शहडोल में सड़क हादसा। – फोटो : अमर उजाला
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शासकीय बिरसा मुण्डा चिकित्सा महाविद्यालय में प्रशिक्षु एक महिला चिकित्सक सोमवार दोपहर एक बड़े सड़क हादसे का शिकार हो गईं। वह स्कूटी समेत ट्रक के पहिए में फंसने के बाद लगभग चालीस मीटर तक घिसटती रहीं और अंत में सड़क से दूर जा फेंकी गईं। हादसे के बाद उन्हें गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां गहन चिकित्सा यूनिट में उनका इलाज चल रहा है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु चिकित्सक के रूप में कार्यरत सृष्टि सोनी सोमवार को ड्यूटी के बाद दोपहर लगभग 2 बजे अपनी स्कूटी (क्रमांक एमपी 65 जेडए 2318) से घर जा रही थीं। जैसे ही वह मेडिकल कॉलेज चौराहा से हाइवे पर पहुंचीं, तभी बुढ़ार की ओर से तेज रफ्तार आ रहे ट्रक (क्रमांक टीएन 46 एस 6369) की चपेट में आ गईं। इसके बाद वह स्कूटी समेत ट्रक के पहिए में फंस गईं और करीब 40 मीटर तक घिसटने के बाद सड़क से दूर फेंक दी गईं, जबकि उनकी स्कूटी अब भी ट्रक के पहिए में फंसी हुई थी। मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉक्टर नगेंद्र सिंह ने बताया कि इंटर्नशिप कर रही डॉक्टर सृष्टि सोनी को सड़क हादसे में गंभीर चोटें आई हैं। उनके सिर में गंभीर चोटें हैं। मुझे जब जानकारी मिली तो मैं खुद जाकर उन्हें देखने गया। डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है।
ट्रक चालक की लापरवाही
वहाँ मौजूद लोगों द्वारा ट्रक चालक को इशारा करते हुए वाहन रोकने को कहा गया, लेकिन उसने ट्रक नहीं रोका। लगभग 40 मीटर तक स्कूटी को घसीटते हुए वह आगे ले गया। पुलिस के डायल 100 ने ट्रक का पीछा कर उसे रुकवाया, तब जाकर ट्रक के पहिए थमे। थाना प्रभारी सोहागपुर भूपेंद्र मणि पांडे ने बताया कि ट्रक चालक को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। ट्रक को थाने में खड़ा कराया गया है।
डेथ पॉइंट बन चुका है चौराहा
मेडिकल कॉलेज चौराहा अब एक डेथ पॉइंट बन चुका है। यहाँ अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और कई लोग हाथ-पैर तुड़वा चुके हैं। लेकिन लगातार हादसों के बावजूद सड़क निर्माण से जुड़े विभाग ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया और न ही प्रशासन के आला अधिकारियों को इन हादसों से कोई फर्क पड़ा। पूर्व में हुए हादसे के बाद जब काफी हो-हल्ला हुआ और मीडिया में खबरें प्रकाशित हुईं, तब अस्थाई तौर पर यातायात उप पुलिस अधीक्षक द्वारा बैरिकेट्स रखवाए गए थे। लेकिन यह व्यवस्था भी कारगर साबित नहीं हुई, क्योंकि रात में तेज रफ्तार से गुजरने वाले ट्रक और अन्य बड़े वाहनों द्वारा बैरिकेट्स को टक्कर मारकर तोड़ दिया जाता है। इस चौराहे पर हादसों को रोकने के लिए स्थाई व्यवस्था करने की जरूरत है। अब प्रशासन आगे कुछ उपाय करता है या नहीं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
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