आरोपी गिरफ्तार - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us शिवपुरी जिले के जिला सहकारी बैंक की कोलारस शाखा में 80.56 करोड़ रुपये का गबन के मामले में फरार चल रहे दो आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है। पुलिस ने बैंक के चपरासी से कैशियर बने और इस कांड के मुख्य कर्ताधर्ता राकेश पाराशर के भाई मुकेश पाराशर व उसके बेटे गगन पाराशर को पकड़ा है। पुलिस ने बताया है कि दोनों ही आरोपी वृंदावन में भेष बदलकर रह रहे थे। पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर इन दो आरोपियों को पकड़ा है। पिछले तीन साल से यह फरार चल रहे थे। शिवपुरी जिले के जिला सहकारी बैंक कोलारस की शाखा में बैंक के चपरासी राकेश पराशर ने यहां पर कैशियर का चार्ज लेकर के जिला सहकारी बैंक में 80.56 करोड़ रुपये का गबन किया था। इस मामले में राकेश पाराशर पहले ही पकड़ा जा चुका है। इस मामले में बैंक के खातों में चपरासी से कैशियर बने पर राकेश पराशर ने हेरफेर कर अपने नाते रिश्तेदारों कके खातों में लाखों रुपये की राशि ट्रांसफर कर दी थी। बाद में मामला खुला था और इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई। सहकारी बैंक के एक दर्जन से अधिक अधिकारी व कर्मचारी इस मामले में निलंबित किए गए थे और वर्तमान में इस मामले की जांच चल रही है। तीन से साल से फरार चल रहे दो आरोपी वृंदावन से पकड़े बैंक से 80.56 करोड़ रुपये के गबन मामले में चपरासी राकेश पाराशर के भाई मुकेश व बेटे गगन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कोलारस पुलिस टीम ने वृंदावन से दोनों को पकड़ा है। दोनों ही बैंक गबन के मामले में तीन साल से फरार चल रहे थे। पुलिस ने बताया है कि बैंक गबन की विवेचना में जो लोग शामिल हैं, उन सभी को सह आरोपी बनाकर पुलिस धीरे-धीरे गिरफ्तार करेगी। पुलिस ने बताया है कि वृंदावन की बसेरा कॉलोनी से राकेश के भाई मुकेश पराशर और बेटे गगन पाराशर को बुधवार को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस टीम दबिश देने पहुंची तो दोनों यहां भेष बदलकर रह रहे थे। मुकेश पाराशर और राकेश पाराशर को पुलिस गिरफ्तार कर कोलारस ले आई है। बता दें कि कोलारस थाने में भादवि की धारा- 409, 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि एवं भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13 (1) क, 13(1) ख के तहत अपराध पंजीबद्ध है। दोनों को इन्हीं अपराध में गिरफ्तार किया है। करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए थे बैंक गबन मामले में साल 2020-21 में मुकेश पाराशर के खाते में कोऑपरेटिव बैंक अकाउंट से 3.50 करोड़ जारी हुए थे। मुकेश के खाते से 1.50 करोड़ रुपये नौकर रवि रजक के खाते में पहुंचे। फिर रवि रजक के के खाते से 10 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन गगन पाराशर खाते में हुआ था। यानी दोनों ही चाचा-भतीजे कोऑपरेटिव बैंक के पैसों के गबन की साजिश में शामिल होने पर अपराधी बने हैं। कोलारस एसडीओपी विजय यादव ने बताया कि जिला सहकारी बैंक शाखा कोलारस से हुए गबन की छानबीन में मुकेश पाराशर और गगन पाराशर के खतो में ट्रांजेक्शन हुआ है। दोनों को वृंदावन से गिरफ्तार किया है। दोनों ही भेष बदलकर रह रहे थे।

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आरोपी गिरफ्तार – फोटो : अमर उजाला

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शिवपुरी जिले के जिला सहकारी बैंक की कोलारस शाखा में 80.56 करोड़ रुपये का गबन के मामले में फरार चल रहे दो आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है। पुलिस ने बैंक के चपरासी से कैशियर बने और इस कांड के मुख्य कर्ताधर्ता राकेश पाराशर के भाई मुकेश पाराशर व उसके बेटे गगन पाराशर को पकड़ा है। पुलिस ने बताया है कि दोनों ही आरोपी वृंदावन में भेष बदलकर रह रहे थे। पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर इन दो आरोपियों को पकड़ा है। पिछले तीन साल से यह फरार चल रहे थे।

शिवपुरी जिले के जिला सहकारी बैंक कोलारस की शाखा में बैंक के चपरासी राकेश पराशर ने यहां पर कैशियर का चार्ज लेकर के जिला सहकारी बैंक में 80.56 करोड़ रुपये का गबन किया था। इस मामले में राकेश पाराशर पहले ही पकड़ा जा चुका है। इस मामले में बैंक के खातों में चपरासी से कैशियर बने पर राकेश पराशर ने हेरफेर कर अपने नाते रिश्तेदारों कके खातों में लाखों रुपये की राशि ट्रांसफर कर दी थी। बाद में मामला खुला था और इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई। सहकारी बैंक के एक दर्जन से अधिक अधिकारी व कर्मचारी इस मामले में निलंबित किए गए थे और वर्तमान में इस मामले की जांच चल रही है।

तीन से साल से फरार चल रहे दो आरोपी वृंदावन से पकड़े
बैंक से 80.56 करोड़ रुपये के गबन मामले में चपरासी राकेश पाराशर के भाई मुकेश व बेटे गगन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कोलारस पुलिस टीम ने वृंदावन से दोनों को पकड़ा है। दोनों ही बैंक गबन के मामले में तीन साल से फरार चल रहे थे। पुलिस ने बताया है कि बैंक गबन की विवेचना में जो लोग शामिल हैं, उन सभी को सह आरोपी बनाकर पुलिस धीरे-धीरे गिरफ्तार करेगी।

पुलिस ने बताया है कि वृंदावन की बसेरा कॉलोनी से राकेश के भाई मुकेश पराशर और बेटे गगन पाराशर को बुधवार को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस टीम दबिश देने पहुंची तो दोनों यहां भेष बदलकर रह रहे थे। मुकेश पाराशर और राकेश पाराशर को पुलिस गिरफ्तार कर कोलारस ले आई है। बता दें कि कोलारस थाने में भादवि की धारा- 409, 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि एवं भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13 (1) क, 13(1) ख के तहत अपराध पंजीबद्ध है। दोनों को इन्हीं अपराध में गिरफ्तार किया है।

करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए थे
बैंक गबन मामले में साल 2020-21 में मुकेश पाराशर के खाते में कोऑपरेटिव बैंक अकाउंट से 3.50 करोड़ जारी हुए थे। मुकेश के खाते से 1.50 करोड़ रुपये नौकर रवि रजक के खाते में पहुंचे। फिर रवि रजक के के खाते से 10 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन गगन पाराशर खाते में हुआ था। यानी दोनों ही चाचा-भतीजे कोऑपरेटिव बैंक के पैसों के गबन की साजिश में शामिल होने पर अपराधी बने हैं। कोलारस एसडीओपी विजय यादव ने बताया कि जिला सहकारी बैंक शाखा कोलारस से हुए गबन की छानबीन में मुकेश पाराशर और गगन पाराशर के खतो में ट्रांजेक्शन हुआ है। दोनों को वृंदावन से गिरफ्तार किया है। दोनों ही भेष बदलकर रह रहे थे।

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