tikamgarh-news:-शोरूम-आगजनी-में-मरे-थे-बुजुर्ग-व्यापारी-दंपती,-बेटी-और-दामाद-ने-कनाडा-से-आकर-कही-ये-बात
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, टीकमगढ़ Published by: अरविंद कुमार Updated Sun, 28 Jul 2024 01: 13 PM IST शोरूम आगजनी में बुजुर्ग व्यापारी दंपती की मौत हो गई थी। हादसे के बाद अब दंपती की बेटी और दामाद कनाडा से आए हैं और वे कई सवाल खड़े किए।   मृतक दंपती - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें टीकमगढ़ शहर में नगर भवन के सामने शोरूम में लगी आग में व्यापारी बुजुर्ग दंपती की मौत हो गई थी। कनाडा से टीकमगढ़ पहुंचे उनकी बेटी और दामाद ने कई सवाल खड़े किए हैं, जिसको लेकर उनका आज बयान दर्ज किया जाएगा। पुलिस घटना का रिक्रिएशन करेगी। टीकमगढ़ पुलिस कोतवाली के प्रभारी आनंद राज ने रविवार सुबह दूरभाष पर जानकारी देते हुए बताया, टीकमगढ़ शहर के नगर भवन के सामने अस्तोन एंपोरियम में 24 जुलाई की सुबह 5: 30 के आसपास आग लग गई थी। इसके बाद वह स्वयं  6: 30 बजे घटना स्थल पर पहुंच गए थे। इस आगजनी में जहां लाखों रुपये का सामान जलकर खाक हो गया था। वहीं, आग की लपटों में फंसे बुजुर्ग दंपती देवेंद्र जैन और उनकी पत्नी सुलोचना की मौत हो गई थी। Trending Videos उन्होंने बताया कि इस मामले में उनके दुकान संचालक भतीजा मनोज जैन के आवेदन पर आगजनी और मर्ग कायम किया था। शनिवार को कनाडा से टीकमगढ़ पहुंचे मृतक बुजुर्ग दंपती के बेटी और दामाद ने कई सवाल खड़े किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस कोतवाली टीकमगढ़ के प्रभारी आनंद राज से मिलकर कई सवाल खड़े किए हैं कि उनके चचेरे साले मनोज ने उनके साथ ससुर को बचाने का प्रयास नहीं किया है। जबकि उनके पास समय था। घटना स्थल के साक्ष्य इस बात की गवाही दे रहे हैं। कोतवाली प्रभारी आनंद राज ने बताया कि रविवार की दोपहर में मृतक दंपती के पुत्री और उनके दामाद नितिन जैन के बयान दर्ज किए जाएंगे और उनकी वीडियो ग्राफी भी कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक रोहित ने इस जांच के लिए एक दल बनाया है, जो घटना स्थल पर पहुंचकर के पूरे मामले का रीक्रिएशन करेगा। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास होगा कि उनके द्वारा जो सवाल उठाए जा रहे हैं, उनका समाधान किया जाए। दामाद ने पुलिस को बताया कि दुकान के बगल से एक रास्ता सीडीओ के सहारे उनके साथ ससुर के कमरे तक पहुंचता था। अगर मनोज जैन ने प्रयास किया होता तो वह बच सकते थे। उन्होंने बताया कि मनोज जैन सुबह 6: 08 मिनट पर बिल्डिंग से बाहर आ गए थे और उन्होंने अपने बच्चे और अपनी मां को साथ ले आए थे। जो सभी सुरक्षित हैं, लेकिन उन्होंने कमरे में सो रहे हैं। चाचा चाची को बचाने का प्रयास नहीं किया। क्योंकि जिस समय वह कमरे के बाहर निकले थे, उस समय सिर्फ धुंआ निकल रहा था। मनोज जैन के पड़ोस की रहने वाली और पार्षद पूनम जायसवाल ने भी इस घटना को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। क्योंकि इस घटना की सबसे प्रत्यक्षदर्शी पूनम जायसवाल थी, सबसे पहले ही पूनम जायसवाल ने घर से बाहर निकलकर के पुलिस प्रशासन राजस्व प्रशासन और मनोज को फोन करके आग लगने की सूचना दी थी। इसके बाद उन्होंने मनोज से चाचा-चाची के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि फोन करते हैं। इसके बाद उनका फोन नहीं लगा, पूनम फोन लगाते नहीं। लेकिन पूनम ने भी सवाल खड़ा किया है कि मनोज ने वह रास्ता नहीं बताया जो चाचा चाची के कमरे तक जाता था और वह उस समय बिल्कुल सुरक्षित था। इसमें मनोज जैन की लापरवाही है, क्योंकि वहां पर खड़े पुलिस प्रशासन और स्थानीय लोगों को मनोज ने इस रास्ते के बारे में कोई बात नहीं की। मृतक दंपती के लड़का नहीं था और उनकी बेटियां हैं, जो कनाडा और बाहर रहती हैं। शनिवार को कनाडा में रहने वाली उनकी बेटी और दामाद टीकमगढ़ पहुंचे हैं, जिन्होंने पुलिस कोतवाली प्रभारी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की है। टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उन्होंने समय लिया है, जिसको लेकर रविवार को वह परिवार मुझसे मिलेगा। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, टीकमगढ़ Published by: अरविंद कुमार Updated Sun, 28 Jul 2024 01: 13 PM IST

