न्यूज डेस्क, अमर उजाला, डिंडौरी Published by: अंकिता विश्वकर्मा Updated Tue, 08 Aug 2023 10: 06 AM IST
डिंडौरी जिले में एक से बढ़कर एक जलप्रपात हैं, जिनकी खूबसूरती बारिश के दिनों में देखते ही बनती है। आज हम आपको ऐसे ही एक जलप्रपात का दीदार कराने वाले हैं जिसकी तस्वीरें देखने के बाद आप खुद को रोक नहीं पाएंगे। घने जंगलों के बीच स्थित इस मनमोहक जलप्रपात तक पहुंचने के लिए करीब दो किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है। हम बात कर रहे हैं डिंडौरी जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर करंजिया विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत उमरिया के पोषक ग्राम ददरगांव के पास घने जंगलों के बीच स्थित जलप्रपात की, जिसे शिवनार के नाम से जाना जाता है।
यहां झरने का पानी करीब 50 फ़ीट की ऊंचाई से जब नीचे गिरता है तो नजारा बेहद ही रोमांचकारी होता है। साथ ही इस जलप्रपात की मनमोहक आवाज हर समय जंगल में गूंजते रहती है। जलप्रपात के नीचे काफी प्राचीन गुफा है, जहां भगवान शिव का एक छोटा सा मंदिर मौजूद है। महाशिवरात्रि के दिन यहां मेला लगता है, जहां आसपास के ग्रामों से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। लोगों की यह भी मान्यता है कि इस जलप्रपात के पानी से स्नान करने में चर्मरोग दूर हो जाते हैं।
कुदरत की इस धरोहर को संरक्षित करने के लिए जिले के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के द्वारा किसी प्रकार की पहल तक नहीं की गई है। शिवनार जैसे डिंडौरी जिले में अनेक जलप्रपात हैं, जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यदि ऐसे स्थानों को चिन्हित करके पर्यटन के क्षेत्र में विकसित किया जाता है, तो कुदरत की इन धरोहरों को सहेजा और संवारा जा सकता है, जिसके साथ स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार के सुनहरे अवसर भी प्रदान किए जा सकते हैं। शिवनार के अलावा डिंडौरी जिले में नेवसा, देवनाला एवं किकरकुंड जैसे कई जलप्रपात हैं, जिसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है, लेकिन अब तक किसी भी जिम्मेदार अफसर एवं जनप्रतिनिधियों ने इनकी सुध नहीं ली है।
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