न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल Published by: शहडोल ब्यूरो Updated Mon, 22 Jul 2024 11: 55 AM IST
जिला अस्पताल शहडोल में आवारा कुत्ते भी सीटी स्कैन कराने आते हैं। वो बकायदा मरीजों के साथ बैठकर इंतजार भी करते हैं। मरीज लेटता है तो कुत्ते भी लेटते हैं। मरीज बैठते हैं तो कुत्ते भी बैठते हैं। शहडोल जिला अस्पताल में अवारा कुत्ते – फोटो : अमर उजाला
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शहडोल में एक ओर जहां प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा होने का दावा कर रही है। वहीं, दूसरी ओर हम प्रदेश सरकार के इन दावों की वास्तविकता आपको दिखा रहे हैं। हम आपको ले चलते हैं आदिवासी बाहुल्य संभाग शहडोल। यहां के संभागीय मुख्यालय में कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल स्थित है। इस जिला अस्पताल में हैरानी वाली बात यह है कि यहां आवारा कुत्तों और मरीजों का एक साथ दाखिला होता है। जिला अस्पताल में जगह-जगह आवारा कुत्तों का हुजूम होता है। आवारा कुत्तों को जिला अस्पताल की लत ऐसी है कि वो मरीजों के साथ ही बैठते हैं। अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों पर ये आक्रामक आवारा कुत्ते कब हमला कर देंगे कुछ कहा नहीं जा सकता।
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संभागीय मुख्यालय शहडोल का जिला अस्पताल शहडोल संभाग का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। यहां अनूपपुर और उमरिया के अलावा छत्तीसगढ़ से भी मरीज रेफर होकर आते हैं। यहां एक्स रे कराने के बाद मरीजों को फिल्म नहीं दी जाती। बल्कि मोबाइल में रिपोर्ट दिखाई जाती है। सोनोग्राफी के लिए लंबी कतार होती है, कई-कई हफ्ते की वेटिंग के बाद यहां सोनोग्राफी होती है। वहीं, अगर रविवार है तो आप भूल से भी बीमार मत होइए, क्योंकि रविवार को लगभग जिला अस्पताल बंद होता है।
सीटी स्कैन कराने आते हैं आवारा कुत्ते
जिला अस्पताल शहडोल में आवारा कुत्ते भी सीटी स्कैन कराने आते हैं। वो बकायदा मरीजों के साथ बैठकर इंतजार भी करते हैं। मरीज लेटता है तो कुत्ते भी लेटते हैं। मरीज बैठते हैं तो कुत्ते भी बैठते हैं। ऐसा नहीं है कि वहां स्वास्थ्य अधिकारी, कर्मचारी या सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं होते। सब वहीं होते हैं, इस अव्यवस्था को सब देखते हैं लेकिन सब इसके आदि हो चुके हैं। इस लापरवाही को सब स्वीकार चुके हैं। पुष्पराजगढ़ की रहने वाली एक महिला अपने मासूम बच्चे को लेकर जिला अस्पताल पहुंची जहां उसे डॉक्टरों ने निमोनिया की दिक्कत बताई, जिसका सिटी स्कैन कराने के लिए महिला घंटों सीटी स्कैन केंद्र के बाहर इंतजार करती रही, मासूम को निमोनिया था और वह बीमार होकर स्वस्थ होने जिला अस्पताल परिजन लेकर उसे पहुंचे थे। सीटी स्कैन सेंटर के बाहर कुत्ते के साथ मासूम को इंतजार करना पड़ा। अब सवाल यह उठता है कि स्वस्थ होने परिजन मासूम को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन आवारा कुत्ते वहां पहले से ही आराम फरमा रहे थे, मासूम और भी संक्रमित होगा या स्वस्थ होगा?
गेट पर गार्डों की ड्यूटी लगाई गई है, अगर कुत्ते अंदर आए हैं तो गलत है मैं इसे दिखवाता हूं जो भी दोषी होगा उसे पर कार्रवाई करुंगा। सीटी स्कैन के लिए एक ही डॉक्टर है, मेडिकल कॉलेज में सिटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से मरीजों की संख्या ज्यादा है और दिक्कतें हो रही हैं।
डॉक्टर मुकुंद चतुर्वेदी, प्रभारी सीएस जिला अस्पताल शहडोल
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