shahdol-news:-बाढ़-के-थपेड़ों-से-जर्जर-हुआ-मुरना-पुल,-शहडोल-कटनी-मार्ग-के-जर्जर-पुल-से-आवागमन-जारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल Published by: शहडोल ब्यूरो Updated Sun, 25 Aug 2024 03: 41 PM IST MP: एक दिन पहले हुई मूसलाधार बारिश के कारण मुरना नदी में आई बाढ़ के कारण शहडोल-कटनी मार्ग पर आकाशवाणी के सामने स्थित पुल जर्जर हो चुका है। बाढ़ के थपेड़ों से पुल के दोनों ओर की मिट्टी का कटाव हो चुका है। मुरना नदी पुल के नीचे की मिट्टी खसकी विस्तार Follow Us एक दिन पहले हुई मूसलाधार बारिश के कारण मुरना नदी में आई बाढ़ के कारण शहडोल-कटनी मार्ग पर आकाशवाणी के सामने स्थित पुल जर्जर हो चुका है। बाढ़ के थपेड़ों से पुल के दोनों ओर की मिट्टी का कटाव हो चुका है। पुल के ऊपर की रेलिंग उखड़ कर नदी में सामा गई है। अब जर्जर पुल हो जाने के कारण उसके धराशाई होने का खतरा बना हुआ है। कल शाम को एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने इसका निरीक्षण भी किया था, जिसमें यह पाया गया था कि पुल जर्जर हो चुका है। हालांकि खतरे का अंदेशा नहीं बताया गया था। रेलिंग की जगह छोटी-छोटी बोरियों में रेत भर कर रखी गई है जो किसी काम की नहीं है। कटनी शहडोल मार्ग अति व्यस्ततम मार्ग है छोटे बड़े वाहनों का निरंतर आना-जाना जारी है, ऐसे में किसी बड़े खतरे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इधर प्रशासन की लापरवाही और अनदेखी सवालों के घेरे में है। 7 फीट ऊपर से बह रहा था पानी शनिवार की सुबह से ही मुरना नदी ऊफान में थी और पुल के 7 फीट ऊपर से बह रही थी, जिसके कारण कई बड़े-बड़े पेड़ टूट कर पुल से टकराये। जिसकी वजह से पुल में कई क्रैश आ गए हैं एवं नीचे की मिट्टी खसक गई है। ऊपरी हिस्से में लगी दोनों ओर की रेलिंग तेज बहाव के कारण उखड़ कर नदी में समा गई है। पुल के ऊपर बनी सड़क भी टूट गई है ऊपरी हिस्से में शहडोल की ओर मिट्टी का कटाव हो गया है। इतना होने के बाद भी प्रशासन ने इस मार्ग में आवागमन शुरू कर दिया है। जानाकारी के अनुसार शनिवार की दोपहर नदी में पानी का बहाव कम हुआ और पुल से पानी नीचे उतर गया, जिसके बाद एमपीआरडीसी के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पुल का जायजा लेते हुए कुछ घंटे के लिए मार्ग में आवागमन रोक गया था, लेकिन देर शाम इस पुल से वाहनों की आवाजाही शुरू करने के अधिकारियों ने निर्देश दे दिए, जिसके बाद जर्जर पुल से बड़े एवं छोटे वाहन आवाजाही कर रहे हैं। इस मार्ग में यात्री बसें भी हर 15 मिनट में गुजराती हैं। बताया जाता है कि मुरना नदी के ऊपर बने इस पुल का निर्माण 1962 में हुआ था। बीच-बीच में इसकी मरम्मत का कार्य कराया गया है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल Published by: शहडोल ब्यूरो Updated Sun, 25 Aug 2024 03: 41 PM IST

MP: एक दिन पहले हुई मूसलाधार बारिश के कारण मुरना नदी में आई बाढ़ के कारण शहडोल-कटनी मार्ग पर आकाशवाणी के सामने स्थित पुल जर्जर हो चुका है। बाढ़ के थपेड़ों से पुल के दोनों ओर की मिट्टी का कटाव हो चुका है। मुरना नदी पुल के नीचे की मिट्टी खसकी

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एक दिन पहले हुई मूसलाधार बारिश के कारण मुरना नदी में आई बाढ़ के कारण शहडोल-कटनी मार्ग पर आकाशवाणी के सामने स्थित पुल जर्जर हो चुका है। बाढ़ के थपेड़ों से पुल के दोनों ओर की मिट्टी का कटाव हो चुका है। पुल के ऊपर की रेलिंग उखड़ कर नदी में सामा गई है। अब जर्जर पुल हो जाने के कारण उसके धराशाई होने का खतरा बना हुआ है। कल शाम को एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने इसका निरीक्षण भी किया था, जिसमें यह पाया गया था कि पुल जर्जर हो चुका है। हालांकि खतरे का अंदेशा नहीं बताया गया था। रेलिंग की जगह छोटी-छोटी बोरियों में रेत भर कर रखी गई है जो किसी काम की नहीं है। कटनी शहडोल मार्ग अति व्यस्ततम मार्ग है छोटे बड़े वाहनों का निरंतर आना-जाना जारी है, ऐसे में किसी बड़े खतरे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इधर प्रशासन की लापरवाही और अनदेखी सवालों के घेरे में है।

7 फीट ऊपर से बह रहा था पानी
शनिवार की सुबह से ही मुरना नदी ऊफान में थी और पुल के 7 फीट ऊपर से बह रही थी, जिसके कारण कई बड़े-बड़े पेड़ टूट कर पुल से टकराये। जिसकी वजह से पुल में कई क्रैश आ गए हैं एवं नीचे की मिट्टी खसक गई है। ऊपरी हिस्से में लगी दोनों ओर की रेलिंग तेज बहाव के कारण उखड़ कर नदी में समा गई है। पुल के ऊपर बनी सड़क भी टूट गई है ऊपरी हिस्से में शहडोल की ओर मिट्टी का कटाव हो गया है। इतना होने के बाद भी प्रशासन ने इस मार्ग में आवागमन शुरू कर दिया है।

जानाकारी के अनुसार शनिवार की दोपहर नदी में पानी का बहाव कम हुआ और पुल से पानी नीचे उतर गया, जिसके बाद एमपीआरडीसी के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पुल का जायजा लेते हुए कुछ घंटे के लिए मार्ग में आवागमन रोक गया था, लेकिन देर शाम इस पुल से वाहनों की आवाजाही शुरू करने के अधिकारियों ने निर्देश दे दिए, जिसके बाद जर्जर पुल से बड़े एवं छोटे वाहन आवाजाही कर रहे हैं। इस मार्ग में यात्री बसें भी हर 15 मिनट में गुजराती हैं। बताया जाता है कि मुरना नदी के ऊपर बने इस पुल का निर्माण 1962 में हुआ था। बीच-बीच में इसकी मरम्मत का कार्य कराया गया है।

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