shahdol-news:-मां-के-मरने-के-चार-दिन-बाद-बच्चे-की-भी-मौत,-मेडिकल-कॉलेज-प्रबंधन-पर-लापरवाही-के-आरोप
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल Published by: शहडोल ब्यूरो Updated Mon, 09 Sep 2024 10: 44 AM IST एक महिला को शहडोल मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था। उपचार के दौरान बीते हफ्ते बुधवार को महिला की मौत हो गई थी। वहीं, चार दिन बाद अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती बच्चे की भी मौत हो गई। मासूम की पुरानी तस्वीर - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us शहडोल मेडिकल कॉलेज में जिस नवजात को झुलसी हुई अवस्था में बीते 25 अगस्त को भर्ती कराया गया था, उसकी मां की उपचार के दौरान मेडिकल कॉलेज में बीते बुधवार को मौत हो गई थी। वहीं, चार दिन बाद जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती नवजात ने भी रविवार को दम तोड़ दिया। परिजन अब दोनों की मौत का जिम्मेदार मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को ठहरा रहे हैं। हालांकि, मेडिकल कॉलेज इन आरोपों को सिरे से नकार रहा है। जानकारी के अनुसार, बीते 23 अगस्त को मेडिकल कॉलेज में जयंती पनिका निवासी ग्राम उफरी थाना ब्यौहारी निवासी की डिलीवरी हुई थी। बच्चा जन्म के बाद स्वस्थ था। मां को खून की कमी होने के कारण भर्ती किया गया था। दो दिन भर्ती के बाद नवजात को पीलिया हो गया, जिसे मेडिकल कॉलेज के वॉर्मर में रखा गया था। दो दिन तक एसएनसीयू में भर्ती था, तीसरे दिन दोपहर में स्तनपान के बाद भी वॉर्मर में रख दिया गया। शाम को परिजनों के साथ नवजात की मां जब बच्चे के स्तनपान के लिए वहां गई तो देखा कि उसके नवजात बच्चे का शरीर झुलसा हुआ है, जिसके बाद परिजनों ने आरोप लगाया था कि शिकाई के दौरान लापरवाही के कारण अधिक हीटिंग से बच्चे का शरीर झुलस गया है। उसके बाद काफी हो हंगामा हुआ था। जानकारी पुलिस तक पहुंची, फिर बच्चे को झुलसे हुए हालत में जिला अस्पताल मे भर्ती करा दिया गया था। मां मेडिकल कॉलेज में थी भर्ती घटना के बाद नवजात को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। जबकि मां का मेडिकल कॉलेज में ही इलाज चल रहा था। चिकित्सकों के अनुसार, वह एनीमिक थी, यानी उसके अंदर खून की कमी थी। इलाज के दौरान बीते बुधवार को उसकी मेडिकल कॉलेज मे मौत हो गई। अब एक बार फिर मृतिका के परिजनों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि महिला का सही उपचार नहीं किए जाने के कारण उसकी मौत हुई है। परिजनों का यह आरोप है कि बच्चे के जलने के बाद हमने जब विरोध किया और बच्चे को जिला अस्पताल लेकर चले गए, तब से महिला का उपचार बंद कर दिया गया था। इस कारण समुचित उपचार के अभाव मे उसकी मौत हो गई। हालांकि, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इन आरोपों को गलत बताते हुए कह रहा कि महिला एनीमिक थी और इसी कारण संभवतः उसकी मौत हुई। यहां उसका समुचित उपचार हो रहा था। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल Published by: शहडोल ब्यूरो Updated Mon, 09 Sep 2024 10: 44 AM IST

एक महिला को शहडोल मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था। उपचार के दौरान बीते हफ्ते बुधवार को महिला की मौत हो गई थी। वहीं, चार दिन बाद अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती बच्चे की भी मौत हो गई। मासूम की पुरानी तस्वीर – फोटो : अमर उजाला

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शहडोल मेडिकल कॉलेज में जिस नवजात को झुलसी हुई अवस्था में बीते 25 अगस्त को भर्ती कराया गया था, उसकी मां की उपचार के दौरान मेडिकल कॉलेज में बीते बुधवार को मौत हो गई थी। वहीं, चार दिन बाद जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती नवजात ने भी रविवार को दम तोड़ दिया। परिजन अब दोनों की मौत का जिम्मेदार मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को ठहरा रहे हैं। हालांकि, मेडिकल कॉलेज इन आरोपों को सिरे से नकार रहा है।

जानकारी के अनुसार, बीते 23 अगस्त को मेडिकल कॉलेज में जयंती पनिका निवासी ग्राम उफरी थाना ब्यौहारी निवासी की डिलीवरी हुई थी। बच्चा जन्म के बाद स्वस्थ था। मां को खून की कमी होने के कारण भर्ती किया गया था। दो दिन भर्ती के बाद नवजात को पीलिया हो गया, जिसे मेडिकल कॉलेज के वॉर्मर में रखा गया था। दो दिन तक एसएनसीयू में भर्ती था, तीसरे दिन दोपहर में स्तनपान के बाद भी वॉर्मर में रख दिया गया।

शाम को परिजनों के साथ नवजात की मां जब बच्चे के स्तनपान के लिए वहां गई तो देखा कि उसके नवजात बच्चे का शरीर झुलसा हुआ है, जिसके बाद परिजनों ने आरोप लगाया था कि शिकाई के दौरान लापरवाही के कारण अधिक हीटिंग से बच्चे का शरीर झुलस गया है। उसके बाद काफी हो हंगामा हुआ था। जानकारी पुलिस तक पहुंची, फिर बच्चे को झुलसे हुए हालत में जिला अस्पताल मे भर्ती करा दिया गया था।

मां मेडिकल कॉलेज में थी भर्ती
घटना के बाद नवजात को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। जबकि मां का मेडिकल कॉलेज में ही इलाज चल रहा था। चिकित्सकों के अनुसार, वह एनीमिक थी, यानी उसके अंदर खून की कमी थी। इलाज के दौरान बीते बुधवार को उसकी मेडिकल कॉलेज मे मौत हो गई। अब एक बार फिर मृतिका के परिजनों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि महिला का सही उपचार नहीं किए जाने के कारण उसकी मौत हुई है।

परिजनों का यह आरोप है कि बच्चे के जलने के बाद हमने जब विरोध किया और बच्चे को जिला अस्पताल लेकर चले गए, तब से महिला का उपचार बंद कर दिया गया था। इस कारण समुचित उपचार के अभाव मे उसकी मौत हो गई। हालांकि, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इन आरोपों को गलत बताते हुए कह रहा कि महिला एनीमिक थी और इसी कारण संभवतः उसकी मौत हुई। यहां उसका समुचित उपचार हो रहा था।

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