न्यूज डेस्क, अमर उजाला, टीकमगढ़ Published by: टीकमगढ़ ब्यूरो Updated Sun, 08 Sep 2024 01: 46 PM IST
परिजनों का आरोप है कि ओरछा पुलिस ने बारीकी से जांच नहीं की, जिसके चलते 10 दिन बाद भी हत्याकांड का खुलासा नहीं हुआ है। परिजनों ने निवाड़ी पुलिस अधीक्षक को भी आवेदन दिया है और गुहार लगाई है कि इस मामले की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराई जाए। मृतक
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निवाड़ी जिले के लोटना जंगल में मिली व्यक्ति की लाश की गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती जा रही है। 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है, जबकि घटना के साक्ष्य और परिजन लगातार हत्या की बात कहते हुए पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। मृतक के शरीर पर मिले निशान स्पष्ट रूप से हत्या की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन पुलिस इस मामले को सुलझाने की बजाय उलझा रही है।
दरअसल, निवाड़ी जिले के वीर सागर गांव के निवासी शेर सिंह यादव अपने चार दोस्तों के साथ 28 अगस्त को स्कॉर्पियो से ओरछा पहुंचे थे, जहां उन्होंने मौज-मस्ती की। लेकिन, सुबह उनकी लाश ओरछा के पास स्थित लोटना जंगल में मिली, जबकि उनकी स्कॉर्पियो भी वहीं खड़ी थी। उनका दोस्त नीतीश यादव भी घटनास्थल पर मौजूद था। परिजनों का कहना है कि 28 अगस्त की शाम को शेर सिंह यादव अपने गांव के आशीष यादव, भूपेश पांचाल, और नीतीश यादव के साथ ओरछा पहुंचे थे। इसके बाद पार्टी की गई और फिर कुछ पता नहीं चला। सुबह शेर सिंह का शव मिला, पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। दोस्त नीतीश यादव घटनास्थल पर मौजूद था, लेकिन दो अन्य दोस्त मौके पर नहीं थे। जैसे ही पुलिस पहुंची, नीतीश यादव भी फरार हो गया।
परिजनों का आरोप है कि ओरछा पुलिस ने बारीकी से जांच नहीं की, जिसके चलते 10 दिन बाद भी हत्याकांड का खुलासा नहीं हुआ है। परिजनों ने निवाड़ी पुलिस अधीक्षक को भी आवेदन दिया है और गुहार लगाई है कि इस मामले की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराई जाए। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब शरीर पर चोट के निशान हैं तो मृतक के साथ क्या हुआ? परिजन यह भी जानना चाहते हैं कि अगर वह घायल हुआ था तो उसके दोस्त उसे अस्पताल क्यों नहीं ले गए? यह सवाल बार-बार उठ रहा है कि आखिर पुलिस इस मामले में लापरवाही क्यों बरत रही है।
क्या कहते हैं थाना प्रभारी
ओरछा पुलिस थाने के प्रभारी जगतपाल सिंह का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो चोटें दर्शाई गई हैं, वे एक्सीडेंटल चोटें हैं, मारपीट की नहीं। अगर, मारपीट की चोटें होतीं तो वे चेहरे से शुरू होतीं, जबकि मृतक के शरीर में चोटें पैर से लेकर सिर की ओर गई हैं। इस बात की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि मृतक के साथ जो व्यक्ति मिला था, वह उसके पास ही सो रहा था, इन लोगों ने इतनी शराब पी रखी थी कि किसी को होश नहीं था। मेरा प्रयास है कि मामले का सही खुलासा हो।
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