ujjain:-इस्कॉन-अध्यक्ष-ने-विद्यार्थियों-को-सिखाया-सही-समय-पर-मेहनत-कर-लो,-वरना-बाद-में-पछताना-पड़ेगा
श्रीपाद व्रजेंद्र कृष्ण दास प्रभुजी - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें इस्कॉन मंदिर उज्जैन के अध्यक्ष श्रीपाद व्रजेंद्र कृष्ण दास प्रभुजी ने उज्जैन शहर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दिया। जीवन जीने के गुर सिखाते हुए प्रभुजी ने छात्रों से अपने जीवन के विशेष पहलू साझा करते हुए कहा कि यदि हम सही समय पर अनुशासित रहकर मेहनत कर लेते हैं तो बाद में हमें किसी चीज का पछतावा नहीं सताता। इस्कॉन उज्जैन के अध्यक्ष श्रीपाद व्रजेंद्र कृष्ण प्रभुजी ने केंद्रीय विद्यालय में विद्यार्थियों को बताया कि कैसे यदि वे अपना समय सही से संचालित कर पाए तो जीवन में आने वाले सभी बड़े अवसरों पर वे सफल बन सकते हैं। एनआईटी से पढ़े व्रजेंद्र कृष्ण दास ने बताया कि कैसे अगर कोई सही चेतना में स्थित है तो उसका जीवन आसान बन जाता है। सत्र के बाद प्राचार्य मुकेश मीना ने प्रभुजी का धन्यवाद व्यक्त करते हुए उन्हें भविष्य में दोबारा विद्यालय के छात्रों को संबोधित करने का आमंत्रण दिया। वहीं, कल्पाक्ष आईएएस कोचिंग में प्रभुजी ने मन और बुद्धि के कार्यकलापों पर निर्देश देते हुए बताया कि कैसे हम हमारी पुरानी आदतों के कारण परिस्थितियों को नए सिरे से देखने में असमर्थ रहते हैं और कैसे हम और ज्यादा खुले दिमाग से गंभीर परिस्थितियों में चिंता से चिंतन तक पहुंचकर उनपर विजय प्राप्त कर सकते हैं। इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष रोहित शर्मा ने प्रभुजी का आभार व्यक्त करते हुए कुछ समय पश्चात एक और सत्र आयोजित करने के प्रस्ताव को प्रसन्नता से स्वीकार किया। मन की हर बात को मानना आवश्यक नहीं श्रीपाद व्रजेंद्र कृष्ण दास प्रभुजी ने ज्ञान सागर ग्लोबल एकेडमी में बच्चों से एक सुखी जीवन के आधारों पर चर्चा की। इस सत्र में प्रभुजी ने स्वयं के विद्यालय एवं विश्वविद्यालय के अनुभवों को साझा करते हुए यह बताया कि एक विद्यार्थी को अपने जीवन को किस तरह से देखना और संचालित करना चाहिए। हमारा मन अलग अलग बातें कहता है पर हर बात को मानना आवश्यक नहीं। बुद्धि से यह देखना चाहिए कि क्या करना हमारे लिए लाभदायक है। विद्यालय की प्रधानाचार्या मंजिमाजी ने अत्यंत हर्ष के साथ प्रभुजी को धन्यवाद व्यक्त करते हुए बताया कि कैसे वह अपने अन्य दायित्व होने के बावजूद इस सत्र को सुनने के लिए रूकी हुई थीं। उत्तम प्रश्न, उत्तम उत्तर श्रीपाद व्रजेंद्र कृष्ण दास प्रभुजी ने डीपीएस के छात्रों को भगवत गीता से जीवन जीने के लिए मिलने वाली शिक्षाओं पर संबोधित किया। सत्र के पश्चात प्रश्नोत्तर में प्राचार्य ने भी बच्चों के साथ प्रभुजी से प्रश्न किए तथा प्रभुजी को आगे भी सत्र देने का आमंत्रण दिया। अपने आप को बचाएं अपने मन से व्रजेंद्र कृष्ण प्रभुजी ने ऑक्सफोर्ड जूनियर कॉलेज में बच्चों को एक जीवन शिक्षा का सत्र दिया। इसमें प्रभुजी ने बच्चों को बताया कि कैसे हम अपने अनियंत्रित मन से जीवन में पीछे हो सकते हैं और कैसे बुद्धि के प्रयोग से हम इससे बच सकते हैं। सत्र के बाद निर्देशक सुनील खत्री ने प्रभुजी से मुलाकात की एवं प्रधानाचार्या ने प्रभुजी को और सत्र करने का निमंत्रण दिया।

