ujjain:-गुरुवार-को-बाबा-महाकाल-का-पूजन-दर्शन-करने-आएंगे-नेपाली-बाबा,-खाकी-अखाड़े-में-भक्तों-को-देंगे-आशीर्वाद
नेपाली बाबा - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us सदैव फलाहारी ग्रहण करने वाले वस्त्र में केवल स्टार्ट पहनने वाले और सिद्धार्थ में 14 और 21 मंजिल यज्ञशाला का निर्माण करने वाले परम तपस्वी नेपाली बाबा तीन अगस्त (गुरुवार) को उज्जैन आने वाले हैं, जो कि पहले बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन करेंगे। उसके बाद खाकी अखाड़े में अपने भक्तों को आशीष प्रदान करेंगे। इस बारे में जानकारी देते हुए नेपाली बाबा के शिष्य हरी सिंह यादव और रवि राय ने बताया कि परम त्यागी नेपाली बाबा वर्ष में एक बार गुरु पूर्णिमा के बाद धार्मिक नगरी उज्जैन जरूर आते हैं। इस बार वे अधिकमास के उपलक्ष्य मे गुरुवार तीन अगस्त को उज्जैन आएंगे और सुबह नौ बजे महाकाल मंदिर में बाबा महाकाल का पूजन अभिषेक करेंगे। तत्पश्चात अंकपात रोड़ स्थित खाकी अखाड़े में विराजेंगे। सिंहस्थ में किए थे लगभग 25 करोड़ खर्च मंगलनाथ क्षेत्र में सिंहस्थ 2016 में विशाल शिविर लगाकर बैठे तपस्वी आत्मानंद दास जी महायोगी (नेपाली बाबा) ने लगभग 25 करोड़ रुपये खर्च किए थे। नेपाली बाबा की विचारधारा अन्य संतों से भिन्न है। उस समय उनके विचार थे कि सच्चे संत के लिए मठ और आश्रम जरूरी नहीं, उसे तो केवल झोपड़ी ही चाहिए। साधु के चरित्र और धूम्रपान को लेकर नेपाली बाबा बेबाक नजर आ आए थे। बाबा ने कहा था कि साधु का कोई संप्रदाय, जात-पात आदि नहीं होती। संप्रदाय से ही सारी समस्याएं हैं।

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नेपाली बाबा – फोटो : अमर उजाला

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सदैव फलाहारी ग्रहण करने वाले वस्त्र में केवल स्टार्ट पहनने वाले और सिद्धार्थ में 14 और 21 मंजिल यज्ञशाला का निर्माण करने वाले परम तपस्वी नेपाली बाबा तीन अगस्त (गुरुवार) को उज्जैन आने वाले हैं, जो कि पहले बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन करेंगे। उसके बाद खाकी अखाड़े में अपने भक्तों को आशीष प्रदान करेंगे।

इस बारे में जानकारी देते हुए नेपाली बाबा के शिष्य हरी सिंह यादव और रवि राय ने बताया कि परम त्यागी नेपाली बाबा वर्ष में एक बार गुरु पूर्णिमा के बाद धार्मिक नगरी उज्जैन जरूर आते हैं। इस बार वे अधिकमास के उपलक्ष्य मे गुरुवार तीन अगस्त को उज्जैन आएंगे और सुबह नौ बजे महाकाल मंदिर में बाबा महाकाल का पूजन अभिषेक करेंगे। तत्पश्चात अंकपात रोड़ स्थित खाकी अखाड़े में विराजेंगे।

सिंहस्थ में किए थे लगभग 25 करोड़ खर्च
मंगलनाथ क्षेत्र में सिंहस्थ 2016 में विशाल शिविर लगाकर बैठे तपस्वी आत्मानंद दास जी महायोगी (नेपाली बाबा) ने लगभग 25 करोड़ रुपये खर्च किए थे। नेपाली बाबा की विचारधारा अन्य संतों से भिन्न है। उस समय उनके विचार थे कि सच्चे संत के लिए मठ और आश्रम जरूरी नहीं, उसे तो केवल झोपड़ी ही चाहिए। साधु के चरित्र और धूम्रपान को लेकर नेपाली बाबा बेबाक नजर आ आए थे। बाबा ने कहा था कि साधु का कोई संप्रदाय, जात-पात आदि नहीं होती। संप्रदाय से ही सारी समस्याएं हैं।

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