sheopur:-खदान-में-डूबने-से-दो-नाबालिगों-की-मौत,-एक-पैर-फिसलने-से-पानी-में-गिरा-तो-दूसरा-भाई-बचाने-कूदा
श्योपुर में दो नाबालिगों की डूबने से मौत। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us श्योपुर जिले के ओछापुर की खदान में दो नाबालिगों की डूबने से मौत हो गई। दोनों चचेरे भाई थे। बताया जा रहा है कि 12 साल का बच्चा खदान के पास खड़ा था, उसका पैर फिसला और पानी में जा गिरा। ये देख 17 साल का उसका भाई बचाने के लिए पानी में कूद गया। Trending Videos ओछापुरा में मो रोड के पास अवैध पत्थर खदान है। ओछापुरा थाना प्रभारी जय सिंह रघुवंशी ने बताया कि धर्मेंद्र और रामवतार माली रिश्तेदार के साथ बकरियां चराने खदान के पास गए थे। जब बकरियों को पानी पिलाने लगे तो धर्मेंद्र का पैर फिसला और वह डूबने लगा। भाई को डूबता देखकर रामावतार भी खदान में कूद गया। दोनों को ही तैरना नहीं आता था। जब तक लोग वहां पहुंचे दोनों की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। परिजन प्रभुलाल का कहना है कि बच्चे घर से बकरी चराने के लिए निकले थे। खदान अवैध थी, जिसमें बहुत पानी भरा था। बच्चे शायद नहाने लगे या गिर गए, पता नहीं। पानी में डूबकर उनकी मौत हुई है। विजयपुर एसडीएम बीएस श्रीवास्तव का कहना है कि खदान अवैध है, जिससे ग्रामीण अपनी जरूरत के हिसाब से पत्थर निकालते हैं। आगे इस तरह की घटना न हो इसके लिए इंतजाम कराएंगे और मृतकों को शासन की गाइडलाइन के हिसाब से 4-4 लाख रुपए दिए जा रहे हैं। दो साल पहले भी ओरछापुर के पास बड़ागांव में पत्थर खदान में दो बच्चों की डूबने से मौत हो गई थी।

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श्योपुर में दो नाबालिगों की डूबने से मौत। – फोटो : अमर उजाला

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श्योपुर जिले के ओछापुर की खदान में दो नाबालिगों की डूबने से मौत हो गई। दोनों चचेरे भाई थे। बताया जा रहा है कि 12 साल का बच्चा खदान के पास खड़ा था, उसका पैर फिसला और पानी में जा गिरा। ये देख 17 साल का उसका भाई बचाने के लिए पानी में कूद गया।

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ओछापुरा में मो रोड के पास अवैध पत्थर खदान है। ओछापुरा थाना प्रभारी जय सिंह रघुवंशी ने बताया कि धर्मेंद्र और रामवतार माली रिश्तेदार के साथ बकरियां चराने खदान के पास गए थे। जब बकरियों को पानी पिलाने लगे तो धर्मेंद्र का पैर फिसला और वह डूबने लगा। भाई को डूबता देखकर रामावतार भी खदान में कूद गया। दोनों को ही तैरना नहीं आता था। जब तक लोग वहां पहुंचे दोनों की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।

परिजन प्रभुलाल का कहना है कि बच्चे घर से बकरी चराने के लिए निकले थे। खदान अवैध थी, जिसमें बहुत पानी भरा था। बच्चे शायद नहाने लगे या गिर गए, पता नहीं। पानी में डूबकर उनकी मौत हुई है। विजयपुर एसडीएम बीएस श्रीवास्तव का कहना है कि खदान अवैध है, जिससे ग्रामीण अपनी जरूरत के हिसाब से पत्थर निकालते हैं। आगे इस तरह की घटना न हो इसके लिए इंतजाम कराएंगे और मृतकों को शासन की गाइडलाइन के हिसाब से 4-4 लाख रुपए दिए जा रहे हैं। दो साल पहले भी ओरछापुर के पास बड़ागांव में पत्थर खदान में दो बच्चों की डूबने से मौत हो गई थी।

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