शिवपुरी में स्विट्जरलैंड से आकर भारतीय पद्धति से विवाह किया। – फोटो : सोशल मीडिया
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स्विट्जरलैंड के मार्टिन और जर्मनी की उलरिके शिवपुरी में एक दूसरे के हो गए। इस चर्चित शादी में बड़ी संख्या में हस्तियां मौजूद रहीं। मार्टिन शेरवानी में और उलरिके लहंगा पहनकर भारतीय दूल्हा-दुल्हन लग रहे थे। इस शादी में बाकायदा बारात निकाली गई फिर बाद में वरमाला कराई गई। भारतीय परम्परा के अनुसार वैदिक मंत्रों के साथ विवाह हुआ। इस शादी में करीब आधा दर्जन विदेशी मेहमान भी शामिल हुए। शादी के बाद मार्टिन ने कहा कि वह गुरु जी के आशीर्वाद और सान्निध्य में शादी करना चाहते थे। उनकी यह मुराद पूरी हुई हैं।
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रविवार की रात स्विट्जरलैंड के मार्टिन की बरात निकाली गई। मार्टिन शेरवानी पहनकर सिर पर साफा बांध बग्गी पर सवार हुए। मार्टिन की बरात में दो विदेशी महिलाएं थीं, लेकिन करीब एक सैकड़ा बराती भारतीय थे। जो फिल्मी गानों पर थिरकते हुए चल रहे थे। इधर, उलरिके ने भी लहंगा पहना हुआ था। उन्होंने मार्टिन के नाम हाथों में मेहंदी रचाई हुई थी। बाकायदा भारतीय पद्धति के अनुसार उलरिके मंच पर वरमाला के लिए पहुंचीं। उनके साथ भारतीय महिलाएं रहीं। जहां मंच पर वैदिक मंत्रों के साथ वरमाला हुई। इस मौके सभी धर्मों के गुरुओं ने पहुंचकर मार्टिन और उलरिके को अपना आशीर्वाद दिया।
बता दें मार्टिन और उलरिके की शादी में पूर्व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त सहित पूर्व विधायक और कई चर्चित हस्तियां मौजूद रहीं। मार्टिन और उलरिके 23 जुलाई तक शिवपुरी में रहने के बाद दोनों दिल्ली में दो दिन रुकेंगे। इसके बाद स्विट्जरलैंड रवाना हो जाएंगे। मार्टिन और उलरिके ने चर्चा के दौरान बताया कि हम नहीं जानते मुहूर्त क्या होता है, सिर्फ इतना जानते हैं कि अपने गुरु के समक्ष लिया गया वचन और क्रिया हमेशा फलदाई होती है इसलिए हमने गुरु पूर्णिमा का दिन विवाह के लिए चुना और अपने गुरुजी के साथ-साथ सर्वधर्म गुरुओं से आशीष लेकर हमने दांपत्य बंधन में बंधना स्वीकार किया। नव दंपती ने यह भी बताया कि विदेश में शादी होती तो है, लेकिन एक पार्टनरशिप की तरह होती है।
उन्होंने बताया कि जहां सौदे में मुनाफा हुआ तो साथ-साथ और विचारों में अलगाव तो रास्तों में बदलाव हो जाता है। लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। यहां शादी यानी जीवनसाथी का एक दूसरे के लिए समर्पण। फिर चाहे सुख हो या दुख, धूप हो या छांव हर परिस्थिति में एक दूसरे के साथ निभाने की परंपरा। बस इसी परंपरा को विश्व आध्यात्मिक संस्थान के प्रमुख डॉ. रघुवीर सिंह गौर से पांच साल पहले जाना और तय कर लिया कि जब भी शादी होगी गुरुजी के आशीर्वाद से ही उन्हीं के सान्निध्य में होगी। इस संकल्प के साथ भारतीय संस्कारों के साथ एक दूसरे का हाथ थाम लिया है। मार्टिन ने बताया कि टूर के दौरान मेरी मुलाकात स्पेन में उलरिके (48) से हुई। वह जर्मनी के म्यूनिख शहर की रहने वाली हैं। पेशे से नर्स हैं और नामी हॉस्पिटल में पदस्थ हैं। हम दोनों जब मिले तो हमारे विचार एक से थे। विचारों ने मेल खाया तो दोस्ती बढ़ गई। फोन पर बातें शुरू हो गईं। बातचीत धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। मार्टिन का कहना है कि वह गुरु जी के आशीर्वाद और सान्निध्य में शादी करना चाहते थे। उनकी यह मुराद पूरी हुई हैं।
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