tomato-price-indore:-सस्ते-हुए-टमाटर,-सब्जी-मंडी-में-50-और-बाजारों-में-80-से-100-रुपए-किलो-हुए-भाव
सस्ते हुए टमाटर - फोटो : अमर उजाला, इंदौर विस्तार Follow Us पिछले तीन महीने से जनता पर लाल हो रहा टमाटर अब अपने तेवर हल्के करने लगा है। इंदौर में टमाटर के दाम कम हो रहे हैं। मंडियों में टमाटर की आवक तेजी से बढ़ी है जिसकी वजह से यह 50 रुपए किलो तक आ गया है। वहीं बाजार में इसके भाव अभी भी 80 से सौ रुपए किलो के बीच ही बने हुए हैं। शुक्रवार को इंदौर की मंडियों में पलासनेर और संगमनेर के साथ साउथ से तकरीबन 12 गाड़ियों में 120 टन टमाटर की आवक रही। थोक में बेस्ट क्वॉलिटी का टमाटर 60 रुपए किलो और मीडियम 40 रुपए किलो नीचे आ गया। हालांकि लोगों को खेरची मंडी में अब तक टमाटर 100 रुपए किलो से ऊपर ही खरीदना पड़ रहा है। नई फसल की आवक शुरू होने से गिरे भाव टमाटर की नई फसल की आवक महाराष्ट्र और दक्षिण भारत से शुरू हो गई है। इंदौर मंडी में कुछ दिन पहले तक तीन से चार गाड़ी टमाटर की बमुश्किल आवक हो रही थी जो आज से बढ़ने लगी है। टमाटर की नई फसल की आवक से एक सप्ताह में शहर के गली-मोहल्लों में ठेलो पर टमाटर नजर आएंगे। महंगा होने के कारण आमतौर पर ठेले वाले टमाटर से दूर थे।  मंडी में सस्ता पर लोगों को मिल रहा महंगा टमाटर मंडी में भले ही थोक के लिए सस्ता हो गया है लेकिन लोगों को अभी भी महंगा ही मिल रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण हैं बिचौलिए। चोइथराम फल एवं सब्जी मंडी से शहर की खेरची मंडियों तक पहुंचने में सब्जियों को तीन-चार बिचौलियों के बीच होकर गुजरना होता है जिसके कारण थोक में सब्जियां सस्ती होने के बावजूद आम उपभोक्ता को महंगी मिलती है। दूसरा कारण यह भी है कि सब्जियों का स्टोरेज नहीं किया जाता और छोटे खेरची व्यापारी अपनी नुकसानी को पूरा करने के लिए भी ऊंचे दामों में सब्जियां बेचते हैं। सब्जियों की आवक भरपूर पर जनता को मिल रही महंगी मंडी में अन्य सब्जियों की आवक कोटा और नासिक से भरपूर हो रही है। गिल्की, भिंडी, लौकी थोक मंडी में सस्ती होने के बावजूद आम लोगों को 50 रुपए किलो से ज्यादा के दाम चुकाना पड़ रहे हैं। इसी प्रकार राजस्थान के कोटा और महाराष्ट्र के नासिक से सब्जियों की भरपूर आवक हो रही है। थोक बाजार में गिल्की 10 रुपए किलो, भिंडी 15 और लौकी 20 रुपए किलो बिक रही है। खेरची में लोगों को इन सभी सब्जियों के भाव 50 रुपए किलो तक चुकाना पड़ रहे हैं।

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सस्ते हुए टमाटर – फोटो : अमर उजाला, इंदौर

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पिछले तीन महीने से जनता पर लाल हो रहा टमाटर अब अपने तेवर हल्के करने लगा है। इंदौर में टमाटर के दाम कम हो रहे हैं। मंडियों में टमाटर की आवक तेजी से बढ़ी है जिसकी वजह से यह 50 रुपए किलो तक आ गया है। वहीं बाजार में इसके भाव अभी भी 80 से सौ रुपए किलो के बीच ही बने हुए हैं। शुक्रवार को इंदौर की मंडियों में पलासनेर और संगमनेर के साथ साउथ से तकरीबन 12 गाड़ियों में 120 टन टमाटर की आवक रही। थोक में बेस्ट क्वॉलिटी का टमाटर 60 रुपए किलो और मीडियम 40 रुपए किलो नीचे आ गया। हालांकि लोगों को खेरची मंडी में अब तक टमाटर 100 रुपए किलो से ऊपर ही खरीदना पड़ रहा है।

नई फसल की आवक शुरू होने से गिरे भाव
टमाटर की नई फसल की आवक महाराष्ट्र और दक्षिण भारत से शुरू हो गई है। इंदौर मंडी में कुछ दिन पहले तक तीन से चार गाड़ी टमाटर की बमुश्किल आवक हो रही थी जो आज से बढ़ने लगी है। टमाटर की नई फसल की आवक से एक सप्ताह में शहर के गली-मोहल्लों में ठेलो पर टमाटर नजर आएंगे। महंगा होने के कारण आमतौर पर ठेले वाले टमाटर से दूर थे। 

मंडी में सस्ता पर लोगों को मिल रहा महंगा
टमाटर मंडी में भले ही थोक के लिए सस्ता हो गया है लेकिन लोगों को अभी भी महंगा ही मिल रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण हैं बिचौलिए। चोइथराम फल एवं सब्जी मंडी से शहर की खेरची मंडियों तक पहुंचने में सब्जियों को तीन-चार बिचौलियों के बीच होकर गुजरना होता है जिसके कारण थोक में सब्जियां सस्ती होने के बावजूद आम उपभोक्ता को महंगी मिलती है। दूसरा कारण यह भी है कि सब्जियों का स्टोरेज नहीं किया जाता और छोटे खेरची व्यापारी अपनी नुकसानी को पूरा करने के लिए भी ऊंचे दामों में सब्जियां बेचते हैं।

सब्जियों की आवक भरपूर पर जनता को मिल रही महंगी
मंडी में अन्य सब्जियों की आवक कोटा और नासिक से भरपूर हो रही है। गिल्की, भिंडी, लौकी थोक मंडी में सस्ती होने के बावजूद आम लोगों को 50 रुपए किलो से ज्यादा के दाम चुकाना पड़ रहे हैं। इसी प्रकार राजस्थान के कोटा और महाराष्ट्र के नासिक से सब्जियों की भरपूर आवक हो रही है। थोक बाजार में गिल्की 10 रुपए किलो, भिंडी 15 और लौकी 20 रुपए किलो बिक रही है। खेरची में लोगों को इन सभी सब्जियों के भाव 50 रुपए किलो तक चुकाना पड़ रहे हैं।

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