शोरूम आगजनी में बुजुर्ग व्यापारी दंपती की मौत हो गई थी। हादसे के बाद अब दंपती की बेटी और दामाद कनाडा से आए हैं और वे कई सवाल खड़े किए।
  मृतक दंपती – फोटो : अमर उजाला

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टीकमगढ़ शहर में नगर भवन के सामने शोरूम में लगी आग में व्यापारी बुजुर्ग दंपती की मौत हो गई थी। कनाडा से टीकमगढ़ पहुंचे उनकी बेटी और दामाद ने कई सवाल खड़े किए हैं, जिसको लेकर उनका आज बयान दर्ज किया जाएगा। पुलिस घटना का रिक्रिएशन करेगी। टीकमगढ़ पुलिस कोतवाली के प्रभारी आनंद राज ने रविवार सुबह दूरभाष पर जानकारी देते हुए बताया, टीकमगढ़ शहर के नगर भवन के सामने अस्तोन एंपोरियम में 24 जुलाई की सुबह 5: 30 के आसपास आग लग गई थी। इसके बाद वह स्वयं  6: 30 बजे घटना स्थल पर पहुंच गए थे। इस आगजनी में जहां लाखों रुपये का सामान जलकर खाक हो गया था। वहीं, आग की लपटों में फंसे बुजुर्ग दंपती देवेंद्र जैन और उनकी पत्नी सुलोचना की मौत हो गई थी।

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उन्होंने बताया कि इस मामले में उनके दुकान संचालक भतीजा मनोज जैन के आवेदन पर आगजनी और मर्ग कायम किया था। शनिवार को कनाडा से टीकमगढ़ पहुंचे मृतक बुजुर्ग दंपती के बेटी और दामाद ने कई सवाल खड़े किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस कोतवाली टीकमगढ़ के प्रभारी आनंद राज से मिलकर कई सवाल खड़े किए हैं कि उनके चचेरे साले मनोज ने उनके साथ ससुर को बचाने का प्रयास नहीं किया है। जबकि उनके पास समय था। घटना स्थल के साक्ष्य इस बात की गवाही दे रहे हैं।

कोतवाली प्रभारी आनंद राज ने बताया कि रविवार की दोपहर में मृतक दंपती के पुत्री और उनके दामाद नितिन जैन के बयान दर्ज किए जाएंगे और उनकी वीडियो ग्राफी भी कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक रोहित ने इस जांच के लिए एक दल बनाया है, जो घटना स्थल पर पहुंचकर के पूरे मामले का रीक्रिएशन करेगा। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास होगा कि उनके द्वारा जो सवाल उठाए जा रहे हैं, उनका समाधान किया जाए। दामाद ने पुलिस को बताया कि दुकान के बगल से एक रास्ता सीडीओ के सहारे उनके साथ ससुर के कमरे तक पहुंचता था। अगर मनोज जैन ने प्रयास किया होता तो वह बच सकते थे। उन्होंने बताया कि मनोज जैन सुबह 6: 08 मिनट पर बिल्डिंग से बाहर आ गए थे और उन्होंने अपने बच्चे और अपनी मां को साथ ले आए थे। जो सभी सुरक्षित हैं, लेकिन उन्होंने कमरे में सो रहे हैं। चाचा चाची को बचाने का प्रयास नहीं किया। क्योंकि जिस समय वह कमरे के बाहर निकले थे, उस समय सिर्फ धुंआ निकल रहा था।

मनोज जैन के पड़ोस की रहने वाली और पार्षद पूनम जायसवाल ने भी इस घटना को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। क्योंकि इस घटना की सबसे प्रत्यक्षदर्शी पूनम जायसवाल थी, सबसे पहले ही पूनम जायसवाल ने घर से बाहर निकलकर के पुलिस प्रशासन राजस्व प्रशासन और मनोज को फोन करके आग लगने की सूचना दी थी। इसके बाद उन्होंने मनोज से चाचा-चाची के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि फोन करते हैं। इसके बाद उनका फोन नहीं लगा, पूनम फोन लगाते नहीं। लेकिन पूनम ने भी सवाल खड़ा किया है कि मनोज ने वह रास्ता नहीं बताया जो चाचा चाची के कमरे तक जाता था और वह उस समय बिल्कुल सुरक्षित था। इसमें मनोज जैन की लापरवाही है, क्योंकि वहां पर खड़े पुलिस प्रशासन और स्थानीय लोगों को मनोज ने इस रास्ते के बारे में कोई बात नहीं की।

मृतक दंपती के लड़का नहीं था और उनकी बेटियां हैं, जो कनाडा और बाहर रहती हैं। शनिवार को कनाडा में रहने वाली उनकी बेटी और दामाद टीकमगढ़ पहुंचे हैं, जिन्होंने पुलिस कोतवाली प्रभारी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की है। टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उन्होंने समय लिया है, जिसको लेकर रविवार को वह परिवार मुझसे मिलेगा।

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