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श्रीपाद व्रजेंद्र कृष्ण दास प्रभुजी – फोटो : अमर उजाला

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इस्कॉन मंदिर उज्जैन के अध्यक्ष श्रीपाद व्रजेंद्र कृष्ण दास प्रभुजी ने उज्जैन शहर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दिया। जीवन जीने के गुर सिखाते हुए प्रभुजी ने छात्रों से अपने जीवन के विशेष पहलू साझा करते हुए कहा कि यदि हम सही समय पर अनुशासित रहकर मेहनत कर लेते हैं तो बाद में हमें किसी चीज का पछतावा नहीं सताता।

इस्कॉन उज्जैन के अध्यक्ष श्रीपाद व्रजेंद्र कृष्ण प्रभुजी ने केंद्रीय विद्यालय में विद्यार्थियों को बताया कि कैसे यदि वे अपना समय सही से संचालित कर पाए तो जीवन में आने वाले सभी बड़े अवसरों पर वे सफल बन सकते हैं। एनआईटी से पढ़े व्रजेंद्र कृष्ण दास ने बताया कि कैसे अगर कोई सही चेतना में स्थित है तो उसका जीवन आसान बन जाता है। सत्र के बाद प्राचार्य मुकेश मीना ने प्रभुजी का धन्यवाद व्यक्त करते हुए उन्हें भविष्य में दोबारा विद्यालय के छात्रों को संबोधित करने का आमंत्रण दिया।

वहीं, कल्पाक्ष आईएएस कोचिंग में प्रभुजी ने मन और बुद्धि के कार्यकलापों पर निर्देश देते हुए बताया कि कैसे हम हमारी पुरानी आदतों के कारण परिस्थितियों को नए सिरे से देखने में असमर्थ रहते हैं और कैसे हम और ज्यादा खुले दिमाग से गंभीर परिस्थितियों में चिंता से चिंतन तक पहुंचकर उनपर विजय प्राप्त कर सकते हैं। इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष रोहित शर्मा ने प्रभुजी का आभार व्यक्त करते हुए कुछ समय पश्चात एक और सत्र आयोजित करने के प्रस्ताव को प्रसन्नता से स्वीकार किया।

मन की हर बात को मानना आवश्यक नहीं
श्रीपाद व्रजेंद्र कृष्ण दास प्रभुजी ने ज्ञान सागर ग्लोबल एकेडमी में बच्चों से एक सुखी जीवन के आधारों पर चर्चा की। इस सत्र में प्रभुजी ने स्वयं के विद्यालय एवं विश्वविद्यालय के अनुभवों को साझा करते हुए यह बताया कि एक विद्यार्थी को अपने जीवन को किस तरह से देखना और संचालित करना चाहिए। हमारा मन अलग अलग बातें कहता है पर हर बात को मानना आवश्यक नहीं। बुद्धि से यह देखना चाहिए कि क्या करना हमारे लिए लाभदायक है। विद्यालय की प्रधानाचार्या मंजिमाजी ने अत्यंत हर्ष के साथ प्रभुजी को धन्यवाद व्यक्त करते हुए बताया कि कैसे वह अपने अन्य दायित्व होने के बावजूद इस सत्र को सुनने के लिए रूकी हुई थीं।

उत्तम प्रश्न, उत्तम उत्तर
श्रीपाद व्रजेंद्र कृष्ण दास प्रभुजी ने डीपीएस के छात्रों को भगवत गीता से जीवन जीने के लिए मिलने वाली शिक्षाओं पर संबोधित किया। सत्र के पश्चात प्रश्नोत्तर में प्राचार्य ने भी बच्चों के साथ प्रभुजी से प्रश्न किए तथा प्रभुजी को आगे भी सत्र देने का आमंत्रण दिया। अपने आप को बचाएं अपने मन से व्रजेंद्र कृष्ण प्रभुजी ने ऑक्सफोर्ड जूनियर कॉलेज में बच्चों को एक जीवन शिक्षा का सत्र दिया। इसमें प्रभुजी ने बच्चों को बताया कि कैसे हम अपने अनियंत्रित मन से जीवन में पीछे हो सकते हैं और कैसे बुद्धि के प्रयोग से हम इससे बच सकते हैं। सत्र के बाद निर्देशक सुनील खत्री ने प्रभुजी से मुलाकात की एवं प्रधानाचार्या ने प्रभुजी को और सत्र करने का निमंत्रण दिया।

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