट में भी टेंडर खाली जा रहे हैं।
नगर निगम में अर्थ (धन) नहीं है तो बाकी सब व्यर्थ है। एक वर्ष के समय में किसी प्रकार का विकास कार्य, निर्माण कार्य यहां तक कि वर्तमान दूरस्थ कॉलोनियों में मुरम, गिट्टी चूरी तक की व्यवस्था नहीं है। शहर में 45 हजार बिजली के खंभे हैं, जिनमें स्मार्ट सिटी के पास करीब 25 हजार हैं, इनमें अधिकांश जगह बंद पड़े हैं। टाटा सीवरेज के कारण पूरा शहर खुदा पड़ा है, जहां भी रिपेयर किया था वो भी उखड़ गया। पूरे शहर की सड़कें जर्जर हैं, ऐसी स्थिति में पूरा एक वर्ष असफलता का गया, केवल इवेंट मैनेजमेंट खुद की छवि को निखारना। लोगों की नकल करने में साल निकल गया।
टटवालजी भी करते है मन की बात
जिस प्रकार मोदीजी मन की बात मोदी करते उसी प्रकार टटवालजी भी कर रहे हैं। महापौर के जो काम नहीं है वह भी राजनीति चमकाने के लिए वे कर रहे हैं। लंबे समय तक मेयर इन कौंसिल के पूरे साल भर पांच पद आपसी झगड़ों के कारण नहीं भर पाए। आज भी नगर निगम की विभागीय समितियों का गठन नहीं हो पाया है, जबकि नियम अनुसार बोर्ड के गठन के तत्काल बाद होना थी।
महापौर के कार्यकाल को इन्होंने बताया असफलता का वर्ष
रवि राय के साथ ही पार्षद माया राजेश त्रिवेदी, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र गब्बर कुवाल, सुलेखा राजेन्द्र वशिष्ठ, सपना जितेंद्र सांखला, पूनम मोहित जायसवाल, नजमा बी फिरोज पठान, छोटेलाल मंडलोई, शाहीद मुजीब सुपारीवाला, हाजरा बी जाहिद हुसैन, अर्पित दुबे, प्रेमलता ओमप्रकाश रामी, निकिता परमानंद मालवीय, मेहताब लाला, इमरान यूसुफ खान, नाजिया बी, अनवर नागौरी ने महापौर के कार्यकाल को असफलता का वर्ष बताते हुए कहा कि वे शहर विकास की ओर ध्यान दें, आमजन को मूलभुत सुविधाएं मुहैया कराएं।
कीचड़ मे कर रहे श्रद्धालु पूजन तो फिर स्वागत कैसा
नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने बताया कि अधिकमास में माताएं, बहनें कीचड़ में गोवर्धन सागर सहित अन्य स्थानों पर पूजन कर रहीं। यहां भी श्रद्धालुओं की सुविधा की ओर ध्यान तो नहीं दिया, लेकिन स्वयं की पब्लिसिटी विज्ञापन होर्डिंग के जरिये करने में महापौर मुकेश टटवाल पीछे नहीं रहे।
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