पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us टीकमगढ़ पुलिस ने टीकमगढ़ सहित भारत में संचालित चिट फंड कंपनी का पर्दाफाश किया है। उन्होंने बताया कि निवेशकों की करोड़ों रुपए की राशि को ठगने वाले इस गिरोह के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से चार करोड़ 15 लाख 26 हजार रुपए की चल-अचल संपत्ति को जब्त किया गया है और बाकी लोगों की तलाश जारी है। यह चिट फंड कंपनी भारत के 10 राज्यों में कार्य कर रही थी।  टीकमगढ़ के पुलिस अधीक्षक रोहित ने बताया कि गत दिनों शहर के कई निवेशकों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय आकर आवेदन दिया था। इसमें बताया था कि टीकमगढ़ शहर के चकरा तिराहे स्थित एलजेसीसी बैंक ऑफिस बंद करके भाग गए हैं और लोगों का करोड़ों रुपए वापस नहीं कर रहे हैं। लोगों से आवेदन मिलने के बाद टीकमगढ़ पुलिस कोतवाली में इस एलजेसीसी यानी की लस्टीनेस जनहित कैडेट कोऑपरेटिव सोसाइटी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और इस मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। टीकमगढ़ शहर में ब्रांच मैनेजर रहे सुबोध रावत सहित पांच लोगों को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई तो इस पूरी चिट फंड कंपनी और लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। उन्होंने बताया कि इस बैंक में काम करने वाले लोगों ने करोड़ों रुपए की ठगी करके अपनी संपत्ति बनाई और इसके साथ इन सभी लोगों ने बैंकों में अपने एफडीआर किया। इस मामले में इस  कंपनी का सीएमडी समीर अग्रवाल दुबई में रहता है इसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इस चिट फंड कंपनी  भारत के 10 राज्यों में संचालित होती थी सात सोसाइटियों के नाम से करते थे ठगी पुलिस अधीक्षक रोहित ने बताया कि वर्ष 2012 में मुंबई की रहने वाले समीर अग्रवाल ने 7 समितियां बनाई थीं, जो सबसे पहले समिति बनाई गई थी उसने टीकमगढ़ में आकर अपनी ब्रांच खोली और लोगों को जल्दी धन वाला बनाने का लालच देकर उनकी राशि को हड़प लिया। पहले यह कंपनी ऑप्शन वन के नाम से टीकमगढ़ में ऑफिस मिला खुला और निवेश से रुपये लेना शुरू कर दिए। इसके बाद इस कंपनी ने अपना नाम स्वामी विवेकानंद रख लिया, इसके बाद इस कंपनी का नाम एलजेसीसी हो गया।  पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वर्ष 2012 से लेकर 2024 तक 12 वर्षों के दौरान इस कंपनी ने टीकमगढ़ जिले के निवेशकों से करोड़ों रुपए की राशि फर्जी तरीके से हड़प करके बैंक प्रबंधन में काम करने वाले कर्मचारियों ने जमीन मकान वाहन और सरकारी बैंकों में एफडीआर बना लिए और अंत में बैंक को बंद करके फरार हो गए। उन्होंने बताया कि अभी अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी होगी।  पकड़े गए पांच आरोपी  चिटफंड कंपनी के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में ब्रांच मैनेजर सुबोध रावत, अजय तिवारी, विजय कुमार शुक्ला, राहुल यादव और जियालाल राय को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी आरोपियों पर धारा 111 318 61(2)bnsके तहत गिरफ्तारी की गई है। अभी 6 आरोपियों की गिरफ्तारी होना शेष हैं, जिसमें इस कंपनी का सीएमडी भी शामिल है।  

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

टीकमगढ़ पुलिस ने टीकमगढ़ सहित भारत में संचालित चिट फंड कंपनी का पर्दाफाश किया है। उन्होंने बताया कि निवेशकों की करोड़ों रुपए की राशि को ठगने वाले इस गिरोह के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से चार करोड़ 15 लाख 26 हजार रुपए की चल-अचल संपत्ति को जब्त किया गया है और बाकी लोगों की तलाश जारी है। यह चिट फंड कंपनी भारत के 10 राज्यों में कार्य कर रही थी। 

टीकमगढ़ के पुलिस अधीक्षक रोहित ने बताया कि गत दिनों शहर के कई निवेशकों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय आकर आवेदन दिया था। इसमें बताया था कि टीकमगढ़ शहर के चकरा तिराहे स्थित एलजेसीसी बैंक ऑफिस बंद करके भाग गए हैं और लोगों का करोड़ों रुपए वापस नहीं कर रहे हैं। लोगों से आवेदन मिलने के बाद टीकमगढ़ पुलिस कोतवाली में इस एलजेसीसी यानी की लस्टीनेस जनहित कैडेट कोऑपरेटिव सोसाइटी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और इस मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। टीकमगढ़ शहर में ब्रांच मैनेजर रहे सुबोध रावत सहित पांच लोगों को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई तो इस पूरी चिट फंड कंपनी और लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। उन्होंने बताया कि इस बैंक में काम करने वाले लोगों ने करोड़ों रुपए की ठगी करके अपनी संपत्ति बनाई और इसके साथ इन सभी लोगों ने बैंकों में अपने एफडीआर किया। इस मामले में इस  कंपनी का सीएमडी समीर अग्रवाल दुबई में रहता है इसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इस चिट फंड कंपनी  भारत के 10 राज्यों में संचालित होती थी

सात सोसाइटियों के नाम से करते थे ठगी
पुलिस अधीक्षक रोहित ने बताया कि वर्ष 2012 में मुंबई की रहने वाले समीर अग्रवाल ने 7 समितियां बनाई थीं, जो सबसे पहले समिति बनाई गई थी उसने टीकमगढ़ में आकर अपनी ब्रांच खोली और लोगों को जल्दी धन वाला बनाने का लालच देकर उनकी राशि को हड़प लिया। पहले यह कंपनी ऑप्शन वन के नाम से टीकमगढ़ में ऑफिस मिला खुला और निवेश से रुपये लेना शुरू कर दिए। इसके बाद इस कंपनी ने अपना नाम स्वामी विवेकानंद रख लिया, इसके बाद इस कंपनी का नाम एलजेसीसी हो गया। 

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वर्ष 2012 से लेकर 2024 तक 12 वर्षों के दौरान इस कंपनी ने टीकमगढ़ जिले के निवेशकों से करोड़ों रुपए की राशि फर्जी तरीके से हड़प करके बैंक प्रबंधन में काम करने वाले कर्मचारियों ने जमीन मकान वाहन और सरकारी बैंकों में एफडीआर बना लिए और अंत में बैंक को बंद करके फरार हो गए। उन्होंने बताया कि अभी अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी होगी। 

पकड़े गए पांच आरोपी 
चिटफंड कंपनी के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में ब्रांच मैनेजर सुबोध रावत, अजय तिवारी, विजय कुमार शुक्ला, राहुल यादव और जियालाल राय को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी आरोपियों पर धारा 111 318 61(2)bnsके तहत गिरफ्तारी की गई है। अभी 6 आरोपियों की गिरफ्तारी होना शेष हैं, जिसमें इस कंपनी का सीएमडी भी शामिल है।
 

Posted in MP